सरकारी प्रतिभूतियों की स्ट्रिपिंग / पुनर्गठन पर दिशानिर्देश - आरबीआई - Reserve Bank of India
सरकारी प्रतिभूतियों की स्ट्रिपिंग / पुनर्गठन पर दिशानिर्देश
आरबीआई/2017-18/171 3 मई 2018 बाजार के सभी प्रतिभागी महोदय/महोदया, सरकारी प्रतिभूतियों की स्ट्रिपिंग / पुनर्गठन पर दिशानिर्देश कृपया प्रतिभूतियों की पंजीकृत ब्याज और मूलधन की पृथक ट्रेडिंग (स्ट्रिप्स) की व्यवस्था की समीक्षा के संबंध में 5 अप्रैल 2018 को घोषित विनियामक और विकासात्मक नीतियों पर वक्तव्य के पैरा 7 का अवलोकन करें जिन्हें 1 अप्रैल 2010 के प्रभाव से आरंभ किया गया था। 2. निवेशकों की विविध जरूरतों को पूरा करने और प्रतिभूतियों की पंजीकृत ब्याज और मूलधन की पृथक ट्रेडिंग (स्ट्रिप्स) को बाजार आवश्यकताओं के साथ सामंजस्य करने की दृष्टि से मौजूदा दिशानिर्देशों को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार स्ट्रिपिंग / पुनर्गठन के लिए पात्र प्रतिभूतियों पर प्रतिबंध हटाने के साथ-साथ प्राथमिक डीलरों (पीडी) द्वारा स्ट्रिपिंग / पुनर्गठन के लिए सभी अनुरोधों को प्राधिकृत करने की आवश्यकता को हटाने का प्रस्ताव है। 3. उपर्युक्त के मद्देनज़र 25 मार्च 2010 के हमारे परिपत्र आईडीएमडी. डीओडी. 07/11.01.09/2009-10 के साथ पठित 16 अक्टूबर 2009 की हमारी अधिसूचना आईडीएमडी.1762/2009-10 के माध्यम से जारी किए गए मौजूदा निर्देशों के आंशिक संशोधन में, निम्नानुसार निर्दिष्ट किया जाता है: पात्र प्रतिभूतियाँ (क) भारत सरकार द्वारा जारी सभी नियत कूपन प्रतिभूतियां स्ट्रिपिंग / पुनर्गठन के लिए पात्र हैं, परिपक्वता वर्ष कुछ भी हो, बशर्ते कि: (i) प्रतिभूतियां सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) के प्रयोजन के लिए योग्य निवेश के रूप में गिनी जाती हैं। (ii) प्रतिभूतियां हस्तांतरणीय हैं। अनुरोध करना (ख) भारिबैं के साथ एसजीएल खाता रखने वाले बाजार प्रतिभागी स्ट्रिपिंग / पुनर्गठन के लिए ई-कुबेर में सीधे अनुरोध कर सकते हैं। (ग) गिल्ट खाता धारकों (जीएएच) द्वारा स्ट्रिपिंग / पुनर्गठन के लिए अनुरोधों को सीएसजीएल खाते को बनाए रखने वाले संबंधित अभिरक्षक के साथ रखा जाएगा, जो बदले में ई-कुबेर में अपने घटकों की तरफ से अनुरोध करेगा। 4. उपर्युक्त प्रभाव के लिए 25 अप्रैल 2018 की अधिसूचना संलग्न है। भवदीया, (ए. मंगलगिरी) संलग्नक : यथोक्त |