सरकारी विभागों/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात - आरबीआई - Reserve Bank of India
सरकारी विभागों/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात
आरबीआइ/2004-05/193
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.12
सितंबर 25, 2004
सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक
मबेदया/मबेदय
सरकारी विभागों/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात
प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान मई 3, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं.जीएसआर.381(E) द्वारा जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 की अनुसूची घ्घ् की मद 4 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/ सरकारी विभागों को लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात के भुगतान हेतु जहाजरानी मंत्रालय (पूर्ववर्ती भूतल परिवहन मंत्रालय) का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है।
2. भारत सरकार, वित्त मंत्रालय (आर्थिक कार्य विभाग) ने अक्तूबर 27, 2003 के राजपत्र अधिसूचना सं. जी.एस.आर.849()िं द्वारा उक्त प्रावधानों को अब संशोधित किया है जिसमें सरकार के पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता को केवल उन्हीं मामलों तक सीमित किया गया है जहां समुद्र परिवहन के माध्यम से लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात किया जाता है (प्रतिलिपि संलग्न)।
3. तदनुसार, सरकारी विभाग/ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को लागत, बीमा और भाड़ा आधार पर आयात भुगतान हेतु जहाजरानी मंत्रालय (पूर्ववर्ती भूतल परिवहन मंत्राल्य) के चार्टरिंग विंग के अनुमोदन की आवश्यकता केवल समुद्र परिवहन के माध्यम से आयात के लिए ही प्राप्त करनी है। ऐसे अनुमोदन की आवश्यकता सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/ सरकारी विभागों को नहीं होगी बशर्ते परिवहन का माध्यम समुद्र परिवहन से इतर है।
4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
5. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।
भावदीया
(ग्रेस कोशी)
मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक : यथोक्त