भारत के बाहर के संयुक्त उद्यमों (जेवी) / पूर्ण स्वामित्ववाली अनुषंगी कंपनियों (डब्ल्यूओएस) में भारतीय प्रत्यक्ष निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत के बाहर के संयुक्त उद्यमों (जेवी) / पूर्ण स्वामित्ववाली अनुषंगी कंपनियों (डब्ल्यूओएस) में भारतीय प्रत्यक्ष निवेश
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.51 जून 24, 2002 सेवा में महोदया / महोदय भारत के बाहर के संयुक्त उद्यमों (जेवी) / पूर्ण स्वामित्ववाली प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 19/आरबी-2000 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम ) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. सितंबर 14, 2000 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 13 द्वारा यथा संशोधित जून 22, 2000 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 3 के अनुसार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए स्वखलित मार्ग के अंतर्गत किए गए निवेशों के मामले में, प्राधिकृत व्यापारियों को निर्धारित दस्तावेजों सहित फार्म जोडीए और फार्म ओडीआर में प्रेषण पर रिपोर्ट को रिज़र्व बैंक को अग्रेषित करना अपेक्षित है । सिर्फ रिज़र्व बैंक के अनुमोदन के अधीन किए गए प्रेषणों को फार्म ओडीआर में भेजना अपेक्षित हैं । 3. विदेश में संयुक्त उद्यम / पूर्ण स्वामित्ववाली अनुषंगी कंपनियों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेशों की क्रियाविधि को और समुख्ति बनाने के दृष्टिकोण से, स्वचलित मार्ग के अंतर्गत भारतीय पार्टीयों द्वारा किए गए निवेशों के लिए निर्धारित दस्तावेजों सहित फार्म ओडीए रिज़र्व बैंक को भेजना बंद करने का निर्णय किया गया है । 4. प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा प्रस्तुत की जानेवाली प्रेषण रिपोर्ट भी संशोधित कर दी गई है । जारी किए गए सभी प्रेषणों / जारी गारंटियों / निर्यातों के पूंजीकरण, आदि चाहे स्वचलित मार्ग के अंतर्गत अथवा रिज़र्व बैंक के अनुमोदन के अंतर्गत हो या नहीं उसकी रिपोर्ट संशोधित फार्म ओडीआर (प्ररुप संलग्न) में मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग, विदेशी निवेश प्रभाग, अमर भवन, तीसरी मंजिल, मुबई 4000001 को दी जानी चाहिए । भारतीय पार्टियों द्वारा प्राधिकृत व्यापारी को प्रस्तुत किए गए फार्म ओडीए की प्राप्ति तथा उसकी संवीक्षा से संबंधित क्रियाविधि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है तदनुसार उक्त ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 3 उस हद तक संशोधित है । 5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम ) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे हैं । 6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें । 7. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीया ग्रेस कोशी |