बैंक ऋण की सुपुर्दगी के लिए उधार व्यवस्था पर दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक ऋण की सुपुर्दगी के लिए उधार व्यवस्था पर दिशानिर्देश
आरबीआई/2018-19/87 5 दिसंबर 2018 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय/महोदया, बैंक ऋण की सुपुर्दगी के लिए उधार व्यवस्था पर दिशानिर्देश कृपया उक्त विषय पर दिनांक 11 जून 2018 को हितधारकों की टिप्पणी के लिए जारी प्रारूप दिशानिर्देश देखें। 2. हितधारकों के मत को ध्यान में रखते हुए, अंतिम दिशानिर्देश अनुबंध में दिए गए हैं। भवदीय (सौरभ सिन्हा) बैंक ऋण की सुपुर्दगी के लिए उधार व्यवस्था पर दिशानिर्देश बैंकिंग प्रणाली से कार्यशील पूंजी सुविधा का लाभ उठाने वाले बड़े उधारकर्ताओं के बीच ऋण अनुशासन बढ़ाने के उद्देश्य से, ऐसे उधारकर्ताओं के लिए बैंक ऋण की सुपुर्दगी इस प्रकार होगी: 1. 'उधार घटक' का न्यूनतम स्तर और प्रभावी होने की तिथि बैंकिंग प्रणाली से ₹ 1500 मिलियन और उससे अधिक की समग्र निधि आधारित कार्यशील पूंजी सीमा वाले उधारकर्ताओं के संबंध में, 'उधार घटक' के लिए 40 प्रतिशत का न्यूनतम स्तर 1 अप्रैल 2019 से प्रभावी होगा। तदनुसार, ऐसे उधारकर्ताओं के लिए, बकाया 'उधार घटक' (कार्यशील पूंजी ऋण), अनुमोदित निधि आधारित कार्यशील पूंजी सीमा के कम से कम 40 प्रतिशत के बराबर होना चाहिए, जिसमें तदर्थ सीमाएं और टीओडी शामिल हैं। अतः ऐसे उधारकर्ताओं के लिए, 'उधार घटक' से कुल निधि आधारित कार्यशील पूंजी सीमा के केवल 40 प्रतिशत तक के आहरण की अनुमति दी जाएगी। न्यूनतम 'उधार घटक' सीमा से अधिक के आहरण को नकद ऋण सुविधा के रूप में अनुमति दी जा सकती है। कार्यशील पूंजी सीमा के द्विभाजन (बाइफरकेशन) के लिए कार्यात्मक उदाहरण परिशिष्ट I में दिए गए हैं। कार्यशील पूंजी सीमा का उधार और नकद ऋण घटकों में द्विभाजन, कार्यशील पूंजी सीमा में से निर्यात ऋण सीमा (पोत-लदान पूर्व और पोत-लदान उपरांत) और अंतर्देशीय विक्रय के लिए के लिए बिल सीमा को हटाकर, किया जाएगा। उधारकर्ता द्वारा निर्गमित वाणिज्यिक पत्र में बैंक द्वारा निवेश उधार घटक का भाग होगा, बशर्ते कि इस निवेश को कार्यशील पूंजी सीमा के भाग के रूप में स्वीकृत किया गया है। 2. कार्यशील पूंजी वित्त साझा करना नकद ऋण और उधार घटकों को साझा करने के लिए आधारभूत नियम कन्सोर्शियम, जहां गठित हो, द्वारा निर्धारित किए जा सकते हैं, जो उपर्युक्त पैरा 1 में दिए गए द्विभाजन संबंधी दिशानिर्देशों के अधीन होगा। कन्सोर्शियम में शामिल सभी ऋणदाता व्यक्तिगत और संयुक्त रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि समग्र स्तर पर 'ऋण घटक' उपर्युक्त आवश्यकताओं को पूरा करता है। बहु बैंकिंग व्यवस्था (एमबीए) के तहत, प्रत्येक बैंक अपने बैंक के स्तर पर इन दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा। 3. उधार की राशि और अवधि उधार घटक की राशि और अवधि बैंकों द्वारा उधारकर्ताओं से परामर्श कर तय की जाए, बशर्ते कि अवधि सात दिनों से कम न हो। बैंक उधारकर्ताओं की आवश्यकताओं के अनुसार उधार घटक को विभिन्न परिपक्वता अवधियों वाले डब्ल्यूसीएल में विभाजित करने का निर्णय ले सकते हैं। 4. उधार घटक की चुकौती/नवीकरण/रोलओवर बैंक/कन्सोर्शियम/सिंडिकेट को आईआरएसी मानदंडों के अधीन डब्ल्यूसीएल की चुकौती एकमुश्त या किश्तों में किया जाना निर्धारित करने का विवेकाधिकार होगा। बैंक उधारकर्ता के अनुरोध पर डब्ल्यूसीएल के रोलओवर पर विचार कर सकते हैं, जो मौजूदा आईआरएसी मानदंडों के अनुपालन के अधीन होगा। 5. नकद ऋण सीमा के अनाहरित भाग के लिए जोखिम भार 01 अप्रैल 2019 से, उपर्युक्त बड़े उधारकर्ताओं को स्वीकृत किए गए नकद ऋण/ओवरड्राफ्ट सीमा के अनाहरित भाग, चाहे वह बिना शर्त निरस्त करने योग्य हो या नहीं, पर 20 प्रतिशत का ऋण रूपांतरण कारक लगेगा। 6. ये दिशानिर्देश 01 अप्रैल 2019 से, मौजूदा तथा नए दोनों प्रकार के संबंधों पर, प्रभावी होंगे। 01 जुलाई 2019 से प्रभावी होकर 40 प्रतिशत के ऋण घटक को संशोधित कर 60 प्रतिशत किया जाएगा। कार्यशील पूंजी सीमा के द्विविभाजन के लिए कार्यात्मक उदाहरण
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