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जमा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश

आरबीआई/2007-2008/12
संदर्भ.सं:एफ़एमडी.एमएसआरजी.सं15/02.02.004/2007-08

02 जुलाई 2007
आषाढ़ 11, 1929 (S)

अध्यक्ष/कार्यपालक निदेशक
सभी वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी और एलएबी को छोड़कर)
तथा अखिल भारतीय सावधि ऋण और पुनर्वित्त संस्थान

महोदय,

जमा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश

जैसा कि आप विदित हैं, मुद्रा बाजार लिखतों की सीमा को और अधिक विस्तृत करने और निवेशकों को उनके अल्पकालिक अधिशेष निधियों के नियोजन में अधिक लचीलापन लाने की दृष्टि से, भारत में 1989 में जमा प्रमाणपत्र (सीडी) की शुरुआत की गई थीI वर्तमान में जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करने के दिशानिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर संशोधित विभिन्न निर्देशों द्वारा शासित होते हैं।

इस विषय पर सभी मौजूदा दिशानिर्देशों/निर्देशों/निदेशों को शामिल करते हुए एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है। यह नोट किया जाए कि यह मास्टर परिपत्र परिशिष्ट में सूचीबद्ध परिपत्रों में निहित सभी निदेशों/दिशानिर्देशों को समेकित और अद्यतन करता है, जहाँ तक वे 'जमा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश' से संबंधित हैं। यह मास्टर परिपत्र आरबीआई की वेबसाइट /en/web/rbi/notifications/master-circulars पर उपलब्ध है।

भवदीय,

(चन्दन सिन्हा)
मुख्य महाप्रबंधक


जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करने के लिए दिशानिर्देश

पर

मास्टर परिपत्र 30 जून 2007 तक यथा संशोधित

परिचय
पात्रता
समग्र राशि
निर्गम और मूल्यवर्ग का न्यूनतम आकार
कौन सदस्यता ले सकता है
परिपक्वता
बट्टा (डिस्काउंट)
आरक्षित निधि अपेक्षाएँ
हस्तांतरणीय
ऋण/पुन: क्रय
सीडी का प्रारूप
प्रमाणपत्र का भुगतान
नकल प्रमाणपत्र जारी करना
लेखांकन
मानक बाजार प्रथा और प्रलेखीकरण
रिपोरिंग
अनुबंध I
अनुबंध II
परिशिष्ट

परिचय

जमा प्रमाणपत्र (सीडी) एक परक्राम्य मुद्रा बाजार लिखत है और एक निर्दिष्ट समय अवधि के लिए बैंक या अन्य पात्र वित्तीय संस्थान में जमा की गई धनराशि के लिए अमूर्तीकृत (डिमटेरियलाइज्ड) रूप में या एक मीयादी वचन पत्र के रूप में जारी किया जाता है। वर्तमान में जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करने के दिशानिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर संशोधित विभिन्न निर्देशों द्वारा शासित होते हैं। जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करने के लिए अब तक जारी किए गए सभी संशोधनों को शामिल करते हुए दिशा-निर्देश सुलभ संदर्भ के लिए नीचे दिए गए हैं।

पात्रता

2. जमा प्रमाणपत्र (सीडी) (i) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों (एलएबी) को छोड़कर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा; तथा (ii) उन चुनिन्दा अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों जिन्हें आरबीआई द्वारा निर्धारित छत्र सीमा के भीतर अल्पकालिक संसाधन जुटाने के लिए आरबीआई द्वारा अनुमति दी गई है, द्वारा जारी किया जा सकता है।

समग्र राशि

3. बैंकों को अपनी आवश्यकताओं के आधार पर सीडी जारी करने की स्वतंत्रता है।

4. एक वित्तीय संस्था आरबीआई द्वारा तय की गई समग्र छत्र सीमा के भीतर जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी कर सकता है, अर्थात अन्य लिखतों के साथ जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करना जैसे नवीनतम लेखापरीक्षित तुलन पत्र के अनुसार, मीयादी राशि, मीयादी जमा, वाणिज्यिक पत्र और अंतर-कॉर्पोरेट जमा अपने निवल स्वाधिकृत निधि के 100 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

निर्गम और मूल्यवर्ग का न्यूनतम आकार

5. जमा प्रमाणपत्र (सीडी) की न्यूनतम राशि रु 1 लाख होनी चाहिए अर्थात एकल ग्राहक से न्यूनतम जमा रु 1 लाख से कम न हो तथा उसके बाद रु 1 लाख के गुणक में होनी चाहिए।

कौन सदस्यता ले सकता है

6. जमा प्रमाणपत्र (सीडी) व्यक्तियों, निगमों, कंपनियों, ट्रस्टों, निधियों, संघों आदि को जारी किए जा सकते हैं. अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी जमा प्रमाणपत्र (सीडी) की सदस्यता ले सकते हैं, लेकिन केवल गैर-प्रत्यावर्तनीय आधार पर जिसका उल्लेख प्रमाण पत्र पर स्पष्ट रूप से होना चाहिए। ऐसी जमा प्रमाणपत्र (सीडी) द्वितीयक बाजार में किसी अन्य अनिवासी भारतीय को परांकित नहीं की जा सकती।

परिपक्वता

7. बैंकों द्वारा जारी जमा प्रमाणपत्र (सीडी) की परिपक्वता अवधि 7 दिनों से कम और एक वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।

8. वित्तीय संस्थाएँ जारी होने की तिथि से कम से कम 1 वर्ष की अवधि के लिए और अधिकतम 3 वर्ष की अवधि के लिए जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी कर सकती हैं।

बट्टा (डिस्काउंट)/ कूपन दर

9. जमा प्रमाणपत्र (सीडी) के अंकित मूल्य पर डिस्काउंट जारी की जा सकती हैं। बैंकों/वित्तीय संस्थाओं को अस्थिर दर के आधार पर जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करने की भी अनुमति है, बशर्ते अस्थिर दर को संकलित करने की पद्धति वस्तुनिष्ठ, पारदर्शी और बाजार आधारित हो। जारीकर्ता बैंक/वित्तीय संस्थान छूट/कूपन दर निर्धारित करने के लिए स्वतंत्र हैं। अस्थिर दर जमा प्रमाणपत्र (सीडी) पर ब्याज दर को एक पूर्व-निर्धारित फॉर्मूले के अनुसार समय-समय पर पुन: निर्धारित करना होगा जो एक पारदर्शी बेंचमार्क पर फैलाव को इंगित करता है।

आरक्षित निधि अपेक्षाएँ

10. जमा प्रमाणपत्र (सीडी) के निर्गम मूल्य पर बैंकों को उपयुक्त आरक्षित निधि आवश्यकताओं, अर्थात आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) को बनाए रखना होगा।

हस्तांतरणीय

11. भौतिक जमा प्रमाणपत्र (सीडी) पृष्ठांकन और सुपुर्दगी द्वारा मुक्त रूप से हस्तांतरणीय हैं। डीमैटेड जमा प्रमाणपत्र (सीडी) को अन्य डीमैट प्रतिभूतियों पर लागू प्रक्रिया के अनुसार अंतरित किया जा सकता है। जमा प्रमाणपत्र (सीडी) के लिए कोई लॉक- इन- अवधि नहीं है।

ऋण/पुन: क्रय

12. बैंक/वित्तीय संस्थान जमा प्रमाणपत्र (सीडी) के बदले ऋण मंजूर नहीं कर सकते। इसके अलावा, परिपक्वता के पूर्व वे अपनी ही जमा प्रमाणपत्र (सीडी) को पुन:क्रय नहीं कर सकते।

जमा प्रमाणपत्र (सीडी) का प्रारूप

13. बैंकों/वित्तीय संस्थाओं को जमा प्रमाणपत्र (सीडी) केवल अमूर्तीकृत (डीमैटेरियलाइज्ड) रूप में ही जारी करना चाहिए। तथापि, निक्षेपागार अधिनियम, 1996 के अनुसार, निवेशकों के पास भौतिक रूप में प्रमाण पत्र प्राप्त करने का विकल्प है। तदनुसार, यदि निवेशक भौतिक प्रमाण पत्र पर जोर देता है, तो बैंक/वित्तीय संस्थान मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय बाजार विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट, मुंबई - 400 001 को ऐसे मामलों के बारे में अलग से सूचित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करने पर स्टांप शुल्क लगेगा। बैंकों/वित्तीय संस्थाओं द्वारा अपनाने के लिए एक प्रारूप (अनुबंध I) संलग्न है। जमा प्रमाणपत्र (सीडी) के पुनर्भुगतान के लिए कोई ग्रेस अनुग्रह अवधि नहीं होगी। यदि परिपक्वता की तारीख को अवकाश होता है, तो जारीकर्ता बैंक को ठीक पूर्ववर्ती कार्य दिवस पर भुगतान करना चाहिए। अत: बैंक/वित्तीय संस्थान जमा की अवधि इस प्रकार निर्धारित कर सकते हैं कि छूट/ब्याज दर के नुकसान से बचने के लिए परिपक्वता तिथि छुट्टी के दिन न हो।

प्रतिभूत पहलू

14. चूंकि भौतिक जमा प्रमाणपत्र (सीडी) पृष्ठांकन और सुपुर्दगी द्वारा मुक्त रूप से हस्तांतरणीय हैं, इसलिए बैंकों के लिए यह देखना आवश्यक होगा कि प्रमाणपत्र अच्छी गुणवत्ता वाले प्रतिभूत कागज पर छपे हैं और दस्तावेज़ के साथ छेड़छाड़ से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरती जाती है। उन पर दो या दो से अधिक अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा हस्ताक्षर किए जाने चाहिए।

प्रमाणपत्र का भुगतान

15. चूंकि जमा प्रमाणपत्र (सीडी) हस्तांतरणीय हैं, अत: अंतिम धारक द्वारा भौतिक प्रमाण पत्र भुगतान के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है। पृष्ठांकन की श्रृंखला में किसी दोष के कारण देयता का प्रश्न उठ सकता है। अत: यह अपेक्षित है कि बैंक आवश्यक सावधानी बरतें और रेखांकित चेक द्वारा ही भुगतान करें। ऐसे जमा प्रमाणपत्र (सीडी) का कारोबार करने वालों को भी उचित रूप से सतर्क किया जा सकता है।

16. डिमैटेड जमा प्रमाणपत्र (सीडी) के धारक अपने संबंधित निक्षेपागार (डिपाजीटरी) सहभागी (डीपी) से संपर्क करेंगे और विशिष्ट आईएसआईएन द्वारा प्रदर्शित डीमैट सुरक्षा को जारीकर्ता द्वारा बनाए गए जमा प्रमाणपत्र (सीडी) मोचन खाता (रिडेम्पशन अकाउंट)' में अंतरण करने के लिए अंतरण /सुपुर्दगी निर्देश देने होंगे। धारक को अपने निक्षेपागार (डिपाजीटरी) सहभागी (डीपी) को दिए गए सुपुर्दगी निर्देश की प्रति संलग्न करते हुए पत्र/फैक्स द्वारा जारीकर्ता को भी सूचित करना चाहिए और शीघ्र भुगतान की सुविधा के लिए उस स्थान की सूचना देनी चाहिए जहां भुगतान का अनुरोध किया गया है। "जमा प्रमाणपत्र (सीडी) मोचन खाते" में जमा प्रमाणपत्र (सीडी) के डीमैट क्रेडिट प्राप्त होने पर, जारीकर्ता, परिपक्वता तिथि पर, बैंकर्स चेक/उच्च मूल्य चेक, आदि के माध्यम से धारक/अंतरणकर्ता को चुकाने की व्यवस्था करेगा।

नकल प्रमाणपत्र जारी करना

17. भौतिक प्रमाणपत्रों के गुम हो जाने की स्थिति में, निम्नलिखित के अनुपालन के बाद नकल प्रमाण पत्र जारी किए जा सकते हैं:

(ए) एक स्थानीय समाचार पत्र में कम से कम एक नोटिस देना आवश्यक है।

(बी) समाचार पत्र में नोटिस की तारीख से एक उचित अवधि (जैसे 15 दिन) की चूक; और

(सी) जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करने वाले की संतुष्टि के लिए निवेशक द्वारा क्षतिपूर्ति बांड का निष्पादन।

18. नकल प्रमाण पत्र केवल भौतिक रूप में जारी किया जाना चाहिए। किसी नई मुहर की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मूल खोए हुए जमा प्रमाणपत्र (सीडी) के लिए यह नकल प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। नकल जमा प्रमाणपत्र (सीडी) में स्पष्ट रूप से यह उल्लेख होना चाहिए कि जमा प्रमाणपत्र (सीडी) एक नकल जमा प्रमाणपत्र (सीडी) है जिसमें मूल मूल्य तिथि, देय तिथि और जारी करने की तिथि (जैसा कि "नकल ________ को जारी किया गया") लिखा हुआ है।

लेखांकन

19. बैंक/वित्तीय संस्थान निर्गम मूल्य को "जारी जमा प्रमाणपत्र (सीडी)" शीर्ष के अंतर्गत दर्ज कर सकते हैं और इसे जमाराशियों के अंतर्गत दिखा सकते हैं। डिस्काउंट के लिए लेखांकन प्रविष्टियां "नकद प्रमाणपत्र" के मामले में की जाएंगी। बैंकों/वित्तीय संस्थाओं को पूरे ब्यौरे के साथ जारी जमा प्रमाणपत्र (सीडी) का एक रजिस्टर रखना चाहिए।

मानक बाजार प्रथा और प्रलेखीकरण

20. भारतीय नियत आय मुद्रा बाजार और व्युत्पन्नी संघ (एफ़आईएमएमडीए) आरबीआई के परामर्श से, जमा प्रमाणपत्र (सीडी) बाजार के परिचालन लचीलेपन और सुचारू कामकाज के लिए, अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप किसी भी मानकीकृत प्रक्रिया और दस्तावेज का निर्धारण कर सकता है, जिसका अनुपालन प्रतिभागियों द्वारा किया जाना है। बैंक/वित्तीय संस्थाएं इस संबंध में एफ़आईएमएमडीए द्वारा 20 जून 2002 को जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों का संदर्भ लें।

रिपोर्टिंग

21. बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 के तहत पाक्षिक विवरणी में जमा प्रमाणपत्र (सीडी) की राशि शामिल करनी चाहिए और विवरणी के फुटनोट के माध्यम से शामिल राशि को अलग से इंगित करना चाहिए।

22. इसके अलावा, बैंकों/वित्तीय संस्थाओं को अनुबंध II में दिए गए प्रारूप के अनुसार पखवाड़े की समाप्ति से 10 दिनों के भीतर मुख्य महाप्रबंधक, वित्तीय बाजार विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय भवन, फोर्ट, मुंबई - 400 001, फैक्स ++9122--22634824/22630981 को एक पाक्षिक विवरणी प्रस्तुत करनी चाहिए।


परिशिष्ट

परिपत्रों की सूची

क्रम संदर्भ संख्या दिनांक विषय
1. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी.134/65-89 6 जून 1989 जमा प्रमाणपत्र (सीडी)
2. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी.112/65-90 23 मई 1990 जमा प्रमाणपत्र (सीडी)
3. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी.60/65-90 20 दिसंबर 1990 जमा प्रमाणपत्र (सीडी)
4. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी.113/65-91 15 अप्रैल 1991 जमा प्रमाणपत्र (सीडी)
5. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी.83/65-92 12 फरवरी 1992 जमा प्रमाणपत्र (सीडी)
6. डीबीओडी.सं.बीसी. 119/12.021.001/92 21 अप्रैल 1992 भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 42(1) - जमा के वृद्धिशील प्रमाणपत्रों पर नकद आरक्षित अनुपात - छूट
7. डीबीओडी.सं.बीसी. 106/21.03.053/93 7 अप्रैल 1993 जमा प्रमाणपत्र (सीडी) – सीमा में वृद्धि
8. डीबीओडी.सं.बीसी. 171./21.03.053/93 11 अक्तूबर 1993 जमा प्रमाणपत्र (सीडी) योजना
9. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी. 109./21.03.053/96 9 अगस्त 1996 जमा प्रमाणपत्र (सीडी) योजना
10. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी. 49/21.03.053/97 22 अप्रैल 1997 जमा प्रमाणपत्र (सीडी)
11. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी.128/21.03.053/97 21 अक्तूबर 1997 जमा प्रमाणपत्र (सीडी)
12. डीबीओडी.सं. निदेश.बीसी 96/13.03.00/2001-02 29 अप्रैल 2002 अमूर्तीकृत रूप में जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करना
13. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी 115/21.03.053/ 2001-02 15 जून 2002 जमा प्रमाणपत्र (सीडी)
14. डीबीओडी.सं.बीपी.बीसी 43/21.03.053/ 2002-03 16 नवंबर 2002 मौद्रिक और ऋण नीति 2002-03 की मध्यावधि समीक्षा:- जमा प्रमाणपत्र
15. एमपीडी.सं. 254/07.01.279/2004-05 12 जुलाई 2004 जमा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश
16. एमपीडी.सं. 263/07.01.279/2004-05 28 अप्रैल 2005 जमा प्रमाणपत्र

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