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विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2006

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001.

अधिसूचना सं.फेमा.149/2006-आरबी

दिनांक : 09 जून , 2006

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का
अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2006

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग और 3 मई 2000 की अपनी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, एतद्दारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 में संशोधन के लिए निम्नलिखित विनियम बनाता है, अर्थात्,

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :-

(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)(द्वितीय संशोधन) विनियमावली 2006 कहलाएंगे।

(ii) ये 8 नवंबर 2005 * से लागू होंगे।

विनियमावली में संशोधन :-

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (समय-समय पर यथा संशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/ 2000-आरबी) में ,

(i) विनियम 2 में, उप-विनियम (i) के बाद निम्नलिखित को जोड़ा जाएगा अर्थात्,

(iक) " परिसंपत्ति पुननिर्माण कंपनी " का तात्पर्य सेक्युरिटाइजेशन एंड रीकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड इन्फोर्समेंट ऑफ सेक्युरिटी इंट्रैस्ट एक्ट, 2002 की धारा 3 के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक, के पास पंजीकृत कंपनी है ।

(ii) विनियम 5 में, उप-विनियम (2) के बाद निम्नलिखित परंतुक जोड़ा जाएगा अर्थात्,
बशर्ते आगे विदेशी संस्थागत निवेशक परिसंपत्ति पुननिर्माण कंपनियों की चुकता इक्विटी पूंजी में निवेश नहीं करेंगे ।

(iii) अनुसूची 1 में , संलग्नक अ में भाग अ में मद 11 के बाद निम्नलिखित मद को जोड़ा जाएगा अर्थात्,

"12. परिसंपत्ति पुननिर्माण कंपनियां "

(iv) अनुसूची 5 में ,पैरा(1) के लिए निम्नलिखित को प्रतिष्थापित किया जाएगा अर्थात्,

1. एक पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक प्रत्यावर्तन आधार पर दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियां /खजाना बिल/ किसी भारतीय कंपनी द्वारा जारी अपरिवर्तनीय डिबेंचर/बाँड और घरेलू म्युचुअल फंडों की इकाइया और कंपनी द्वारा जारी सेक्युरिटी रिसीट ऐसी सेक्युरिटी के जारीकर्ता से सीधे अथवा भारत में किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से खरीद सकता है ।

बशर्ते ,

(i) विदेशी संस्थागत निवेशक ऐसे कुल निवेश के आबंटन को इक्विटी और ऋण लिखतों (दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों और भारतीय पूंजी बाजार में खजाना बिलों सहित ) के बीच 70:30 के अनुपात में सीमित रखेगा , और

(ii) यदि विदेशी संस्थागत निवेशक खजाना बिलों किसी भारतीय कंपनी द्वारा जारी अपरिवर्तनीय डिबेंचरों/बाँडों सहित दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों में 100% तक निवेश करना चाहता है तो वह 100%ऋण निधि बनायेगा और ऐसी निधि को भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत करवायेगा ।

(iii) सेक्युरिटी रिसीट स्कीम की प्रत्येक श्रंखला में एकल विदेशी संस्थागत निवेशक द्वारा कुल धारिता निर्गम के 10% से अधकि नहीं होनी चाहिए तथा सभी विदेशी संस्थागत निवेशकों की कुल धारिता मिलकर परिसंपत्ति पुननिर्माण कंपनियों द्वारा द्वारा जारी सेक्युरिटी रिसीट स्कीम की प्रत्येक श्रंखला के चुकता मूल्य के 49 % से अधकि नहीं होनी चाहिए।"

(एम. सेबेस्टियन )
मुख्य महाप्रबंधक


पाद टिप्पणी :

(i) प्रमाणित किया जाता है कि इन विनियमों के पूर्व व्यापी प्रभाव से किसी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा ।

(ii) विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 ( 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी),में सरकारी राजपत्र में दिनांक 8 मई , 2000 के जी.एस.आर. सं.406(E) में भाग II , खंड 3, उप-खंड (i) में प्रकाशित किए गए हैं और तत्पश्चात् निम्नलिखित द्वारा संशोधित किए गए हैं :-

दिनांक 02.03.2001 का जीएसआर सं.158(E)
दिनांक 13.03.2001 का जीएसआर सं.175(E)
दिनांक 14.03.2001 का जीएसआर सं.182(E)
दिनांक 02.01.2002 का जीएसआर सं. 4(E)
दिनांक 19.08.2002 का जीएसआर सं.574(E)
दिनांक 18.03.2003 का जीएसआर सं.223(E)
दिनांक 18.03.2003 का जीएसआर सं.225(E)
दिनांक 22.07.2003 का जीएसआर सं.558(E)
दिनांक 23.10.2003 का जीएसआर सं.835(E)
दिनांक 22.11.2003 का जीएसआर सं.899(E)
दिनांक 07.01.2004 का जीएसआर सं.12(E)
दिनांक 23.04.2004 का जीएसआर सं.278(E)
दिनांक 16.07.2004 का जीएसआर सं.454(E)
दिनांक 21.09.2004 का जीएसआर सं.625(E)
दिनांक 08.12.2004 का जीएसआर सं.799(E)
दिनांक 01.04.2005 का जीएसआर सं.201(E)
दिनांक 01.04.2005 का जीएसआर सं.202(E)
दिनांक 25.07.2005 का जीएसआर सं.504(E)
दिनांक 25.07.2005 का जीएसआर सं.505(E)
दिनांक 29.07.2005 का जीएसआर सं.513(E)
दिनांक 2212.2005 का जीएसआर सं.738(E)
दिनांक 19.01.2006 का जीएसआर सं.29(E)

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