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प्राधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालकों / भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत आने वाले बैंकों पर मौद्रिक दण्ड लगाने के लिए फ्रेमवर्क

आरबीआई/2016-17/97
डीपीएसएस.सीओ.ओडी.सं.1082/06.08.005/2016-17

20 अक्टूबर 2016

प्रति,

प्राधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालक / बैंक

महोदया / महोदय,

प्राधिकृत भुगतान प्रणाली परिचालकों / भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के अंतर्गत आने वाले बैंकों पर मौद्रिक दण्ड लगाने के लिए फ्रेमवर्क

भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) ने भारतीय रिजर्व बैंक (रिजर्व बैंक) को भुगतान प्रणालियों के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए प्राधिकारी के रूप में नामित किया है। उक्त अधिनियम के अंतर्गत, रिजर्व बैंक को कतिपय शक्तियाँ प्रदान की गई हैं।

2. पीएसएस अधिनियम की धारा 30 का संबंध 'अर्थदंड अधिरोपित करने के संबंध में रिजर्व बैंक की शक्तियों’ से है। इस खंड के संदर्भ में कुछ उल्लंघनों/अपराधों के लिए अर्थदंड/ जुर्माना अधिरोपित करने के लिए रिजर्व बैंक को कतिपय शक्तियां प्रदान की गई हैं जो विशेष रूप से धारा 26 (2) और 26 (6) में वर्णित हैं।

3. पीएसएस अधिनियम की धारा 31 का संबंध 'अपराधों को कंपाउंड करने की शक्ति' से है। इस धारा के प्रावधानों के अधीन भारतीय रिजर्व बैंक को शक्ति प्रदान की गई है कि वह कंपनी द्वारा किए गए उल्लंघनों / अपराधों को कंपाउंड कर सके।

4. अब यह निर्णय लिया गया है कि पीएसएस अधिनियम की धारा 30 के अंतर्गत अर्थदंड/ जुर्माना अधिरोपित करने के लिए और पीएसएस अधिनियम की धारा 31 के अंतर्गत उल्लंघनों / अपराधों को कंपाउंड करने के लिए एक ढांचा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। ढांचे के विवरण निम्नानुसार हैं:

(i) अपराधों की प्रकृति:

भुगतान प्रणालियों में अन्य बातों के साथ-साथ अर्थदंड/ जुर्माना/ कंपाउंडिंग अधिरोपित करने के लिए ढांचे में निम्नलिखित प्रकार के उल्लंघनों / अपराधों को शामिल किया गया है जिनपर अर्थदंड/ जुर्माना/ कंपाउंडिंग अधिरोपित करने, जैसा भी मामला हो विचार किया जाएगा;

  • अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन।

  • उसके अंतर्गत बनाए गए निर्देशों अथवा आदेशों का अनुपालन न करना।

  • प्राधिकरण की शर्तों के नियम एवं शर्तों का उल्लंघन।

(ii) कंपाउंडिंग: ' कंपाउंडिंग' एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है। उल्लंघनकर्ता अपराध की कंपाउंडिंग के लिए अनुबंध-I में दिये गए आवेदन के अनुसार एक आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकता है। उल्लंघन की कंपाउंडिंग के लिए आवेदन मुख्य महाप्रबंधक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, 14 वीं मंजिल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई 400001 को प्रस्तुत किया जाए। इस आवेदन पर विचार किया जाएगा, बशर्ते वह सभी प्रकार से पूर्ण हो और आवेदक किए गए उल्लंघन को स्वीकार करे।

(iii) पालन की जाने वाली परिचालनात्मक प्रक्रिया: रिजर्व बैंक भुगतान प्रणाली परिचालकों / बैंकों (इकाई/इकाइयों) पर अर्थदण्ड / जुर्माना अथवा कंपाउंडिंग अधिरोपित करने से पूर्व निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करेगा;

  1. अपराध का उल्लेख करते हुए कंपनी से स्पष्टीकरण मांगने से संबंधित पत्र जारी करना।

  2. कंपनी द्वारा दिये गए स्पष्टीकरण और जानकारी / साक्ष्य के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक इस बात की जांच करेगा कि क्या उल्लंघन / अपराधों के संबंध में कंपाउंडिंग अथवा अर्थदंड / जुर्माना अधिरोपित करने पर विचार किया जा सकता है अथवा नहीं।

  3. यदि भारतीय रिजर्व बैंक स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं है तो अर्थदंड / जुर्माना / कंपाउंडिंग को अधिरोपित करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करना।

  4. कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से पहले यदि लिखित रूप में अनुरोध किया जाए तो संस्था को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिया जा सकता है।

  5. उल्लंघन / अपराधों के संबंध में अर्थदंड / जुर्माना अथवा कंपाउंडिंग को अधिरोपित करना।

(iv) अर्थदंड/जुर्माने की राशि: विभिन्न भुगतान प्रणाली परिचालकों/बैंकों के लिए अर्थदंड / जुर्माने की राशि 5 लाख के न्यूनतम अर्थदंड के साथ उल्लंघन / अपराधों की प्रकृति पर आधारित होगी। जहां उल्लंघन / अतिक्रमण की मात्रा निर्धारित नहीं की जा सकती है वहाँ न्यूनतम 5 लाख रुपये और अधिकतम 1 करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा।

(v) प्रकटीकरण: ऐसी संस्थाओं जिन पर अर्थदंड / जुर्माना लगाया गया है वे जिस वर्ष में अर्थदंड लगाया गया है उस वर्ष के अपने वार्षिक वित्तीय विवरण में अर्थदंड / जुर्माने को प्रकट करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक भी लगाए गए अर्थदण्ड को अपनी वेबसाइट पर प्रकट करने के माध्यम से इसे सार्वजनिक करेगा।

(vi) अर्थदंड / जुर्माने के भुगतान की विधि: ऐसी संस्थाएं जिनका चालू खाता भारतीय रिजर्व बैंक के पास है, भारतीय रिजर्व बैंक उनके चालू खाते से राशि सीधे डेबिट कर लेगा (इस आशय का अधिदेश प्राप्त करने के उपरांत)। ऐसी संस्थाएं जिनका चालू खाता भारतीय रिजर्व बैंक में नहीं है वे लिखित आदेश के जारी होने के एक सप्ताह के भीतर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नामित खाते में राशि जमा कराएंगे।

(vii) अर्थदंड / जुर्माने का भुगतान न करना: अर्थदंड / जुर्माने का भुगतान न करने की स्थिति में भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम की धारा 8 के प्रावधान लागू होंगे और तदनुसार भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

5. ये निर्देश भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए जा रहे हैं,

भवदीया

(निलिमा रामटेके)
महाप्रबंधक

अनुलग्नक – अनुबंध I


अनुबंध I

कंपनी लेटर हेड पर

भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम के तहत उल्लंघन की कंपाउंडिंग के लिए आवेदन का प्रारूप

1 आवेदक का नाम (स्पष्ट अक्षरों में) :  
2 आवेदक का पूरा पता (फोन / फैक्स नंबर और ईमेल आईडी सहित) :  
3 मामले के संक्षिप्त तथ्य जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लंघन की प्रकृति, और उल्लंघन में शामिल अवधि और राशि को दर्शाया गया हो :  
4 मामले से संबन्धित अन्य कोई प्रासंगिक जानकारी :  

मैं / हम घोषणा करते हैं कि ऊपर दिए गए ब्योरे सत्य हैं और मेरे / हमारे ज्ञान और विश्वास के अनुसार सही हैं और मैं / हम कंपाउंडिंग प्राधिकारी द्वारा दिये गए किसी भी निर्देश /आदेश को स्वीकार करने के लिए सहमत हैं।

(आवेदक के हस्ताक्षर)

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पदनाम:

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