आय निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण, प्रावधानन तथा अन्य संबंधित मामले - - आरबीआई - Reserve Bank of India
आय निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण, प्रावधानन तथा अन्य संबंधित मामले -
संदर्भ : बैंपविवि. सं. एफआईडी. एफआईसी. 5 /01.02.00/2006-07
10 नवंबर 2006
19 कार्तिक 1928 (शक)
अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री तथा पुनर्वित्त संस्थाओं के
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
(एक्ज़िम बैंक, आईएफसीआई लि., आईआईबीआई लि., नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी
एवं टीएफसीआई लि.)
महोदय
आय निर्धारण, परिसंपत्ति वर्गीकरण, प्रावधानन तथा अन्य संबंधित मामले -
सरकार द्वारा गारंटीकृत ऋण आदि जोखिम
कृपया उपर्युक्त विषय पर अखिल भारतीय मीयादी ऋणदात्री संस्थाओं को संबोधित 4 दिसंबर 1997 का हमारा परिपत्र बैंपर्यवि. एफआईडी. सं. 21/01.10.00/97-98 तथा पुनर्वित्त संस्थाओं को संबोधित 13 जून 2001 का परिपत्र बैंपर्यवि. एफआईडी. सं. सी. 25/01.10.00/2000-01 देखें |
2. वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा गारंटीकृत ऋण आदि जोखिमों के संबंध में परिसंपत्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानन अपेक्षाएं राज्य सरकार की गारंटी को लागू करने से संबद्ध हैं | पुनर्वित्त संस्थाओं पर तकनीकी समूह (मुनिअप्पन समूह), जिसका गठन वर्ष 2004-05 के लिए वार्षिक नीति की गवर्नर द्वारा की गयी घोषणा के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया गया था, ने परिसंपत्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानन अपेक्षाओं को निर्धारित करने के लिए राज्य सरकार की गारंटी को लागू किए जाने की अपेक्षा से असंबद्ध करने की सिफारिश की है | राज्य सरकार द्वारा गारंटीकृत ऋण आदि जोखिमों से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंडों की समीक्षा की गयी है तथा यह निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार द्वारा गारंटीकृत ऋण आदि जोखिमों के संबंध में परिसंपत्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानन अपेक्षाओं को निर्धारित करने के लिए गारंटी लागू करने की अपेक्षा से असंबद्ध किया जाए | 31 मार्च 2007 को समाप्त होने वाले वर्ष से राज्य सरकार द्वारा गारंटीकृत अग्रिमों तथा राज्य सरकार द्वारा गारंटीकृत प्रतिभूतियों में निवेशों पर परिसंपत्ति वर्गीकरण तथा प्रावधानन मानदंड लागू होंगे यदि ब्याज तथा /अथवा मूलधन अथवा वित्तीय संस्था को देय अन्य कोई राशि 90 दिनों से अधिक अवधि के लिए अतिदेय हो | कृषि कार्यों के संबंध में चूक की अवधि 90 दिन नहीं होगी, बल्कि अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को संबोधित 24 जून 2004 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 102/21.04.048/2003-04 में विनिर्दिष्ट किए गए अनुसार वह कृषि चक्र से संबंधित होगी |
3. केंद्र सरकार की गारंटी से समर्थित ऋण सुविधाएं, अतिदेय होने के बावजूद केवल तब अनर्जक परिसंपत्तियों के रूप में समझी जाएंगी जब गारंटी लागू किए जाने पर सरकार अपनी गारंटी का खंडन करती हो | केंद्र सरकार द्वारा गारंटीकृत अग्रिमों का अनर्जक परिसंपत्ति के रूप में वर्गीकरण करने में दी गयी छूट, आय निर्धारण के प्रयोजन के लिए नहीं है | यह विद्यमान मानदंड जारी रहेगा |
4. कृपया प्राप्ति-सूचना दें
भवदीय
(पी. विजय भास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक