भारत में विदेशी निवेश - स्वामित्व प्रतिष्ठान/साझेदारी फ़र्म में निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में विदेशी निवेश - स्वामित्व प्रतिष्ठान/साझेदारी फ़र्म में निवेश
एपी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र क्र.39 दिसंबर 3, 2003 संवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदयभारत में विदेशी निवेश - स्वामित्व प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में फर्म या स्वामित्व प्रतिष्ठान में निवेश) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसे विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के, भारत में विदेशी निवेश से संबंधित प्रावधानों को लागू करने के लिए मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.24/2000-आरबी, समय समय पर यथा अधिसूचित, द्वारा अधिसूचित किया गया था । 2. उक्त अधिसूचना के प्रावधान निम्न प्रकार हैं : अ. भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा भारत में किसी फर्म या स्वामित्व प्रतिष्ठान में अप्रत्यावर्तनीय आधार पर निवेश अनिवासी भारतीय या भारत से बाहर का निवासी भारतीय मूल का कोई व्यक्ति भारत में किसी फर्म या स्वामित्व प्रतिष्ठान की पूंजी में अंशदान के ज़रिए अप्रत्यावर्तनीय आधारपर निवेश कर सकता है अर्थात निवेश की गयी राशि भारत के बाहर प्रत्यावर्तन के लिए पात्र नहीं होगी, बशर्तें कि - क) निवेश की गई राशि प्राधिकृत व्यापारी के पास रखे एनआरई/ एफ़सीएनआर/ एनआरओ खाते की जमाराशि में से सामान्य बैंकिंग चैनलों के माध्यम से आवक प्रेषण से प्राप्त हुई हो ; ख) उक्त फर्म या स्वामित्व प्रतिष्ठान कृषि/ बागान संबंधी किसी कार्य या भूमि-भवन के कारबार, अर्थात् लाभ या आय प्राप्ति के उद्देश से भूमि और अचल संपत्ति संबंधी लेनदेन न करता हो; आ. किसी स्वामित्व प्रतिष्ठान /साझेदारी फ़र्म में प्रत्यावर्तनीय के लाभों सहित निवेश अनिवासी भारतीय /भारतीय मूल के व्यक्ति किसी किसी स्वामित्व प्रतिष्ठान/ साझेदारी फ़र्म में प्रत्यावर्तनीय के लाभों सहित निवेश केवल औद्योगिक सहायता सचिपालय (एसआईए), भारत सरकार/ भारतीय रिज़र्व बेंक के पूर्वानुमोदन पर ही कर सकेंगे । इ. अनिवासी भारतीय /भारतीय मूल के व्यक्ति के सिवाय अनिवासियों द्वारा निवेश अनिवासी भारतीय या भारतीय मूल के व्यक्ति के सिवाय भारत से बाहर का निवासी काई भी व्यक्ति भारत में किसी फर्म अथवा स्वामित्व प्रतिष्ठान अथवा व्यक्तियों के किसी संघ की पूंजी में अंशदान के जरिए कोई निवेश नहीं करेगा बशर्तें कि रिज़र्व बैंक उसे आवेदन करने पर भारत पर भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति को एतदर्थ उन नियम और शर्तों पर अनुमति दे दे जो वह भारत में किसी फर्म या स्वामित्व प्रतिष्ठान या व्यक्तियों के किसी संघ की पूंजी में अंशदान के जरिये निवेश करने के लिये आवश्यक समझे । 3. प्राधाकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु की जानकारी अपने सभी संबंधित ग्राहकों को दे दें । 4. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीय ग्रेस कोशी |