स्वर्ण (धातु) ऋण - आरबीआई - Reserve Bank of India
स्वर्ण (धातु) ऋण
भारिबैं/2005-06/155
संदर्भ : बैंपविवि.सं.आइबीडी.बीसी. 33/23.67.001/2005-06
5 सितंबर 2005
14 भाद्र 1927 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय,
स्वर्ण (धातु) ऋण
31 दिसंबर 1998 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. आइबीएस. बीसी/1519/23.67.001/1998-99 के अनुसार स्वर्ण का आयात करने के लिए प्राधिवफ्त नामित बैंकों को सूचित किया गया था कि स्वर्ण (धातु) ऋण केवल आभूषण निर्यातकों को ही दिया जाना चाहिए । साथ ही, 25 जून 1999 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. आइबीएस. 3161/23.67.001/1998-99 के अनुसार नामित बैंकों को यह सूचित किया गया था कि वे उन आभूषण निर्यातकों को भी, जो अन्य नामित न किये गये बैंकों के ग्राहक हैं, उनके बैंकरों द्वारा जारी उद्यत (स्टैंड बाई) साख पत्र अथवा बैंक गारंटी स्वीकार कर स्वर्ण (धातु) ऋण प्रदान कर सकते हैं जो नामित बैंकों के उधार देने संबंधी अपने मानदंडों तथा हमारे उक्त परिपत्र में निर्दिष्ट शर्तों के अधीन होगा ।
2. हमें नामित बैंकों से इस बात के अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं कि उनके द्वारा आयातित स्वर्ण में से स्वर्ण (धातु) ऋण देशी आभूषण निर्माताओं को प्रदान करने की उन्हें अनुमति दी जाए । यह निर्णय किया गया है कि उक्त योजना को और उदार बनाने के उेश्यि से मौजूदा अनुदेशों के अनुसार स्वर्ण आयात करने के लिए नामित बैंक उन देशी आभूषण निर्माताओं को, जो आभूषण के निर्यातक नहीं हैं, इस शर्त पर स्वर्ण (धातु) ऋण प्रदान कर सकते हैं कि देशी आभूषण निर्माताओं को स्वर्ण ऋण प्रदान करने के प्रयोजन के लिए उनके द्वारा किया गया कोई स्वर्ण ऋण उधार/या अन्य गैर निधिक वचनबद्धताओं को निर्यातेतर प्रयोजनों के लिए कुल उधारों के संदर्भ में समग्र उच्चतम सीमा (वर्तमान में टियर 1 पूंजी का 25 प्रतिशत) के प्रयोजन के लिए हिसाब में लिया जाएगा । आभूषण के निर्यातकों को दिये जानेवाले स्वर्ण ऋण 25 प्रतिशत की उच्चतम सीमा में से दिये जानेवाले बने रहेंगे ।
बैंकों द्वारा प्रदत्त स्वर्ण (धातु) ऋण निम्नलिखित शर्तों के अधीन होंगे :
व)देशी आभूषण निर्माताओं के लिए स्वर्ण ऋण की अवधि 90 दिन से अधिक नहीं होनी
चाहिए ।
वव)उधारकर्ताओं पर लगाये जानेवाले ब्याज को अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण ब्याज दर से संबद्ध किया जाना चाहिए ।
ववव)स्वर्ण उधार सामान्य प्रारक्षित निधि संबंधी अपेक्षाओं के अधीन होंगे ।
ख्व)उक्त ऋण पूंजी पर्याप्तता तथा अन्य विवेकाधीन अपेक्षाओं के अधीन होंगे ।
ख्)बैंकों को चाहिए कि वे आभूषण निर्माताओं को दिये जानेवाले स्वर्ण ऋणों के अंतिम उपयोग को सुनिश्चित करें तथा अपने ग्राहक को जानिए (ख्भ्ण्) संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करें ।
ख्व)स्वर्ण उधारों और दिये गये ऋणों के बीच उभरनेवाली बेमेल स्थिति नामित बैंक के बोड़ द्वारा अनुमोदित विवकपूर्ण जोखिम सीमाओं के भीतर होनी चाहिए ।
ख्वव) बैंकों को चाहिए कि वे स्वर्ण ऋण प्रदान करने के संबंध में समग्र जोखिमों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करें और बोड़ के अनुमोदन से विस्तफ्त उधार नीति निर्धारित करें ।
3. वर्तमान में नामित बैंक उन आभूषण निर्यातकों को, जो अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के ग्राहक हैं, उनके बैंकरों द्वारा नामित बैंकों के पक्ष में जारी उद्यत साख पत्र अथवा बैंक गारंटी स्वीकार कर स्वर्ण (धातु) ऋण प्रदान कर सकते हैं जो प्राधिवफ्त बैंकों के उधार देने संबंधी अपने मानदंडों तथा रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित अन्य शर्तों के अधीन हों । उदारीकरण के आगे और उपाय के रूप में, यह निर्णय किया गया है कि देशी आभूषण निर्माताओं को भी, निम्नलिखित शर्तों के अधीन उक्त सुविधा प्रदान की जाए ।
व)उद्यत साख-पत्र / बैंक गारंटी केवल देशी आभूषण निर्माताओं की ओर से प्रदान की जाएगी तथा यह हर समय इन संस्थाओं द्वारा उधार लिए गए स्वर्ण की मात्रा के पूरे मूल्य को कवर करेगी । उद्यत साख-पत्र / बैंक गारंटी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों द्वारा केवल किसी नामित बैंक (सूची संलग्न) के पक्ष में ही दी जाएगी और ऐसी किसी अन्य संस्था को नहीं जिसके पास स्वर्ण का आयात करने के लिए अन्य प्रकार से अनुमति हो ।
वव)उद्यत साख-पत्र / बैंक गारंटी (केवल अंतर्देशीय साख-पत्र / बैंक गारंटी) जारी करनेवाले बैंक को चाहिए कि वह उचित ऋण-मूल्यांकन करने के बाद ही यह जारी करे । बैंक यह सुनिश्चित करे कि स्वर्ण के मूल्यों में होनेवाली घट-बढ़ के अनुरूप हर समय उसके पास पर्याप्त मार्जिन उपलब्ध हो ।
ववव)उद्यत साख-पत्र / बैंक गारंटी की सुविधा के मूल्य का अंकन भारतीय रुपयों में होगा, न कि विदेशी मुद्रा में ।
वख्)नामित न किये गये बैंकों द्वारा जारी उद्यत साख-पत्र / बैंक गारंटी मौजूदा पूँजी पर्याप्तता और विवेकपूर्ण मानदंडों के अधीन होगी ।
ख्)उद्यत साख-पत्र / बैंक गारंटी जारी करनेवाले बैंकों को यह भी चाहिए कि ये सुविधाएं प्रदान करने के संबंध में विद्यमान समग्र जोखिमों का सावधानीपूर्वक आकलन करें तथा अपने निदेशक बोड़ के अनुमोदन से एक विस्तफ्त ऋण नीति निर्धारित करें ।
4. नामित बैंक ऊपर पैरा 1 में उल्लिखित 31 दिसंबर 1998 और 25 जून 1999 के बैंपविवि परिपत्रों के अनुसार आभूषण निर्यातकों को स्वर्ण (धातु) ऋण प्रदान करना जारी रखें ।
5. यह स्पष्ट किया जाता है कि :
क) किसी अन्य बैंक के उद्यत साख-पत्र / बैंक गारंटी के आधार पर स्वर्ण (धातु) ऋण प्रदान करनेवाले नामित बैंव द्वारा ग्रहण किए गए ऋणादि जोखिम को गारंटी देनेवाले बैंक पर ऋणादि जोखिम के रूप में माना जाएगा और मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार उसके लिए उचित जोखिम भारिता अपेक्षित होगी ।
ख) लेनदेन पूर्णतया दुतरफा (बैक टू बैक) आधार पर होना चाहिए अर्थात् नामित बैंकों को चाहिए कि वे स्वर्ण (धातु) ऋण किसी नामित न किये गये बैंक के ग्राहक को नामित न किये गये बैंक द्वारा जारी उद्यत साख-पत्र / बैंक गारंटी के आधार पर सीधे प्रदान करें ।
ग) स्वर्ण (धातु) ऋणों के साथ स्वर्ण के विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के प्रति उधार लेनेवाली संस्था की किसी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष देयता संबद्ध नहीं होनी चाहिए ।
घ) बैंक अपने ऋणादि जोखिम और विवेकपूर्ण मानदंडों के अनुपालन की गणना प्रतिदिन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा घोषित रुपया-डॉलर संदर्भ दर के साथ स्वर्ण/अमेरिकी डॉलर दर के लिए निर्धारित की जानेवाली लंदन एएम दर से क्रासिंग द्वारा स्वर्ण की मात्रा को रुपये में परिवर्तित करते हुए करें ।
6. यह भी स्पष्ट किया जाता है कि बुलियन की ज़मानत पर उधार देने के संबंध में मौजूदा नीति में कोई परिवर्तन नहीं होगा ।
7. बैंकों को चाहिए कि वे उद्यत साख पत्र/बैंक गारंटी देने तथा स्वर्ण (धातु) ऋण प्रदान करने में निहित समग्र जोखिमों की पहचान करें । अत: बैंक इस संबंध में एक उचित जोखिम प्रबंध और उधार नीति निर्धारित कर लें । बैंकों को चाहिए कि वे इस क्षेत्र में धोखाधड़ी की संभावना को दूर करने के लिए अन्य बैंकों की गारंटियां स्वीकार करने से संबंधित घोष समिति की सिपभरिशों और अन्य आंतरिक अपेक्षाओं का पालन करें ।
8. वफ्पया प्राप्ति -सूचना दें ।
भवदीय
(प्रशांत सरन)
मुख्य महाप्रबंधक
नामित बैंकों की सूची
(31 अगस्त 2005 तक)
1. |
इलाहाबाद बैंक |
2. |
बैंक ऑपभ् नोवा स्कॉटिया |
3. |
बैंक ऑपभ् इंडिया |
4. |
केनरा बैंक |
5. |
कार्पोरेशन बैंक |
6. |
देना बैंक |
7. |
एचडीएपभ्सी बैंक लि. |
8. |
आइसीआइसीआइ बैंक लि. |
9. |
इंडियन ओवरसीज़ बैंक |
10. |
इंडसइंड बैंक लि. |
11. |
ओरियंटल बैंक ऑपभ् कॉमर्स. |
12. |
पंजाब नेशनल बैंक |
13. |
स्टेट बैंक ऑपभ् इंडिया |
14 |
यूनियन बैंक ऑपभ् इंडिया |