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एकल-ब्रांड उत्पाद खुदरा व्यापार/बहु-ब्रांड खुदरा व्यापार/नागरिक विमानन क्षेत्र/प्रसारण क्षेत्र/ऊर्जा (पावर) एक्सचेंजों में विदेशी निवेश - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना में संशोधन

भारिबैंक/2012-13/217
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 32

21 सितंबर 2012

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/ महोदय,

एकल-ब्रांड उत्पाद खुदरा व्यापार/बहु-ब्रांड खुदरा व्यापार/नागरिक विमानन क्षेत्र/प्रसारण क्षेत्र/ऊर्जा (पावर) एक्सचेंजों में विदेशी निवेश - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना में संशोधन

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की हाल ही में समीक्षा की गयी है और इस संबंध में निम्नवत निर्णय लिया गया है:

ए) औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी 20 सितंबर 2012 के प्रेस नोट सं. 4 (2012 सीरीज) में यथा विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन, सरकारी मार्ग के तहत, अब केवल एक अनिवासी एंटिटी, भले ही वह ब्रांड का मालिक हो अथवा नहीं, को एकल-ब्रांड उत्पाद खुदरा व्यापार में 100 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने की अनुमति दी जाती है ।

बी) औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी 20 सितंबर 2012 के प्रेस नोट सं. 5 (2012 सीरीज) में यथा विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन, सरकारी मार्ग के तहत, अब बहु-ब्रांड खुदरा व्यापार में 51 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने की अनुमति दी जाती है ।

सी) औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी 20 सितंबर 2012 के प्रेस नोट सं. 6 (2012 सीरीज) में यथा विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन, स्वचालित/सरकारी मार्ग के तहत, अब विदेशी हवाई कंपनियों को नागरिक विमानन क्षेत्र में नियत (scheduled) एवं अनियत (non-scheduled) हवाई परिवहन परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों की पूँजी में 49% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने की अनुमति दी जाती है ।

डी) स्वचालित/सरकारी मार्ग के तहत ब्राडकास्टिंग (प्रसारण) कैरिज सर्विसेज प्रदान करने वाली कंपनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी सीमाओं की समीक्षा की गयी है और वे औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी 20 सितंबर 2012 के प्रेस नोट सं. 7 (2012 सीरीज) में यथा विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन होंगी ।

ई) औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी 20 सितंबर 2012 के प्रेस नोट सं. 8 (2012 सीरीज) में यथा विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन, सरकारी मार्ग के तहत केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (ऊर्जा बाजार) विनियमावली, 2010 के अंतर्गत पंजीकृत ऊर्जा (पावर) एक्सचेंजों में 49% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने की अनुमति दी जाती है ।

3. इस संबंध में जारी 20 सितंबर 2012 के प्रेस नोट सं. 4,5,6,7 और 8 (2012 सीरीज) की एक-एक प्रति संलग्न हैं ।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों / घटकों को अवगत कराने का कष्ट करें।

5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी) में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे हैं ।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं ।

भवदीय,
(रुद्र नारायण कर)
मुख्य महाप्रबंधक

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