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विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई - 400 001

अधिसूचना सं.फेमा. 361/2016-आरबी

15 फरवरी 2016

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2016

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (बी) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात:-

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

  1. ये विनियम, विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2016 कहलाएंगे।

  2. वे सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।

2. विनियम में संशोधन

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी) में,

ए. विनियम 2 में, खंड (viiए) निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात:

"(viiए) अनिवासी भारतीय (NRI) का तात्पर्य भारत से बाहर के निवासी उस व्यक्ति से है जो भारत का नागरिक है अथवा नागरिकता अधिनियम,1955 की धारा 7(ए) के अर्थों में "ओवरसीज़ भारतीय नागरिक" का कार्ड होल्डर है।

बी. विनियम 5(3) को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात:

"(i) कोई अनिवासी भारतीय (NRI) अनुसूची 3 में विनिर्दिष्ट शर्तों के तहत, पोर्टफोलियो निवेश योजना के अंतर्गत, प्रत्यावर्तनीय आधार पर, भारत में किसी स्टॉक एक्स्चेंज से प्रतिभूतियां अथवा यूनिटें अर्जित कर सकता है।

(ii) कोई अनिवासी भारतीय (NRI) अनुसूची 4 में विनिर्दिष्ट शर्तों के तहत, अप्रत्यावर्तनीय आधार पर, प्रतिभूतियां अथवा यूनिटें अर्जित कर सकता है।

सी. अनुसूची 3, निम्नवत प्रतिस्थापित की जाएगी, अर्थात

"अनुसूची – 3
[विनियम 5(3)(i) देखें]

किसी अनिवासी भारतीय (NRI) द्वारा पोर्टफोलियो निवेश योजना के अंतर्गत प्रत्यावर्तनीय
आधार पर भारत में किसी स्टाक एक्स्चेंज से प्रतिभूतियों अथवा यूनिटों का अर्जन

1. कोई अनिवासी भारतीय (NRI), प्रत्यावर्तनीय आधार पर, किसी भारतीय कंपनी के शेयर, परिवर्तनीय अधिमानी शेयर, परिवर्तनीय डिबेंचर और वारंट अथवा किसी निवेश संस्था (investment vehicle) की यूनिटें किसी स्टाक एक्स्चेंज से निम्नलिखित शर्तों के अंतर्गत खरीद अथवा बेच सकता है:

ए. अनिवासी भारतीय (NRI) किसी प्राधिकृत व्यापारी द्वारा एतदर्थ नामित शाखा के जरिए पोर्टफोलियो निवेश योजना के अंतर्गत शेयर/परिवर्तनीय अधिमानी शेयर/परिवर्तनीय डिबेंचर/वारंट एवं यूनिटों की खरीद एवं बेच सकते हैँ;

बी. किसी एक अनिवासी भारतीय (NRI) द्वारा किसी भारतीय कंपनी के खरीदे गए शेयरों का प्रदत्त मूल्य संबंधित कंपनी द्वारा जारी शेयरों के प्रदत्त मूल्य के पांच प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए;

सी. किसी एक अनिवासी भारतीय (NRI) द्वारा प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी श्रृंखला के अंतर्गत खरीदे गए परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों का प्रदत्त मूल्य संबंधित कंपनी द्वारा जारी संबंधित श्रृंखला के परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों के प्रदत्त मूल्य के पांच प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए;

डी. किसी एक अनिवासी भारतीय (NRI) द्वारा प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी श्रृंखला के अंतर्गत खरीदे गए वारंटों का प्रदत्त मूल्य संबंधित कंपनी द्वारा जारी संबंधित श्रृंखला के वारंटों के प्रदत्त मूल्य के पांच प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए;

ई. सभी अनिवासी भारतीयों (NRIs) द्वारा प्रत्यावर्तनीय आधार पर किसी कंपनी के खरीदे गए शेयरों का समग्र प्रदत्त मूल्य संबंधित कंपनी द्वारा जारी शेयरों के प्रदत्त मूल्य के दस प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए और सभी अनिवासी भारतीयों (NRIs) द्वारा प्रत्येक श्रृंखला के अंतर्गत खरीदे गए परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों अथवा वारंटों का समग्र प्रदत्त मूल्य संबंधित श्रृंखलाओं के परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों अथवा वारंटों के प्रदत्त मूल्य के दस प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए;

बशर्ते कि, इस खंड में संदर्भित दस प्रतिशत की समग्र उच्चतम सीमा को बढ़ाकर चौबीस प्रतिशत किया जा सकता है यदि संबंधित भारतीय कंपनी की सामान्य निकाय की बैठक द्वारा इस आशय का विशेष संकल्प पारित किया जाए;

एफ. अनिवासी निवेशक खरीदे गए शेयरों/परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों/ वारंटों एवं यूनिटों की सुपुर्दगी लें एवं उन्हें बेचने पर सुपुर्दगी दें;

जी. जहां कहीं लागू हो, ये निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति एवं इन विनियमों की अनुसूची 1 के उपबंधों के अधीन सेक्टोरल कैप के अधीन होंगे।

स्पष्टीकरण: "निवेश संस्थाओं" एवं "यूनिटों" के तात्पर्य वही होंगे जैसेकि इन विनियमों के विनियम 2 के उप-विनियम (iiजी) और (xiए) में यथा परिभाषित हैं।

2. रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट भेजना

पैराग्राफ 1 में यथा संदर्भित प्राधिकृत व्यापारी की नामित शाखा द्वारा इस अनुसूची के अंतर्गत किए गए लेनदेनों को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट रीति से उसे रिपार्ट किया जाएगा।

3. अनिवासी भारतीय द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों/यूनिटों आदि की खरीद और बिक्री के लिए लेनदेन हेतु खाते रखना

इस योजना के तहत निवेश करने के लिए कोई अनिवासी भारतीय, इस अनुसूची के अंतर्गत शेयरों/परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों/ परिवर्तनीय डिबेंचरों/वारंटों/यूनिटों की बिक्री एवं खरीद संबंधी लेनदेनों की प्राप्ति एवं भुगतान हेतु, पैराग्राफ 1 में संदर्भित प्राधिकृत व्यापारी {विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 के अनुसार प्राधिकृत व्यापारी बैंक द्वारा) की नामित शाखा में 'नामित एनआरई' खाता खोल सकता है। नामित खाता एनआरई (पीआईएस) खाता कहलाएगा।

नामित शाखा यह सुनिश्चित करेगी कि पोर्टफोलियो निवेश योजना से भिन्न तरीके से अर्जित प्रतिभूतियों अथवा यूनिटों, जैसे एडीआर / जीडीआर में/के परिवर्तन पर अर्जित अंतर्निहित शेयरों / प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत अर्जित शेयरों / परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों/ परिवर्तनीय डिबेंचरों / वारंटों अथवा भारत से बाहर अनिवासी भारतीयों से खरीदे अथवा निवासियों / अनिवासियों से निजी व्यवस्था के अंतर्गत अर्जित अथवा भारत में निवास के दौरान अर्जित की गई प्रतिभूतियों की बिक्रीगत आगम राशि एनआरई (पीआईएस) खाते में न तो जमा की जाएगी और न ही तत्संबंध में नामे की जाएगी।

4. एनआरई (NRE) (पीआईएस) खाते में अनुमत जमा /से अनुमत नामे

जमा

ए. सामान्य बैंकिंग चैनल से विदेशी मुद्रा में आवक विप्रेषण;

बी. किसी अनिवासी द्वारा भारत में प्राधिकृत व्यापारी के पास रखे अन्य एनआरई (NRE) अथवा एफसीएनबार (FCNR) (बी) खाते से अंतरण;

सी. प्रत्यावर्तनीय आधार पर योजना के अंतर्गत शेयरों / परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों / परिवर्तनीय डिबेंचरों / वारंटों / यूनिटों के किए गए अर्जन और किसी पंजीकृत दलाल के जरिए स्टॉक एक्स्चेंज में की गई बिक्री (लागू करों के भुगतान के बाद) की निवल आगम राशि; और

डी. प्रत्यावर्तनीय आधार पर योजना के अंतर्गत किए गए निवेश पर अर्जित लाभांश अथवा आय ।

नामे

ए. अर्जित लाभांश अथवा आय के जावक विप्रेषण;

बी. योजना के अंतर्गत प्रत्यावर्तनीय आधार पर शेयरों / परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों / परिवर्तनीय डिबेंचरों / वारंटों / यूनिटों की किसी पंजीकृत दलाल के जरिए स्टॉक एक्स्चेंज से की गई खरीद के लिए आदयगी;

सी. योजना के अंतर्गत प्रतिभूतियों/यूनिटों की बिक्री/खरीद के कारण प्रभारों हेतु।

डी. भारत से बाहर विप्रेषण अथवा किसी अनिवासी भारतीय अथवा ऐसा खाता रखने के लिए पात्र किसी अन्य व्यक्ति के खाते से एनआरई (NRE) अथवा एफसीएनआर (FCNR) (बी) खाते में अंतरण।

5. छूट

मौजूदा एनआरओ (पीआईएस) खातों को एनआरओ खाते के रूप में पुनर्नामित किया जाएगा।"

डी. अनुसूची 4 निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित की जाएगी, अर्थात

" अनुसूची – 4
[विनियम 5(3)(ii) देखें ]

किसी अनिवासी भारतीय द्वारा, अप्रत्यावर्तनीय
आधार पर, प्रतिभूतियों अथवा यूनिटों का अर्जन

खरीद के लिए अनुमति

1. भारत से बाहर निगमित कंपनी, ट्रस्ट और भागीदारी फ़र्म, जो अनिवासी भारतीय द्वारा स्वाधिकृत और नियंत्रित हैं, सहित कोई अनिवासी भारतीय अप्रत्यावर्तनीय आधार पर इक्विटी शेयर, परिवर्तनीय अधिमानी शेयर, परिवर्तनीय डिबेंचर, वारंट अथवा यूनिटें अर्जित एवं धारित कर सकता है, जिन्हें किसी निवासी द्वारा किए गए निवेश के समतुल्य घरेलू निवेश माना जाएगा। सामान्य स्वरूप को खोए बिना, यह उल्लेख किया जाता है कि -

ए. कोई अनिवासी भारतीय बिना किसी सीमा के किसी स्टॉक एक्स्चेंज अथवा उससे बाहर किसी कंपनी द्वारा जारी प्रतिभूतियों की खरीद अप्रत्यावर्तनीय आधार पर कर सकता है।

बी. कोई अनिवासी भारतीय बिना किसी सीमा के किसी स्टॉक एक्स्चेंज अथवा उससे बाहर किसी निवेश संस्था द्वारा जारी यूनिटों की खरीद अप्रत्यावर्तनीय आधार पर कर सकता है।

सी. कोई अनिवासी भारतीय किसी भागीदारी फ़र्म अथवा मालिकाना फ़र्म अथवा सीमित देयता भागीदारी फ़र्म की पूंजी में अप्रत्यावर्तनीय आधार पर अंशदान कर सकता है।

स्पष्टीकरण: "निवेश संस्थाओं" एवं "यूनिटों" के तात्पर्य वही होंगे जैसेकि इन विनियमों के विनियम 2 के उप-विनियम (iiजी) और (xiए) में यथा परिभाषित हैं।

खरीद पर प्रतिबंध

2. पैराग्राफ 1 में उल्लिखित किसी बात के होते हुए भी, कोई अनिवासी भारतीय, इस अनुसूची के अंतर्गत, किसी निधि कंपनी अथवा कृषि / बागवानी गतिविधियों अथवा रियल इस्टेट कारोबार अथवा फार्म हाउस के निर्माण अथवा हस्तांतरणीय विकास अधिकार में संलग्न कंपनियों के इक्विटी शेयरों, परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों, परिवर्तनीय डिबेंचरों, वारंटों अथवा यूनिटों में निवेश नहीं करेगा।

स्पष्टीकरण : इस पैराग्राफ के प्रयोजन के लिए, "रियल इस्टेट कारोबार" का तात्पर्य लाभ कमाने के दृष्टिकोण से भूमि एवं अचल संपत्ति के ऐसे सौदे करना है और उसमें टाउनशिप का विकास, आवासीय, वाणिज्यिक परिसरों, सड़क अथवा पुलों, शैक्षिक संस्थाओं, मनोरंजन सुविधाओं, नगर और क्षेत्रीय स्तर के इन्फ्रास्ट्रक्चर, टाउनशिप के निर्माण शामिल नहीं हैं। इसके अलावा, संपत्ति के लीज़ से प्राप्त किराए से हुई आमदनी, जो अंतरणीय नहीं है, को रियल इस्टेट कारोबार की राशि नहीं माना जाएगा। सेबी (REITs) विनियमावली, 2014 के तहत पंजीकृत एवं विनियमित किसी ‘निवेश संस्था (investment vehicle)’ की यूनिटों में किया गया निवेश भी "रियल इस्टेट कारोबार" की परिभाषा से बाहर होगा।"

खरीद के लिए भुगतान का तरीका

3. इस अनुसूची के अंतर्गत निवेश करने के लिए प्रतिफल राशि विदेश से सामान्य बैंकिंग चैनल के जरिए किए गए विप्रेषण से अथवा भारत में किसी बैंक के पास रखे एनआरई / एफसीएनआर / एनआरओ (NRE/FCNR/NRO) खाते में जमा निधियों से अदा की जा सकती है।

बिक्री / परिपक्वतागत आगम राशि

4. इस अनुसूची के अंतर्गत अर्जित प्रतिभूतियों अथवा यूनिटों की बिक्री/परिपक्वतागत आगम राशि (लागू करों को घटाकर) केवल एनआरओ (NRO) खाते में जमा की जाएगी, भले ही प्रतिफल राशि का भुगतान किसी भी स्वरूप के खाते से किया गया हो।

5. इस योजना के अंतर्गत किए गए निवेश की राशि और उसकी पूंजी में हुई वृद्धि भारत से बाहर प्रत्यावर्तित नहीं की जा सकेगी।"

(बी.पी.कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक


पाद टिप्पणी : मूल विनियमावली 8 मई 2000 को जी.एस.आर.सं.406 (ई) भाग-।।, खंड 3, उप-खंड (i) के तहत सरकारी राजपत्र के में प्रकाशित और तत्पश्चात निम्नलिखित द्वारा संशोधित की गयी:-

जी.एस.आर. सं. 158(ई) दिनांक 02.03.2001
जी.एस.आर. सं. 175(ई) दिनांक 13.03.2001
जी.एस.आर. सं. 182(ई) दिनांक 14.03.2001
जी.एस.आर. सं. 4(ई) दिनांक 02.01.2002
जी.एस.आर. सं. 574(ई) दिनांक 19.08.2002
जी.एस.आर. सं. 223(ई) दिनांक 18.03.2003
जी.एस.आर. सं. 225(ई) दिनांक 18.03.2003
जी.एस.आर. सं. 558(ई) दिनांक 22.07.2003
जी.एस.आर. सं. 835(ई) दिनांक 23.10.2003
जी.एस.आर. सं. 899(ई) दिनांक 22.11.2003
जी.एस.आर. सं. 12(ई) दिनांक 07.01.2004
जी.एस.आर. सं. 278(ई) दिनांक 23.04.2004
जी.एस.आर. सं. 454(ई) दिनांक 16.07.2004
जी.एस.आर. सं. 625(ई) दिनांक 21.09.2004
जी.एस.आर. सं. 799(ई) दिनांक 08.12.2004
जी.एस.आर. सं. 201(ई) दिनांक 01.04.2005
जी.एस.आर. सं. 202(ई) दिनांक 01.04.2005
जी.एस.आर. सं. 504(ई) दिनांक 25.07.2005
जी.एस.आर. सं. 505(ई) दिनांक 25.07.2005
जी.एस.आर. सं. 513(ई) दिनांक 29.07.2005
जी.एस.आर. सं. 738(ई) दिनांक 22.12.2005
जी.एस.आर. सं. 29(ई) दिनांक 19.01.2006
जी.एस.आर. सं. 413(ई) दिनांक 11.07.2006
जी.एस.आर. सं. 712(ई) दिनांक 14.11.2007
जी.एस.आर. सं. 713(ई) दिनांक 14.11.2007
जी.एस.आर. सं. 737(ई) दिनांक 29.11.2007
जी.एस.आर. सं. 575(ई) दिनांक 05.08.2008
जी.एस.आर. सं. 896(ई) दिनांक 30.12.2008
जी.एस.आर. सं. 851(ई) दिनांक 01.12.2009
जी.एस.आर. सं. 341(ई) दिनांक 21.04.2010
जी.एस.आर. सं. 821(ई) दिनांक 10.11.2012
जी.एस.आर. सं. 606(ई) दिनांक 03.08.2012
जी.एस.आर. सं. 795(ई) दिनांक 30.10.2012
जी.एस.आर. सं. 796(ई) दिनांक 30.10.2012
जी.एस.आर. सं. 797(ई) दिनांक 30.10.2012
जी.एस.आर. सं. 945(ई) दिनांक 31.12.2012
जी.एस.आर. सं. 946(ई) दिनांक 31.12.2012
जी.एस.आर. सं. 38(ई) दिनांक 22.01.2013
जी.एस.आर. सं. 515(ई) दिनांक 30.07.2013
जी.एस.आर. सं. 532(ई) दिनांक 05.08.2013
जी.एस.आर. सं. 341(ई) दिनांक 28.05.2013
जी.एस.आर. सं. 344(ई) दिनांक 29.05.2013
जी.एस.आर. सं. 195(ई) दिनांक 01.04.2013
जी.एस.आर. सं. 393(ई) दिनांक 21.06.2013
जी.एस.आर. सं. 591(ई) दिनांक 04.09.2013
जी.एस.आर. सं. 596(ई) दिनांक 06.09.2013
जी.एस.आर. सं. 597(ई) दिनांक 06.09.2013
जी.एस.आर. सं. 681(ई) दिनांक 11.10.2013
जी.एस.आर. सं. 682(ई) दिनांक 11.10.2013
जी.एस.आर. सं. 818(ई) दिनांक 31.12.2013
जी.एस.आर. सं. 805(ई) दिनांक 30.12.2013
जी.एस.आर. सं. 683(ई) दिनांक 11.10.2013
जी.एस.आर. सं. 189(ई) दिनांक 19.03.2014
जी.एस.आर. सं. 190(ई) दिनांक 19.03.2014
जी.एस.आर. सं. 270(ई) दिनांक 07.04.2014
जी.एस.आर. सं. 361(ई) दिनांक 27.05.2014
जी.एस.आर. सं. 370(ई) दिनांक 30.05.2014
जी.एस.आर. सं. 371(ई) दिनांक 30.05.2014
जी.एस.आर. सं. 435(ई) दिनांक 08.07.2014
जी.एस.आर. सं. 400(ई) दिनांक 12.06.2014
जी.एस.आर. सं. 436(ई) दिनांक 08.07.2014
जी.एस.आर. सं. 487(ई) दिनांक 11.07.2014
जी.एस.आर. सं. 632(ई) दिनांक 02.09.2014
जी.एस.आर. सं. 798(ई) दिनांक 13.11.2014
जी.एस.आर. सं. 799(ई) दिनांक 13.11.2014
जी.एस.आर. सं. 800(ई) दिनांक 13.11.2014
जी.एस.आर. सं. 829(ई) दिनांक 21.11.2014
जी.एस.आर. सं. 906(ई) दिनांक 22.12.2014
जी.एस.आर. सं. 914(ई) दिनांक 24.12.2014
जी.एस.आर. सं. 30(ई) दिनांक 14.01.2015
जी.एस.आर. सं. 183(ई) दिनांक 12.03.2015
जी.एस.आर. सं. 284(ई) दिनांक 13.04.2015
जी.एस.आर. सं. 484(ई) दिनांक 11.06.2015
जी.एस.आर. सं. 745(ई) दिनांक 30.09.2015
जी.एस.आर. सं. 759(ई) दिनांक 06.10.2015
जी.एस.आर. सं. 823(ई) दिनांक 30.10.2015
जी.एस.आर. सं. 858(ई) दिनांक 16.11.2015

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