क्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनीज़ में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
क्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनीज़ में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधन
आरबीआइ/2007-08/302
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.40
अप्रैल 28, 2008
सेवा में
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक
महोदया/महोदय
क्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनीज़ में विदेशी निवेश- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना में संशोधनप्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय- समय पर यथासंशोधित मई 3,2000 की फेमा अधिसूचना सं. 20/2000 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावल,2000 की अनुसूची I की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. भारत सरकार के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि क्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनीज़ , (रेगुलेशन्स)एक्ट , 2005 के अनुपालन और निम्नलिखित के अधीन क्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनियों में विदेशी निवेश की अनुमति दी जाए:
i) क्रेडिट इन्फोर्मेशन कंपनियों में सकल विदेशी निवेश 49% होगा।
ii) 49% तक के विदेशी निवेश की अनुमति केवल विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पूर्वानुमोदन और भरिबैं से प्राप्त नियामक मंजूरी पर ही दी जाएगी।
iii) सेबी में पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निवेश को केवल अनुषंगी बाजार में खरीद के माध्यम से 24% तक अनुमति दी जाएगी।
iv) सेबी में पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा निवेश विदेशी निवेश के 49% की समग्र सीमा के अंदर होगी।
v) कोई भी विदेशी संस्थागत निवेशक प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष एकल रूप में इक्विटी के 10% से अधिक की धारिता नहीं रख सकता है।
सरकार द्वारा जारी मार्च 12,2008 के प्रेस नोट 1(2008 सिरीज़) की एक प्रति संलग्न है।
3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।
4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम )विनियमावल ,2000 के आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहें हैं।
5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति /अनुमोदन , यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महा प्रबंधक