विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2004 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2004
भ्ाारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.पÀेमा.118/2004-आरबी दिनांक :16 जून 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भ्ाारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000, में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ्ा (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)(तृतीय संशोधन) विनियमावली 2004 कहलाएगी। (ii) ये तत्काल प्रभाव से लागू होंगी। 2. विनियमावली में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 में अनुसूची 1 में , पैराग्राफ 4 में,वर्तमान खंड(क) को निम्नलिखित खंड से प्रतिस्थापित किया जाएगा :- (क) जिन बैंकों का स्टैंडर्ड एंड पुअर , फिट्ज, आईबीसीए अथवा मूडीज आदि द्वारा श्रेणी निर्धारण किया गया है और वह श्रेणी निर्धारण इस प्रयोजन के लिए रिजर्व बैंक द्वारा समय समय पर विनिर्दिष्ट श्रेणी से कम नहीं है, उन बैंकों के पास रखी जमा राशियां अथवा उनके द्वारा प्रस्तावित जमा प्रमाणपत्र अथवा अन्य लिखित " (श्यामला गोपीनाथ) पाद टिप्पणी : मूल विनियमावली सरकारी राजपत्र में दिनांक 3 मई, 2000 के जी.एस.आर. सं.406(E) में भाग II, खंड 3, उप-खंड (i) में प्रकाशित किए गए हैं और तत्पश्चात् निम्नानुसार संशोधित किए गए हैं :- दिनांक 3 मई, 2000 का भारतीय रिजर्व बैंक की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी
जारी नहीं किया गया
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