RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79154597

100 मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए 4 मई 2001 का इंडो-मॉरिशस ऋण करार

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400001

ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 3

30 जुलाई 2001

विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदय

100 मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए
4 मई 2001 का इंडो-मॉरिशसऋणकरार

भारत सरकार ने 4 मई 2001 को दोनों सरकारों के बीच किये गये ऋण करार के तहत रिपब्लिक ऑफ मॉरिशस  सरकार को 100 मिलियन अमरीकी डॉलर( एक सौ मिलियन अमरीकी डॉलर केवल) की ऋण सहायता प्रदान की है। मॉरिशस  सरकार को 100 मिलियन अमरीकी डॉलर का ऋण, मॉरिशस में साइबर सिटी तथा सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षा परियोजनाओं के लिए संलग्नक में दर्शाये गये अनुसार भारत से कंप्यूटर उपकरण, सॉफ्टवेयर, संसाधन व्यक्तियों तथा संबंधित संरचना उपकरण, पूँजीगत वस्तुओं के रूप में विस्तृत रूप से वर्गीकृत वस्तुएं, टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं तथा परामर्शदात्री सेवाओं के आयात के लिए उपलब्ध किया जाएगा। संलग्नक की विषय-वस्तु में दोनों सरकारों के बीच पारस्परिक रूप से सहमति किये गये अनुसार समय-समय पर जोड़ने, हटाने तथा प्रतिस्थापित करने के रूप में आशोधन किये जा सकते हैं। इस ऋण में तीसरे देश के आयात शामिल नहीं किये जाएंगे। इस ऋण सहायता के तहत भारत से वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात तथा मॉरिशस में उनका आयात सामान्य वाणिज्यिक चैनलों के जरिये तथा दोनों देशों में प्रचलित नियमों तथा विनियमों की शर्त पर किया जाएगा।

2. इस ऋण सहायता की विस्तृत शर्ते निम्नानुसार हैं :

(क) सभी संविदाएं भारत सरकार तथा मॉरिशस सरकार के अनुमोदन के अधीन होंगी और उस आशय का एक खंड उसमें निहित होगा। संविदाएं अनुमोदन के लिए वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग, भारत सरकार, नयी दिल्ली को प्रेषित की जाएंगी । मॉरिशस सरकार तथा भारतीय स्टेट बैंक, नयी दिल्ली को वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रत्येक अनुमोदित संविदा के संबंध में सूचित किया जाएगा।

(ख) 100 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण में भारत से निर्यात की जानेवाली पात्र वस्तुएं तथा सेवाओं के जहाज पर्यंत नि:शुल्क मूल्य का 90 प्रतिशत कवर होगा। जहाज पर्यंत नि:शुल्क मूल्य के 10 प्रतिशत आयातक द्वारा साख पत्र खोलने के समय अमरीकी डॉलर में अदा किया जाएगा। तदनुसार, साख पत्र में 10 प्रतिशत मूल्य मॉरिशस से धनप्रेषण में से किया जाएगा यह विनिर्दिष्ट करना चाहिए जबकि शेष 90 प्रतिशत ऋण से वित्तीयन किया जाएगा। संविदा का मूल्य अमरीकी डॉलर में व्यक्त किया जाना चाहिए।

(ग) इस ऋण के तहत सभी संवितरण मॉरिशस में ही बैंकों द्वारा खोले गये साख पत्र के तहत किये जाएंगे। मॉरिशस में बैंकों द्वारा सभी साख पत्र भारतीय स्टेट बैंक, नयी दिल्ली को आगे के प्रेषण के लिए निर्यातक/निर्यातकों को एक तो सीधे ही अथवा निर्यातक/निर्यातकों द्वारा नामित भारत में किसी दूसरे बैंक, यदि कोई हो, के जरिये सूचित किये जाएंगे। साख पत्र के तहत भुगतान सूचित करने के संबंध में अपनायी गयी सामान्य वाणिज्यिक प्रथाएं लागू होंगी। जहाज पर्यंत नि:शुल्क मूल्य के 90 प्रतिशत के भुगतान के लिए भारतीय स्टेट बैंक को प्रस्तुत सभी दावे नेगोशिएटिंग बैंक के इस प्रमाणपत्र द्वारा समर्थित किये जाने आवश्यक होंगे कि सीधे ही देय 10 प्रतिशत की राशि प्राप्त की गयी है। साख पत्र संविदा की प्रति द्वारा समर्थित होना चाहिए तथा उसमें निम्नलिखित प्रतिपूर्ति खंड निहित होना चाहिए :

''संविदा के जहाज पर्यंत नि:शुल्क मूल्य के 90 प्रतिशत के लिए प्रतिपूर्ति भारत के रिपब्लिक के सरकार द्वारा मॉरिशस के रिपब्लिक के सरकार को प्रदान किये गये 100 मिलियन अमरीकी डॉलर से भारतीय स्टेट बैंक, नयी दिल्ली द्वारा प्रदान की जाएगी। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा साख पत्र सक्रिय है यह सूचना जारी किये जाने के बाद साख पत्र नेगोशिएबल है। जहाज पर्यंत नि:शुल्क मूल्य के 90 प्रतिशत के भुगतान के लिए भारतीय स्टेट बैंक को प्रस्तुत सभी दावे मध्यस्थ (नेगोशिएटिंग) बैंक के इस प्रमाणपत्र द्वारा समर्थित किये जाने आवश्यक होंगे कि सीधे ही देय 10 प्रतिशत की राशि प्राप्त की गयी है।''

3. संलग्नक के पैराग्राफ 1 में विनिर्दिष्ट मदों के लिए ऋण व्यवस्था के तहत वित्तीयन की जानेवाली संविदाएं 31 मई 2002 तक हस्ताक्षरित की जानी चाहिए तथा संबंधित साख पत्र सुस्थापित किये जाने चाहिए तथा इस ऋण के तहत पूर्ण राशि 31 मई 2003 तक आहरित की जानी चाहिए।  संलग्नक के पैराग्राफ 2 में विनिर्दिष्ट मदों के मामले में संविदाएं 31 मई 2002 को अथवा उसके पहले हस्ताक्षरित की जानी चाहिए, साख पत्र खोले जाने चाहिए तथा पूर्ण राशि आहरित की जानी चाहिए। यदि पूर्ण राशि उपरोक्त तारीखों तक आहरित नहीं की जाती है तो शेष राशि निरस्त की जाएगी और मॉरिशस सरकार द्वारा की जानेवाली चुकौती की अंतिम किस्त, भारत सरकार द्वारा अन्यथा सहमत किये गये को छोड़कर तदनुसार कम की जाएगी।

4. इस ऋण करार के तहत पोतलदान स्पष्ट अक्षरो में ''भारत सरकार और मॉरिशस के रिपब्लिक के सरकार के बीच 4 मई 2001 के ऋण करार के तहत मॉरिशस को निर्यात'' लिखे हुए जीआर/एसडीएफ/सॉफ्टेक्स फॉर्मों में घोषित किये जाने चाहिए। जीआर/एसडीएफ/सॉफ्टेक्स फॉर्मों पर उसमें दी गयी जगह में इस परिपत्र की संख्या तथा दिनांक लिखना चाहिए। उपर्युक्त में दर्शाये गये तरीके से बिलों के पूर्ण भुगतान की प्राप्ति पर प्राधिकृत व्यापारियों ने संबंधित जीआर/एसडीएफ/सॉफ्टेक्स फॉर्मों की दूसरी प्रतियाँ प्रमाणित करनी चाहिए तथा वे रिज़र्व बैंक के संबंधित कार्यालय/कार्यालयों को हमेशा की तरह प्रेषित की जानी चाहिए।

5. सामान्यत:, ऋण सहायता के तहत वित्तीयन किये गये निर्यातों के संबंध में कोई एजेंसी कमीशन देय नहीं होंगा। तथापि, रिज़र्व बैंक, बिक्री के बाद सेवा आवश्यक हो ऐसी पूँजीगत वस्तुओं के संबंध में जहाज पर्यंत नि:शुल्क मूल्य के 5 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक कमीशन के भुगतान के लिए अनुरोधों पर मामले के गुण-दोष के आधार पर विचार करेगा। ऐसे मामलों में, कमीशन का भुगतान संबंधित पोतलदान के बीजक मूल्य से कटौती करते हुए किया जाना होगा और प्रतिपूर्तियोग्य राशि जहाज पर्यंत नि:शुल्क मूल्य के 90 प्रतिशत से अदा किये गये कमीशन को घटाकर होगी। कमीशन के भुगतान के लिए अनुमोदन संबंधित पोतलदान किये जाने से पहले प्राप्त किया जाना चाहिए।

6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु मॉरिशस को निर्यात में लगे हुए अपने ग्राहकों के ध्यान में लाएं।

7. इस परिपत्र में समाहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए हैं । इन निर्देशों का किसी भी तरह उल्लंघन किया जाना अथवा अनुपालन न किया जाना अधिनियम के अधीन निर्धारित दंडनीय है।

भवदीया

के.जे.उदेशी
मुख्य महाप्रबंधक


संलग्नक

2001 का इंडो- मॉरिशस ऋण करार

1. पूँजीगत वस्तुएं (पूँजीगत वस्तुओं के साथ खरीदे गये तथा मूल संविदा में सम्मिलित मूल स्पेअर पार्टस् तथा अनुषंगियों के साथ)

2. इस करार के तहत कवरेज के लिए पात्र मदों में  परामर्शदात्री सेवाएं तथा टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं भी शामिल हैं ।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?