कार्पोरेट बॉण्डों के लिए ऋण चूक अदला-बदली (सीडीएस) पर दिशानिर्देश – अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं को अनुमति - आरबीआई - Reserve Bank of India
कार्पोरेट बॉण्डों के लिए ऋण चूक अदला-बदली (सीडीएस) पर दिशानिर्देश – अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं को अनुमति
वापस लिया गया w.e.f. 16/11/2021
भारिबैं/2011-12/522 23 अप्रैल 2012 अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं के महोदय/महोदया कार्पोरेट बॉण्डों के लिए ऋण चूक अदला-बदली (सीडीएस) पर कार्पोरेट बॉण्डों के लिए ऋण चूक अदला-बदली पर दिशानिर्देश संलग्न करते हुए 23 मई 2011 का हमारा परिपत्र आंऋप्रवि.पीसीडी.सं.5053/14.03.04/2010-11 देखें । जैसा कि दिशानिर्देशों के पैरा 2.1.1 में निर्दिष्ट किया गया है, वाणिज्य बैंकों, पीडी, गैंर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, पारस्परिक निधियों, बीमा कंपनियों, आवास वित्त कंपनियों, भविष्य निधियों, सूचीबद्ध कार्पोरेट्स तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों को सीडीएस बाजार में यूज़र के रूप में अनुमति है । 2. अब यह निर्णय लिया गया है कि अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं, यथा, एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया (एक्जि़म), राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) को सीडीएस बाजार में उनके पोर्टफोलियो में कार्पोरेट बॉण्डों में अंतर्निहित ऋण जोखिम की प्रतिरक्षा के लिए यूजर के रूप में भाग लेने की अनुमति दी जाए । 3. दिनांक 23 मई 2011 के परिपत्र आंऋप्रवि.पीसीडी.सं.5053/14.03.04/2010-11 और 30 नवंबर 2011 के परिपत्र पीसीडी.सं.2302/14.03.04/2011-12 में दी गई अन्य सभी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी । भवदीय (के.के. वोहरा) |