भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभाग) केंद्रीय कार्यालय मुंबई अधिसूचना सं.फेमा 188/2009-आरबी दिनांक : 3 फरवरी 2009 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2009 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के परंतुक (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 (7 जुलाई, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/2004-आरबी) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, 2. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (क) ये विनियम, विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2009 कहलाएंगे । (ख) ये विनियमों में निर्दिष्ट तारीख से लागू माने जाएंगे । 3. विनियम 2 में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 (7 जुलाई, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.120 /आरबी-2004) (अब से आगे ‘मूल विनियम’ के रुप में उल्लिखित) के, विनियम 2 में, (i) परंतुक (द) के बाद निम्नलिखित को अंत: स्थापित किया जाएगा और यह माना जाएगा कि 23 सितंबर 2008 से अंत: स्थापित किया गया हो, अर्थात् :- (ध) ‘‘विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड ’’का तात्पर्य है, विदेशी मुद्रा में व्यक्त बाँड, जिसका मूल तथा ब्याज विदेशी मुद्रा में देय हो, किसी कंपनी द्वारा जारी तथा भारत से बाहर रहने वाले किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा में अभिदत्त हो और जो किसी भी प्रकार से पूर्णतया अथवा आंशिक रुप से डेबिट लिखतों से संबध्द किसी इक्विटी के आधार पर प्रस्तावकर्ता कंपनी के शेयरों में विनिमेय हो। (न) निर्गम कंपनी का तात्पर्य उस कंपनी से है जो कंपनी अधिनियम 1956 (1956 का 1) के तहत पंजीकृत हो और जिसकी इन विनियमों के तहत विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड जारी करने की पात्रता हो । (प) ‘‘प्रवर्तक समूह’’ का वही अर्थ है जो कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (प्रकटीकरण तथा निवेशक संरक्षण) विनियमावली 2000 में परिभाषित किया गया है । (ii) परंतुक (ध) को (ब) के रुप में पुन: क्रमांकित किया गया है । 4. विनिमय 21 का संशोधन मूल विनियमावली के खण्ड - III में, विनियम 21 में, उप विनियम (2) के परंतुक (ii) के बाद निम्नलिखित परंतुक अंत:स्थापित किया जाएगा, और यह माना जाएगा कि वह 23 सितंबर 2008 से समाविष्ट किया गया है अर्थात्:- ’’ (iii) भारतीय रिजर्व बैंक की विशिष्ट अनुमति से अनुसूची IV में निर्धारित शर्तों के अनुसार तथा शर्तों के अधीन भारत के बाहर रहने वाले किसी व्यक्ति को विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड जारी कर सकता है ।" 5. नयी सारणी का समावेशन : मूल विनियमावली की अनुसूची III के बाद, निम्नलिखित अनुसूची समाविष्ट ाकि जाएगी और यह माना जाएगा कि वह 23 सितंबर 2008 से समाविष्ट की गयी है , अर्थात् :- अनुसूची IV (विनियम 21 (2) देखें ) विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबीएस) 1. मुद्रा:-विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी)किसी सुलभ परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में नामित किये जायेंगे । 2. पात्र जारीकर्ता : जारीकर्ता कंपनी प्रस्तावकर्ता कंपनी के प्रवर्तक समूह का भाग होगी और विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड जारी करते समय प्रस्तुत इक्विटी शेयर/शेयर्स धारित करेगी। 3. प्रस्तावकर्ता कंपनी सूचीबध्द कंपनी होगी जो विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त करने के लिए उचित क्षेत्र में लगी है और विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बाँड अथवा बाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) जारी करने अथवा प्राप्त करने के लिए पात्र है । 4. विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी)जारी करने के लिए अपात्र कंपनियां: ऐसी कंपनी जिसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा प्रतिभूति बाजार में पहुंचने में रोक लगा दी गयी है,सहित कोई भारतीय कंपनी जो भारतीय प्रतिभूति बाजार से निधि उठाने के लिए पात्र नहीं है, विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड जारी करने के लिए पात्र नहीं है । 5. पात्र अभिदाता : विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति का पालन करने वाली और विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड जारी करते समय क्षेत्रीय उच्चतम सीमा का अनुसरण करने वाली संस्थाएं विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड में अभिदान कर सकती है । विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के तहत जहां आवश्यक हो, विदेशी निवेश प्रवर्तक बोर्ड का पूर्वानुमोदन प्राप्त करना चाहिए। 6. विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड में अभिदान करने के लिए अपात्र कंपनियां : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा प्रतिभूतियां खरीदने, बेचने अथवा लेन-देन करने के लिए निषिध्द समझी गयी कंपनियां विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड में अभिदान करने के लिए पात्र नहीं है। 7. विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) से प्राप्त आगत प्रयोजनपरक उपयोग-निर्गम कंपनी (i) विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) से प्राप्त आगतों को भारत के बाहर की निर्गम कंपनी द्वारा संयुक्त उद्यमों अथवा विदेश के पूर्ण स्वामित्व प्रतिष्ठानों में, समुद्रपारीय निवेशों के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों के अधीन निवेश सहित प्रत्यक्ष निवेश के जरिये निवेशित किया जा सकता है । (ii) निर्गम कंपनी द्वारा विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) से प्राप्त आगमों को प्रवर्तक समूह कंपनियों में निवेशित किया जा सकता है । प्रवर्तक समूह कंपनियां विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) से होने वाली आय प्राप्त करने वाली प्रवर्तक समूह कंपनियां, विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) से प्राप्त आय का, बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के तहत निर्धारित प्रयोजनपरक उपयोग कर सकते हैं । 8. अंतिम उपयोग अनुमत नहीं इस प्रकार के निवेश प्राप्त करने वाली प्रवर्तक समूह कंपनियों को भारत में एफसीईबी से होने वाली आय को पूँजी-बाजार अथवा स्थावर संपदा में निवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी । 9. समग्र-लागत विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना तथा उधार देना ) विनियमावली,2000 (3 मई, 2000 की अधिसूचना फेमा सं. 3/2000-आरबी ) और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इसकी तरफ से जारी दिशा-निर्देशों में यथानिर्धारित, एफसीईबी पर देय ब्याज तथा विदेशी मुद्रा में किये गये निर्गम व्यय समग्र लागत सीमा के भीतर होंगे । 10. विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड(एफसीईबी) की मूल्य सूची विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) निर्गम के समय प्रस्तावित सूचीबध्द इक्विटी शेयर का विनिमय मूल्य निम्नलिखित दो के उच्चतर मूल्य से कम नहीं होना चाहिए : (i) शेयर बाजार में उपयुक्त तारीख से पूर्ववर्ती छ: माह के दौरान, प्रस्तुतकर्ता कंपनी के शेयरों के अंतिम मूल्य के लगाये गये उच्च तथा निम्न मूल्य का साप्ताहिक औसत । (ii) शेयर बाजार में उपयुक्त तारीख से पूर्ववर्ती दो सप्ताह के दौरान, प्रस्तुतकर्ता कंपनी के शेयरों के अंतिम मूल्य के लगाये गये उच्च तथा निम्न मूल्य का साप्ताहिक औसत। परंतुक (i) तथा (i i) की व्याख्या : उपर्युक्त तारीख से वह तारीख अभिप्रेत है जिस तारीख को निर्गम कंपनी का निदेशक मंडल, विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) के निर्गम अधिकृत करते हुए प्रस्ताव पारित करता है । 11. औसत परिपक्वता : विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) की न्यूनतम परिपक्वता पांच वर्ष होगी । प्रतिदान की नियत तारीख के पहले कभी भी विनिमय का विकल्प दिया जा सकता है । विनिमय का विकल्प देने पर विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) धारक को प्रस्तुत शेयरों की सुपुर्दगी लेनी होगी । विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) के नकदी निपटान की अनुमति नहीं दी जायेगी । विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना तथा उधार देना ) विनियमावली, 2000 (3 मई,2000 की अधिसूचना फेमा सं. 3/2000-आरबी) और इस अधिसूचना के आधार पर समय समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) की आगम राशि, निर्गम कंपनियों/प्रवर्तक समूह की कंपनियों द्वारा विदेशों में रखी जायेंगी/पुनर्नियोजित की जायेंगी । 12. विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) की आगम राशि विदेशों में रखना विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) की आगम राशि, निर्गम कंपनियों /प्रवर्तक समूह कंपनियों द्वारा विदेशों में रखी जायेंगी / पुनर्नियोजित की जायेंगी । यह निर्गम कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करें कि प्रवर्तक समूह कंपनी , विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) की आगम राशि का उपयोग बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के तहत नर्धारित केवल अनुमत प्रयोजन-परक कार्यों के लिए ही करें । निर्गम कंपनी भी निर्गम कंपनी/प्रवर्तक समूह कंपनियों द्वारा आगम राशि के उपयोग की, नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक द्वारा विधिवत् प्रमाणित लेखापरीक्षा रिपोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करें । 13. परिचालनगत प्रक्रिया : विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना तथा उधार देना ) विनियमावली, 2000 (3 मई,2000 की अधिसूचना फेमा सं. 3/2000-आरबी) में यथानिर्दिष्ट, विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) जारी करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन अपेक्षित है । 14 रिपोर्टिंग: बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में, विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना तथा उधार देना ) विनियमावली, 2000 (3 मई,2000 की अधिसूचना फेमा सं. 3/2000-आरबी) के प्रावधान, विदेशी मुद्रा विनिमेय बाँड (एफसीईबी) पर भी लागू हैं । (सलीम गंगाधरन) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
पाद टिप्पणी : 1) यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी व्यक्ति पर इन विमियमों के पूर्वव्यापी प्रभाव से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा । 2) मूल विनियमावली, सरकारी राजपत्र में भाग ।।,धारा 3,उप-धारा (i)में 19 नवंबर, 2004 की जी.एस.आर. सं. 757(अ) में प्रकाशित किए गए और तत्पश्चात् निम्नलिखित द्वारा संशोधित किये गये : i) 7 अप्रैल, 2005 के जी.एस.आर.220(अ) ii) 27 मई, 2005 के जी.एस.आर.सं.337(अ) iii) 31 अगस्त , 2005 के जी.एस.आर.सं.552(अ) iv) 6 सितंबर, 2006 के जी.एस.आर.सं.535 (अ) v) 5 जनवरी, 2008 के जी.एस.आर.सं.13 (अ) vi) 27 मई. 2005 के जी.एस.आर.सं.209 (अ) प्रकाशित की जानी है vii)-----------------------------------सं.172/12-12-2007 vii) 24 सितंबर, 2008 के जी.एस.आर.सं.676 (अ) ix) 31 अक्तूबर, 2008 के जी.एस.आर.सं.756 (अ)
जी. एस. आर. सं. 301 (अ) / मई 1, 2009 |
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