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शहरी सहकारी बैंको द्वारा एटीएम-सह-डेबिट कार्ड जारी करने के लिए दिशा निर्देश

भारिबै/2007-08/95
संदर्भ स.शबैंवि.(पीसीबी) परि. सं.6/09.18.300/2007-08

जुलाई 13, 2007

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदय / महोदया

शहरी सहकारी बैंको द्वारा एटीएम-सह-डेबिट कार्ड जारी करने के लिए दिशा निर्देश

कृपया 28 अप्रैल 2006 का हमारा परिपत्र संदर्भ स.शबैंवि.(पीसीबी) बीपीडी.परि. सं.50/09.69.000/2005-06 देखें जिसके अनुसार कतिपय पात्रता मानदंड पूरे करने पर बैंकों को एटीएम स्थापित करने के लिए तथा एटीएम-सह-डेबिट कार्ड जारी करने के लिए अनुमति दी गयी थी ।

2. अब एटीएम-सह-डेबिट कार्ड जारी करने के लिए दिशा निर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया है । वर्तमान नीति के अनुसार जिन बैंको को प्रत्यक्ष (On Site) / अप्रत्यक्ष (Off Site) एटीएम स्थापित करने के लिए प्राधिकृत किया गया है, वे अनुबंध I में दिए गए दिशा निर्देशों के अनुरूप उनके बोर्ड की अनुमति से एटीएम-सह-डेबिट कार्ड शुरू कर सकते हैं । तथापि (Off Line) डेबिट कार्ड जारी करने की अनुमति नही है । एटीएम-सह-डेबिट कार्ड के ब्यौरे बोर्ड को प्रस्तुत की गयी कार्यसूची नोट तथा पारित प्रस्ताव में से प्रत्येक की प्रतिलिपि के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रेषित करें ।

3. शहरी सहकारी बैंकों को अन्य गैर बैंकिंग संस्थाओं के साथ गठबंधन से एटीएम-सह-डेबिट कार्ड जारी नहीं करना चाहिए ।

4. शहरी सहकारी बैंक इन कार्डो के परिचालन की समीक्षा करें तथा छमाही अंतराल पर अर्थात हर वर्ष मार्च और सितंबर के अंत में अपने बोर्ड को समीक्षा नोट प्रस्तुत करें । बैंकों द्वारा जारी इन कार्डो के परिचालन संबंधी रिपोर्ट अनुबंध II में दर्शाए गए अनुसार सूचना दर्ज करते हुए हर वर्ष छमाही आधार पर अर्थात मार्च और सितंबर के अंत में भारतीय रिज़र्व बैंक के भुगतान एव निपटान प्रणाली विभाग (डी पी एस एस) को अग्रेषित करें तथा इसकी प्रति भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भी भेजें ।

भवदीय

(एन. एस. विश्वनाथन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


 

अनुबंध I

शहरी सहकारी बैंको द्वारा एटीएम-सह-डेबिट कार्ड जारी करने के लिए दिशा-निर्देश

1. कार्यक्षेत्र

सभी या निम्नलिखित में से किसी भी परिचालन के लिए कार्ड पर लागू दिशा निर्देश :

  • कार्ड के उपयोग से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान, विशेषकर जहां बिक्री होती है तथा इसी प्रकार के अन्य स्थल जहां कार्ड के उपयोग /टर्मिनल के लिए मशीन (डिवाइस) लगायी गयी है ।
  • बैंक नोट आहरित करना, बैंक नोट तथा चेक जमा करना और इलेक्ट्रॉनिक मशीन से संबंधित परिचालन जैसे नकदी वितरक मशीन और एटीएम

2. नकदी आहरण

बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 23 के अंतर्गत भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व प्राधिकार के बिना किसी भी सुविधा के अंतर्गत एटीएम-सह-डेबिट कार्ड से बिक्री स्थल पर नकदी लेनदेन अर्थात नकदी आहरण या जमा करने जैसी सुविधा नहीं प्रदान करनी चाहिए —

3. ग्राहकों की पात्रता

"अपने ग्राहक को जानिए" दिशा निर्देशों के अनुपालन के अधीन बैंक उनके पात्रता मानदंडो पर चयनित ग्राहकों को एटीएम-सह-डेबिट कार्ड जारी कर सकते है । बैंक अंतर्निहित नकदी विशेषताओं से युक्त बचत खाता /चालू खाता /सावधि जमा खाताधारक व्यक्तियों, कंपनी निकायों तथा फर्मों को एटीएम-सह-डेबिट कार्ड की सुविधा दे सकते हैं ।नकदी उधार /ऋण खातेदारों को डेबिट कार्ड सुविधा नहीं देनी चाहिए ।

4. सुरक्षा तथा अन्य पहलु

(क) बैंक को कार्ड की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए ।

(ख) ग्राहक द्वारा पहले से ही धारित कार्ड प्रतिस्थापन के सिवाय किसी स्थिति में बैंक ग्राहक की मांग के बिना कार्ड नहीं भेजेगा

(ग) परिचालनों का पता लगाने तथा त्रुटियों को सुधारने के लिए बैंक को आंतरिक रिकार्ड पर्याप्त समय तक रखना चाहिए (समयातीत मामलों में समय सीमा के नियम को ध्यान में रखकर ) । कार्ड गुम होना, चोरी या कार्ड की कॉपी जैसी स्थिति में बैंक को सूचित करने के समय तक हुई हानि कार्डधारक को परंतु

(घ) खाताधारकों को उनके द्वारा लेनदेन करने के बाद उसका लिखित रेकार्ड तत्काल पावती के रूप में या एक निश्चित समय के भीतर प्रचलित बैंक विवरण के रूप में उपलब्ध करना चाहिए ।

(ड) कार्ड की गुमशुदगी, चोरी या उसकी नकल (कॉपी) बना लेने की सूचना बैंक को मिलने तक के दौरान हुई हानि कार्डधारक को उठानी होगी लेकित बैंक सूचना मिलने के बाद भी लेनदेन से हुई हानि की एक निर्धारित सीमा में या निर्धारित राशि या लेनदेन के कुछ प्रतिशत की भरपाई ही करेगा जो कार्डधारक तथा बैंक के बीच अग्रिम समझौते के अनुसार होगा बशर्ते कार्डधारक ने धोखाधडी से, जानबूझकर या अत्यंत लापरवाही से यह काम न किया हो ।

(च) कार्ड की गुमशदगी चोरी या कार्ड की नकल बना लेने की सूचना देने के लिए प्रत्येक बैंक को अपने ग्राहक को दिन या रात को किसी भी समय संपर्क करने की सुविधा देनी चाहिए ।

(छ) कार्ड गुम होने, चोरी होने या कार्ड की कॉपी किये जाने की सूचना मिलने पर बैंक को कार्ड का उपयोग न किये जाने के लिए सभी उपाय करने चाहिए ।

5. कार्ड जारी करने की शर्तें

बेक और कार्ड धारक के बीच संविदात्मक संबंध होना चाहिए, जैसे :

क) प्रत्येक बैंक को कार्ड जारी करने तथा उसका उपयोग करने से संबंधित संविदात्मक नियम और शर्ते लिखित रूप में कार्डधारक को देनी चाहिए । इन शर्तों में संबंधित पार्टियों के हितों का समुचित संतुलन होना चाहिए ।

ख) शर्ते स्पष्ट रूप से बताई जानी चाहिए ।

ग) शर्तों में किसी प्रभार का आधार स्पष्ट किया जाना चाहिए परंतु किसी समय के लिए प्रभार की राशि का उल्लेख करना आवश्यक नहीं है

घ) बैंक द्वारा नियमों में परिवर्तन किया जा सकता है परंतु कार्डधारक को इसकी सूचना पर्याप्त समय पहले देनी चाहिए ताकि यदि वो चाहे तो कार्ड वापस दे सके । इसके लिए समयावधि निर्दिष्ट की जानी चाहिए और यदि निर्धारित समय में कार्डधारक कार्ड वापस नहीं करता है तो यह माना जाएगा कि उसने नियमों को स्वीकार किया है ।

ड) (i) नियमों में कार्डधारक को कार्ड की सुरक्षा तथा उसके उपयोग के तरीकों (उदा. पिन या कोड) की सुरक्षा के लिए

आवश्यक उपाय करने के लिए उत्तरदायी बनाया जाए ।

ii. नियमों में कार्डधारक पर यह दायित्व रखा जाए कि वह किसी भी फॉर्म में पिन या कोड का रिकार्ड नहीं रखेगा जो यदि किसी तीसरे पक्षकार को ईमानदारी या बेईमानी से हासिल भी हो जाए तो उसकी समझ में आ जाए या वह उसका उपयोग कर सके ।ध

iii. नियमो में कार्डधारक पर यह दायित्व रखा जाए कि निम्नलिखित स्थिति में जानकारी मिलने पर बैंक को तुंत सूचना दें ।

  • कार्ड का गुम होना या चोरी होना या उसका कॉपी किया जाना या अन्य तरीके जिससे कार्ड का उपयोग किया जा सके
  • कार्डधारक के खाते में कोई अनधिकृत लेनदेन की प्रविष्टि
  • बैंक द्वारा खाता रखने में हुई त्रुटि या अन्य कोई अनियमितता

    ii. शर्तों में संपर्क स्थान को स्पष्ट करना चाहिए जहां दिन या रात के किसी भी समय इस प्रकार की सूचना दी जा

    सकती है ।

    iii.शर्तों में कार्डधारक पर यह दायित्व रखना चाहिए कि कार्ड के माध्यम से उसके द्वारा दिए गए आदेश को वह

निरस्त न कर सके ।

च) शर्तों में यह स्पष्ट किया जाए कि पिन या कोड जारी करते समय बैंक पूर्ण सावधानी बरतेगा तथा इस दायित्व के अधीन वह कार्डधारक के पिन या कोड की जानकारी कार्डधारक के अतिरिक्त अन्य किसी को प्रकट नहीं करेगा —

छ) शर्तों में यह स्पष्ट किया जाए की बैंक के सीधे नियंत्रण में होने वाली दोषपूर्ण कार्यप्रणाली की वजह से कार्डधारक को हुई हानि के लिए बैंक जिम्मेदार होगा । तथापि भुगतान प्रणाली में तकनीकी खराबी होने के कारण यदि उपकरण के क्रिन पर इस आशय की सूचना या किसी तरह कार्डधारक को प्रणाली की खराबी ज्ञात हो गयी हो ऐसी स्थिति में होनेवाली हानि के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं है — लेनदेन संपन्न न होने या दोष पूर्ण ढंग से संपन्न होने की स्थिति में बैंक का उत्तरदायित्व शर्तों पर प्रभावी कानून के प्रावधानों के अधीन केवल मूल राशि तथा ब्याज की हानि तक सीमित है ।


अनुबंध II

एटीएम-सह -डेबिट कार्ड जारी करने के लिए सूचना देने का प्रारूप

  1. बैंक का नाम-
  2. सूचना की अवधि
  3. हार्डवेअर कंपोनेंट (आइसी चिप) के साथ कार्ड का प्रकार-
  4. उदा. मेग्नेटिक स्ट्रिप, सीपीयू, मेमरी-

  5. सॉफ्टवेअर का प्रकार -
  6. कौनसा सुरक्षा मानक अपनाया गया है-
  7. सेवा प्रदाता स्वयं या अन्य -
  8. कुल स्थानों की संख्या जहां एटीएम-सह-डेबिट कार्ड का उपयोग किया जा सकता है।
  9. जिनमें से

    (क) पीओएस टर्मिनल

    (ख) व्यापारिक प्रतिष्ठान

    (ग) एटीएम-

    (घ) अन्य, कृपया उल्लेख करें —

  10. जारी किए गये कुल कार्ड - जिनमें से उनकी संख्या जो निम्नलिखित पर जारी किए गए हैं
  11. (क) चालू खाते

    (ख) बचत खाते

    (ग) अस्थायी खाते

  12. अवधि के दौरान कुल लेनदेनों की संख्या-
  13. कुल लेनदेनों की राशि-
  14. अवधि के दौरान धोखाधडी की घटनाएं, यदि कोई

(क) धोखाधडी की संख्या -

(ख) राशि-

(ग) बैंक को हुई हानि की राशि

(घ) कार्डधारक को हुई हानि की राशि -

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