अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) द्वारा यथाअधिसूचित भारत-यूएई सीईपीए के तहत टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) धारकों द्वारा सोने के आयात पर दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) द्वारा यथाअधिसूचित भारत-यूएई सीईपीए के तहत टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) धारकों द्वारा सोने के आयात पर दिशानिर्देश
आरबीआई/2023-24/118
एपी (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.14 January 31, 2024 सेवा में सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) द्वारा यथाअधिसूचितभारत-यूएई सीईपीए के तहत टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) धारकों द्वारा सोने के आयात पर दिशानिर्देश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान दिनांक 25 मई, 2022 के एपी (डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र सं.04 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार एडी श्रेणी-1 बैंकों को इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज आईएफएससी लिमिटेड (आईआईबीएक्स) के माध्यम से सोने के आयात के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) द्वारा अधिसूचित पात्र ज्वैलर्स की ओर से ग्यारह दिनों के अग्रिम भुगतान के प्रेषण की अनुमति दी गई है। 2. इसके अलावा, एडी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान डीजीएफटी द्वारा जारी दिनांक 20 नवंबर 2023 की अधिसूचना संख्या 44/2023 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार, आईएफएससीए द्वारा यथाअधिसूचित भारत-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के तहत वैध टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) धारकों को उक्त टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) के तहत आईआईबीएक्स के माध्यम से विशिष्ट आईटीसी (एचएस) कोडों के तहत सोने का आयात करने की अनुमति दी गई है।
3. तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि 25 मई 2022 के एपी (डीआईआर श्रृंखला) परिपत्र संख्या 04 में उल्लिखित निदेशों के अधीन, एडी श्रेणी-1 बैंक भारत-यूएई सीईपीए के तहत वैध टीआरक्यू धारकों को आईआईबीएक्स के माध्यम से सोने के आयात के लिए उक्त टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) के तहत ग्यारह दिनों के अग्रिम भुगतान प्रेषण की अनुमति दें।
4. एडी श्रेणी-I के बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु को अपने घटकों और संबंधित ग्राहकों के संज्ञान में लाएँ। 5. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के तहत जारी किए गए हैं और ये किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियों/ अनुमोदनों, यदि कोई हों, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते। भवदीय (पुनीत पंचोली) |