आवास वित्त - आरबीआई - Reserve Bank of India
आवास वित्त
सदर्भ. भारतीय रिज़र्व बैंक /2004-05/23
बैंपविवि (औनिऋअ) सं. 4/03.27.25/2004-05
3 जुलाई, 2004
समस्त वाणिज्यिक बैंकों के
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
महोदय,
आवास वित्त
वफ्पया आवास वित्त पर 29 दिसंबर 2003 के हमारे मास्टर परिपत्र औनिऋवि. सं. (आवि) 4/03.27.25/ 2003-04 का अवलोकन करें ।
2. उक्त परिपत्र के पैरा 2.3 (वख्) के अनुसार, केवल भूखंड खरीदने के लिए मंजूर किए जाने वाले उसी बैंक वित्त को प्रत्यक्ष आवास वित्त माना जाएगा यदि, उधारकर्ता से यह वचन ले लिया गया हो कि वह बैंक या अन्य किसी संस्था से वित्त सहायता लेने से दो वर्ष के भीतर उक्त भूखंड पर मकान बनाना चाहेगा ।
3. दो वर्ष की अवधि का निर्धारण यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि ऋण का उपयोग मकान बनाने के लिए ही किया जाए और सट्टेबाजी में नहीं लगाया जाए । तथापि, इस संबंध में बैंकों को स्वतंत्रता देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि उधारकर्ता द्वारा बैंक ऋण की मदद से खरीदे गए भूखंड पर मकान बनाने के लिए बैंक अपने स्थावर संपदा /आवास क्षेत्र के वित्त पोषण करने की अपनी नीतियों के अधीन स्वयं ही समयावधि निश्चित करें ।
भवदीय,
ह/-
(वाई. डी. राव)
मुख्य महाप्रबंधक