सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खातों की अर्धवार्षिक/त्रैमासिक समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खातों की अर्धवार्षिक/त्रैमासिक समीक्षा
आरबीआई/2015-16/186 बैंपवि. एआरएस.सं. बीसी. 5/08.91.001/2015-16 23 सितम्बर, 2015 सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रिय महोदय/महोदया, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खातों की अर्धवार्षिक/त्रैमासिक समीक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खातों की अर्धवार्षिक/त्रैमासिक समीक्षा संचालन पर कृपया हमारा परिपत्र DBS.ARS.No.BC.13/08.91.001/2000-01 दिनांक 17 मई 2001, DBS.ARS.No.BC .4/08.91.001/2001-02 दिनांक 25 अक्टूबर 2001 एवं DBS.ARS.No.BC. 17/08.91.001/2002-03 दिनांक 5 जून 2003 देखें। 2. यह स्पष्ट किया जाता है कि समवर्ती लेखा परीक्षकों को अब से अपनी एनपीए समीक्षा रिपोर्ट बैंकों को प्रस्तुत करनी होगी, न कि अर्धवार्षिक/त्रैमासिक समीक्षा कर रहे सांविधिक केंद्रीय लेखा परीक्षकों (एससीए) को। इसलिए समवर्ती लेखा परीक्षक एनपीए आंकड़ों पर अपनी राय बैंकों को देंगे, न कि एससीए को, जो लेखा परीक्षा उद्देश्य के लिए समवर्ती लेखा परीक्षकों द्वारा कवर की गई शाखाओं को गैर-लेखापरीक्षित शाखाओं के रूप में मानेंगे [17 मई 2001 के परिपत्र के अनुबंध III का पैरा 1 (ii) ] 3. एससीए, पहले की तरह, अर्धवार्षिक/त्रैमासिक समीक्षाओं के लिए शीर्ष 20 शाखाओं की समीक्षा करना जारी रखेंगे और संबंधित सांविधिक लेखा परीक्षक द्वारा लेखापरीक्षित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की विदेशी शाखाओं की समीक्षा रिपोर्टों को ध्यान में रखेंगे। एससीए अनिवार्य रूप से आरबीआई की नवीनतम निरीक्षण रिपोर्ट में प्रतिकूल टिप्पणी की गई अग्रिमों, विशेष लेखापरीक्षा/विशेष जांच, यदि बैंक, आरबीआई या किसी अन्य एजेंसी द्वारा की गई है, को कवर करेंगे, ताकि सभी समस्यामूलक खातों का छमाही/त्रैमासिक समीक्षा के दौरान ध्यान रखा जा सके। 4. अर्धवार्षिक/त्रैमासिक समीक्षा के लिए कवर किए जाने वाले अग्रिमों और एनपीए के निर्धारित 50% के शेष हिस्से की समीक्षा एससीए द्वारा बैंकों के कोर बैंकिंग सिस्टम और बैंकों द्वारा एससीए को उपलब्ध कराई जाने वाली प्रबंधन इनपुट यथा आंतरिक निरीक्षण रिपोर्ट, समवर्ती लेखा परीक्षकों द्वारा समीक्षा रिपोर्ट आदि के माध्यम से की जाएगी। परिणामस्वरूप, एससीए द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली "समीक्षा रिपोर्ट का नमूना" प्रारूप संशोधित किया गया है और अनुबंध II के रूप में संलग्न किया गया है। 5. समय-समय पर संशोधित अन्य अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे। 6. कृपया पावती दें। भवदीय
(इंद्राणी बनर्जी) मुख्य महाप्रबंधक |