विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (ग्यारहवाँ संशोधन) विनियमावली, 2016 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (ग्यारहवाँ संशोधन) विनियमावली, 2016
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा. 373/2016-आरबी 24 अक्टूबर 2016 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (बी) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.20/2000-आरबी) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात :- 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ:- (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (ग्यारहवाँ संशोधन) विनियमावली, 2016 कहलाएंगे। (ii) वे सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे। 2. अनुसूची 1 में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 20/2000-आरबी) में अनुसूची-1 के पैराग्राफ 2 में वर्तमान उप-पैराग्राफ (4) के पश्चात एक नया उप-पैराग्राफ ‘(5)’ नाम से अंतर्विष्ट किया जाएगा, जो इस प्रकार है: “(5) किसी अनिवासी एंटीटी द्वारा भारत में स्थापित पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, जो ऐसे क्षेत्र में परिचालन करती है, जहां स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है और एफ़डीआई संबंद्ध शर्ते लागू नहीं है, वह संबंधित अनिवासी एंटीटी द्वारा किए जाने वाले निगमन-पूर्व / प्रचालन-पूर्व खर्च हेतु उसकी पूंजी के 5 प्रतिशत अथवा 500,000 अमेरिकी डॉलर, जो भी कम हो, मूल्य तक उक्त अनिवासी एंटिटी के नाम से इक्विटी शेयर अथवा प्रेफ्रेंस शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचर अथवा वारंट जारी कर सकती है, बशर्ते निम्नलिखित शर्तों का अनुपालन किया जाए। ए. इक्विटी शेयर अथवा प्रेफ्रेंस शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचर अथवा वारंट जारी करने के 30 दिनों के भीतर किन्तु यह निगमन की तारीख से एक वर्ष की अवधि के बाद न हो अथवा रिज़र्व बैंक या भारत सरकार द्वारा किसी अनुमत अवधि के भीतर भारतीय कंपनी को ऐसे लेनदेनों के संबंध में रिज़र्व बैंक को फॉर्म FC-GPR प्रारूप में रिपोर्ट करना होगा। बी. जारी की गई इक्विटी शेयर अथवा प्रेफ्रेंस शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचर अथवा वारंट का मूल्य इस विनियमावली की अनुसूची-1 के पैराग्राफ-5 के प्रावधानों के अधीन होगा। सी. इस संबंध में सांविधिक लेखापरीक्षक द्वारा भारतीय कंपनी को जारी प्रमाणपत्र में यह उल्लेख हो कि निगमन-पूर्व / प्रचालन-पूर्व खर्च हेतु जारी की गई इक्विटी शेयर अथवा प्रेफ्रेंस शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचर अथवा वारंट का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए हुआ है, जिसके लिए वह प्राप्त हुई थी। उक्त प्रमाणपत्र FC-GPR फॉर्म के साथ संलग्न कर के भेजा जाए। स्पष्टीकरण: निगमन-पूर्व /प्रचालन-पूर्व खर्च में शामिल राशियों में निवेश प्राप्तकर्ता कंपनी के खाते में विप्रेषित राशि, निवेशक का यदि भारत में खाता है, तो उस खाते में विप्रेषित राशि, किसी परामर्शदाता को, किसी एटर्नी, आदि को अथवा किसी सामग्री आपूर्तिकर्ता / सेवा प्रदाता को निगमन अथवा प्रचालन की शुरुआत हेतु आवश्यक खर्च की राशि शामिल है। (शेखर भटनागर) पाद-टिप्पणी :- मूल विनियमावली 8 मई 2000 को जी.एस.आर.सं.406 (अ) भाग-।।, खंड 3, उप-खंड (i) के तहत सरकारी राजपत्र के में प्रकाशित और तत्पश्चात निम्नलिखित द्वारा संशोधित की गयी:- जी.एस.आर. सं. 158(अ) दिनांक 02.03.2001 |