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विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2003

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400001

अधिसूचना सं.फेमा.108/2003-आरबी

दिनांक :22 दिसंबर, 2003

विदेशी मुद्रा प्रबंध - (किसी विदेशी प्रतिभूति का
अंतरण अथवा निर्गम) (पांचवां संशोधन) विनियमावली, 2003

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग तथा 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 में आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्,

1.संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

(i) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)(पाँचवां संशोधन) विनियमावली 2003 कहलाएगी।

(ii) यह विनियमावली राजकीय राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होगी ।

2. विनियमावली में संशोधन

विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000, अनुसूची 2,
(i) पैराग्राफ 1 में,

(क) उप- पैराग्राफ 1 और 2 के स्थान पर निम्नलिखित उप- पैराग्राफ प्रतिस्थापित किये जायेंगे , अर्थात्,

"(1) पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक(एफआईआई) संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत किसी भारतीय कंपनी के शेयर और परिवर्तनीय डिबेंचर खरीद सकते हैं।

(2) उप- पैराग्राफ 2 के अंतर्गत शेयर/परिवर्तनीय डिबेंचर भारत के मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से खरीदे जायेंगे ।

(ii) उप- पैराग्राफ 2 के स्थान पर निम्नलिखित उप- पैराग्राफ प्रतिस्थापित किया जायेगा , अर्थात्,
कोई पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक(एफआईआई) शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों की खरीद व विक्री से संबंधित प्राप्तियों और भुगतान के कारोबार के लिए किसी प्राधिकृत व्यापारी की नामित शाखा में निम्नलिखित शर्तों के अधीन विदेशी मुद्रा खाता और /अथवा अनिवासी रुपया खाता खोल सकता है :

(i) खाते में राशि सामान्य बैंकिंग चैनेल द्वारा आवक विप्रेषण स्टॉक एक्सचेंज में विक्रय किये गये शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों के विक्रय आगमों( कर की कटौती के बाद) को जमा करके जुटायी जाएगी ।

(ii) इस योजना के उप-पैराग्राफ 1 में किए गये प्रावधानों के अनुसार इस खाते की निधि का उपयोग शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों की खरीद के लिए या फिर भारत से बाहर विप्रेषण के लिए किया जायेगा ।
     
(iii) पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक(एफआईआई) के विदेशी मुद्रा खाता की निधि को उसी विदेशी संस्थागत निवेशक के अनिवासी रुपया खाता में अंतरित किया जा सकता है और यह अंतरण विपरीत दिशा में भी किया जा सकता है।"

(iii) पैराग्राफ 4 में,

(क) उप- पैराग्राफ (1) के स्थान पर निम्नलिखित उप- पैराग्राफ प्रतिस्थापित किया जायेगा , अर्थात्,

" किसी देशी परिसंपत्ति प्रबंध कंपनी या संविभाग प्रबंध जो किसी उप-खाते की निधियों के प्रबंधन हेतु विदेशी संस्थागत निवेशक के रूप में सेबी में पंजीकृत हो , उक्त योजना के अधीन निम्नलिखित की ओर से निवेश कर सकता है :

(i) भारत से बाहर का निवासी कोई विदेशी नागरिक या ,
(ii) भारत से बाहर पंजीकृत कोई कंपनी निकाय ;
बशर्ते कि ऐसा निवेश सामान्य बैंकिंग चैनेल के माध्यम से भारत के बाहर जुटाई गई अथवा एकत्रति की गई थअथवा ली गई निधियों में से किया जाए"।

(ख) उप- पैराग्राफ (2) निकाल दिया जायेगा ;

(ग) उप- पैराग्राफ (3) को उप- पैराग्राफ (2) क्रमांकित किया जायेगा ।

(कि.ज.उदेशी)
कार्यपालक निदेशक

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