सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006, धारा 27 और 30 - एसजीएल फार्म के बाउंस होने पर दंड लगाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006, धारा 27 और 30 - एसजीएल फार्म के बाउंस होने पर दंड लगाना
भारिबैं/2010-11/115 14 जुलाई 2010 सभी एसजीएल/सीएसजीएल खाता धारक महोदय सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006, धारा 27 और 30 - एसजीएल फार्म के बाउंस होने पर दंड लगाना वर्तमान विनियामक रूपरेखा के अनुसार यदि निधियों या प्रतिभूतियों की कमी से एसजीएल ट्रांसफर फार्म छमाही में तीन बार बाउंस होते हैं तो खाताधारक को एसजीएल खाते की सुविधा लेने से छह महीने के लिए वंचित किया जा सकता है । सुविधा का प्रयोग बहाल करने के बाद यदि खाता धारक का एसजीएल ट्रांसफर पर्म पुन: बाउंस होता है तो ऐसे खाता धारक को एसजीएल खाते के प्रयोग से स्थायी रूप से वंचित किया जा सकता है । 2. सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 (अधिनियम) की धार 27 और धारा 30 की उप धारा (3) के प्रावधानों के आलोक में वर्तमान दिशानिर्देशों की समीक्षा की गई है । तदनुसार, एसजीएल ट्रांसफर पर्म के बाउंस होने की स्थिति में संबंधित खाता धारक द्वारा संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत न करने पर, खाताधारक निम्नानुसार दंड के भुगतान के पात्र होगें : (i) प्रति दृष्टांत अधिकतम दंड 5 लाख रुपए के अधीन क्रमिक आर्थिक दंड इस प्रकार होगा :
(ii) वित्तीय वर्ष में दसवें चूक पर, वित्तीय वर्ष की शेष अवधि के दौरान समय पर यथा संशोधित 31 जनवरी 2007 के परिपत्र आंऋप्रवि.सं. /11.01.01(बी)/2006-07 के अधीन स्वीकार्य स्तर तक भी पात्र संस्थानों को सरकारी प्रतिभूतियो में मंदडिया बिक्री (शार्ट सेल) करने के लिए एसजीएल खाते के प्रयोग से वंचित किया जाएगा । अगले वित्तीय वर्ष में इस तथ्य से संतुष्ट होने पर कि प्रश्नगत खाता धारक ने अपनी आंतरिक नियंत्रण प्रणाली (इनटरनल कंट्रोल सिस्टम) में सुधार लाया है, भारतीय रिज़र्व बैंक एसजीएल खाते की सुविधा का प्रयोग करते हुए मंदडिया बिक्री (शार्ट सेल) करने का विशेष अनुमोदन दे सकता है । (iii) संबंधित खाता धारक द्वारा आर्थिक दंड की राशि को भारतीय रिज़र्व बैंक के पक्ष में चेक या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान कर सकता है तथा यह भुगतान संबंधित खाता धारक पर भारतीय रिज़र्व बैंक के दंड लगाने के आदेश की प्राप्ति से पांच दिनों के अंदर खाताधारक को करना चाहिए । 3. इन अनुदेशों के प्रयोजन हेतु, "एसजीएल" बाउंसिंग से तात्पर्य है क्रेता के चालू खाता (करेन्ट अकाउन्ट) में निधि की अपर्याप्तता के कारण या भारतीय रिज़र्व बैंक के यहाँ विक्रेता के एसजीएल/सीएसजीएल खाते में अपर्याप्त प्रतिभूतियों के कारण सरकारी प्रतिभूतियों के लेन-देन में निपटान (सेटलमेन्ट) का नहीं हो पाना है । 4. चूककर्ता सदस्य को तुलन पत्र (बैलेन्स शीट) में नोट्स टू एकाउन्ट के अधीन किए गए चूकों की संख्या के साथ-साथ वित्तीय वर्ष में रिज़र्व बैंक को भुगतान किए गए दंड की राशि को उचित रूप से बताना होगा । 5. तथापि, इस परिपत्र में किसी तथ्य के होते हुए भी, रिज़र्व बैंक के पास यह अधिकार है कि वह एसजीएल/सीएसजीएल खातों के खोलने एवं बनाए रखन की शर्तों के उल्लंघन या समय-समय पर जारी परिचालनात्मक दिशनिदेशों के उल्लंघन के लिए, जैसा यह उचित समझे, सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार एसजीएल खाताधारक को अस्थायी या स्थायी आधार पर वंचित करने के साथ-साथ कोई भी कार्रवाई कर सकता है । 6. समय-समय पर यथासंशोधित एनडीएस (सदस्यता) विनियमन, 2002 के दूसरे प्रावधानों का पालन सदस्यों को अवश्य करना चाहिए । 7. यह परिपत्र तत्काल प्रभावी होगा । भवदीय (के.के. वोहरा) |