विनियामक पूंजी के भाग के रूप में अधिमान शेयर जारी करने से संबंधित दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
विनियामक पूंजी के भाग के रूप में अधिमान शेयर जारी करने से संबंधित दिशानिर्देश
आरबीआइ / 2008-09/425 |
बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 120 /21.01.002/2008-09 |
2 अप्रैल 2009
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12 चैत्र 1931 (शक) |
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी |
महोदय |
विनियामक पूंजी के भाग के रूप में अधिमान शेयर जारी करने से संबंधित दिशानिर्देश |
कृपया विनियामक पूंजी के भाग के रूप में अधिमान शेयर जारी करने से संबंधित दिशानिर्देशों पर 29 अक्तूबर 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 42/21.01.002/2007-08 देखें। |
अनुबंध - 1 |
टीयर 1 पूंजी के भाग के रूप में बेमीयादी असंचयी अधिमान शेयरों (पीएनसीपीएस) के संबंध में दिशानिर्देश |
1.7 लाभांश का भुगतान |
(ख) लाभांश संचयी नहीं होगा, अर्थात् यदि किसी वर्ष से लाभांश नहीं दिया जाता है तो उसका भुगतान आनेवाले वर्षों में नहीं किया जाएगा, भले ही पर्याप्त लाभ हुआ हो और सीआरएआर का स्तर विनियामक न्यूनतम अपेक्षा के अनुरूप हो । जब लाभांश का भुगतान निर्धारित दर से कम दर पर किया गया हो तब भुगतान न की गयी राशि की अदायगी आनेवाले वर्षों में नहीं की जाएगी, भले ही पर्याप्त लाभ हुआ हो और सीआरएआर का स्तर विनियामक न्यूनतम अपेक्षा के अनुरूप हो । |
अनुबंध - II |
उच्चतर टीयर 2 पूंजी के भाग के रूप में बेमीयादी संचयी अधिमान शेयर (पीसीपीएस)/प्रतिदेय असंचयी अधिमान शेयर (आरएनसीपीएस)/प्रतिदेय संचयी अधिमान शेयर (आरसीपीएस) पर लागू शर्तें |
1.8 कूपन का भुगतान 1.8.1 इन लिखतों पर देय कूपन को ब्याज माना जाएगा और तदनुसार उसे लाभ और हानि खाते में नामे डाला जाएगा । तथापि, यह तभी देय होगा जब (घ) पीसीपीएस और आरसीपीएस के मामले में अदत्त/अंशत: अदत्त कूपन को देयता माना जाएगा । देय और शेष अदत्त ब्याज राशि के भुगतान की अनुमति परवर्ती वर्षों में दी जा सकती है बशर्ते बैंक उपर्युक्त अपेक्षाओं का पालन करता है । (ङ) आरएनसीपीएस के मामले में आस्थगित कूपन का भुगतान आनेवाले वर्षों में नहीं किया जाएगा, भले ही पर्याप्त लाभ हुआ हो और सीआरएआर का स्तर विनियामक न्यूनतम अपेक्षा के अनुरूप हो । तथापि, यदि पर्याप्त लाभ हुआ हो और सीआरएआर का स्तर विनियामक न्यूनतम अपेक्षा के अनुरूप हो तो बैंक निर्धारित दर से कम दर पर कूपन का भुगतान कर सकता है । 1.8.2 ब्याज का भुगतान नहीं करने/निर्धारित दर से कम दर पर ब्याज का भुगतान करने के सभी मामलों की सूचना जारीकर्ता बैंकों द्वारा बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग तथा बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई के प्रभारी मुख्य महाप्रबंधकों को दी जानी चाहिए । |
3. कृपया पावती दें । |
भवदीय |
(प्रशांत सरन) |
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |