ऋण आधार पर स्वर्ण का आयात - ऋण की अवधि तथा तत्काल (स्टैंड-बाई) साख पत्र खोलना - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऋण आधार पर स्वर्ण का आयात - ऋण की अवधि तथा तत्काल (स्टैंड-बाई) साख पत्र खोलना
आरबीआइ/2004-05/366 फरवरी 18, 2005 प्रति महोदया/महोदय ऋण आधार पर स्वर्ण का आयात - ऋण की अवधि विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी अनुसूर्ातिं वाणिय़िक बैंकों का ध्यान हमारे मार्ादिं 6, 1998 के ए.डी (ाा.पी. सिरीा) परिपत्र सं. 7 तथा ाजलाई 9, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 2 की ओर आकर्षित किया ााता है ासिके द्वारा नामित एाटंसियों, अनुमोदित बैंकों, निर्यातोन्मुख इकाइयों तथा विशेष आर्थिक अंर्ालिं के इकाइयों को विभिन्न व्यवस्थाओं के अंतर्गत स्वर्ण आयात करने की अनुमति दी गई थी । 2. प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान भारत सरकार के विदेश व्यापार नीति 2004-09 के पैरा 4.77.2 तथा पैरा 4.77.3 की ओर भी आकर्षित किया ााता है, ासिमें कहा गया है कि ’ऋण आधार पर स्वर्ण निर्गम किए ााने की तारीख से अधिकतक 60 दिनों के अंदर निर्यात पूर्ण किया ााना र्ााहिए’ और यह कि ’निर्यातक में इतनी लोर्ा िंहोनी र्ााहिए कि वे निर्यात की तारीख से 60 दिनों के अंदर मूल्य का निर्णारण तथा स्वर्ण ऋण र्ाजिंका सकें ’ । वाणिय़ विभाग, वाणिय़ और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ाारी दिसंबर 1, 2004 की लोक सूर्ानिंा सं. 28 /2004-09 द्वारा सरकार ने अब मूल्य निर्धारण तथा स्वर्ण ऋण र्ाजिंकाने क ा अवधि को बडाकर निर्यात की तारीख से 180 दिन कर दिया है । इसके परिणामस्वरूप स्वर्ण ऋण की अधिकतम अवधि 240 दिन हो गई है (अर्थात् निर्माण तथा निर्यात के लिए 60 दिन + मूल्य निर्धारण तथा र्ाजिंकौती के लिए 180 दिन ) 3. बैंक निम्नलिखित दिशानिर्देशों का पालन करें : (i) इस योाना के अंतर्गत नामित एजेंसियां /अनुमोदित बैंक आभूषणों के निर्यातकों को आगे उधार देने के लिए ऋण आधार पर स्वर्ण आयात कर सक ते हैं । दूसरी ओर विशेष आर्थिक अंर्ालिं में स्थित निर्यातोन्मुख इकाइयां, जो जवाहरात तथा आभूषण क्षेत्र में हैं, आभूषण के निर्माण तथा निर्यात हेतु अपने लिए ऋण आधार पर स्वर्ण आयात कर सकते हैं । (ii) स्वर्ण ऋण की अधिकतम अवधि विदेश व्यापार नीति 2004-09 अथवा समय-समय पर इस संबंध में भारत सरकार द्वारा अधिसूर्ातिं किए गए अनुसार होगी । विदेश व्यापार नीति तथा दिसंबर 1, 2004 की लाक सूर्ानिंा सं. 28/2004-09 के अनुसार अब यह 240 दिन है । (iii) जहां आवश्यक हो, प्राधिकृत व्यापारी अप्रैल 1, 2003 के एफइडीएआइ दिशानिर्देशों के अनुसार, ऋण आधार पर स्वर्ण के आयात के लिए तत्काल साख पत्र खोल सकते हैं । तत्काल साख पत्र की अवधि स्वर्ण ऋण की अवधि के अनुसार ही हो । यह नोट किया जाए कि तत्काल साख पत्र ऋण आधार पर स्वर्ण आयात करने के लिए अनुमोदित प्रतिष्ठानों, अर्थात् नामित एजेंसियां तथा जवाहरात तथा आभूषण के क्षेत्र में स्थित 100% निर्यातोन्मुख इकाइयों / विशेष आर्थिक अंचल के इकाइयों, की ओर से ही खोला जा सकता है । इसके अलावा, तत्काल साख पत्र अंतरराष्ट्रीय स्त्र पर प्रतिष्ठित बुलियन बैंकों के पक्ष में ही हो । प्राधिकृत व्यापारी, जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउन्सिल से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित बुलियन बैंकों की विस्तृत सूर्ाा िंप्राप्त कर सकते हैं । अधिकतमू 90 दिनों की प्रर्ालित अवधिवाले स्वर्ण के आयात तथा साख पत्र खोलने के अन्य सभी वर्तमान अनुदेश यथावत लागू रहेंगे । (iv) प्राधिकृत व्यापारी अपने पास पर्याप्त दस्तावेज रखें ताकि फ्ण आधार पर स्वर्ण निर्यात के लिए जारी तत्काल साख पत्र के साथ निर्यातों को विशिष्ट रूप से जोड़ा जा सकें । 4. ये दिशानिर्देश फ्टमा, 1999 के प्रावधानों के अंतर्गत विदेश्ां मुद्रा दृष्टिकोण से ही जारी किए गए हैं तथा इसे टकिसी अनय वर्तमान कानून /विनियमावली के अंतर्गत अन्य कोई सांविधिक प्राधिकरण अथवा सरकार का अनुमोदन न समझा जाए । यदि संबद्ध कानून / विनियमावली के अंतर्गत किसी अन्य विनियामक प्राधिकरण अथवा सरकार का अनुमोदन अथवा अनुमति अपेक्षित हो तो लेनदेन करने से पहले संबंधित प्रतिष्ठान संबंधित एजेंसी से अनुमोदन लें । 5. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने ग्राहकों को अवगत करा दें । 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फ्टमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए है । भवदीय (एफ.आर.जोसेफ) |