भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001 ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 7 अगस्त 22, 2000 प्रति विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी प्रिय महोदय, 2 दश लक्ष अमेरिकी डालर के लिए 24 फरवरी 2000 का इन्डो-सेइश्एल्ज़ ऋण करार भारत सरकार ने रिपब्लिक ऑफ सेइश्एल्ज़ को 24 फरवरी 2000 को दो सरकारों के बीच हुए ऋण करारनामा के अंतर्गत 2 दश लक्ष अमेरिकी डॉलर (दो दश लक्ष अमेरिकी डालर मात्र) राशि तक ऋण सहायता प्रदान की है । यह ऋण रिपब्लिक ऑफ सेइश्एल्ज़ को पूंजीगत मालों के साथ खरीदे गये और मूल संविदा में अंतर्भूत मूल कलपुर्जे और उपकरणों को शामिल साथ ही साथ अनुबंध में उल्लिखित किये गये अनुसार टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं और परामर्शी सेवाएं भारत से आयात करने के लिए उपलब्ध होंगे। अनुबंध की विषय वस्तु में दो सरकारां के बीच पारस्परिक रुप से सहमति पर ही समय-समय पर परिवर्धन, विलोपन अथवा प्रतिस्थापन के मार्ग द्वारा सुधार किये जायेंगे । ऋण तीसरे देश के आयात शामिल नहीं करेगा । भारत से माल तथा सेवाओं का निर्यात ओर उनका सेइश्एल्ज़ को आयात करना ऋण सहायता के अधीन सामान्य वाणिज्य चैनेल के जरिए किया जाना होगा और दोनो देशों में प्रचलित कानूनों और विनियमों के अधीन होगा । ऋण सहायता की शर्त मोटे तौर पर इस प्रकार है - (i) सभी निर्यात संविदाएं भारत सरकार और रिपब्लिक ऑफ सेइश्एल्ज़ सरकार के अनुमोदन के अधीन होंगा और उसके लिए उसमें एक उपबंध शामिल किया जायेगा । सभी संविदाएं अनुमोदन के लिए वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली को भेजने चाहिए । प्रत्येक संविदा को अनुमोदन प्राप्त होने के बाद उसकी सूचना रिपब्लिक ऑफ सेइश्एल्ज़ सरकार और वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली को भेजना चाहिए । (ii) ऋण भारत से निर्यात किये जानेवाले योग्य मालों और सेवाओं के लिएध जहाज तक न:शुल्क मूल्य के 90 प्रतिशत के लिए उपलब्ध होगा । आयातक द्वारा साख पत्र खोलते समय अमेरिकी डालर में जहाज तक न:शुल्क मूल्य का 10 प्रतिशत अदा किया जाएगा । तद्नुसार साख पत्र में यह उद्धृत करना चाहिए कि 10 प्रतिशत जहाज तक न:शुल्क मूल्य सेइश्एल्ज़ के प्रेषणों में से किया जायेगा जब कि शेष 90 प्रतिशत ऋण में से वित्तपोषित की जायेगी । (iii) ऋण के अधीन सभी वितरण सेइश्एल्ज़ बैंक ाटं द्वारा खोले गये साख पत्र के अंतर्गत होने चाहिए । सभी साख पत्रों की सूचना सेइश्एल्ज़ बैंक द्वारा भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली को निर्यातक को सीधे या भारत में किसी अन्य बैंक के जरिए, यदि कोई, निर्यातक/कों द्वारा नामित किया गया हो, अग्रेषण हेतु दी जायेगी । साख पत्र के अंतर्गत भुगतान सूचना के संबंध में सामान्य वाणिज्य कार्यप्रणाली को स्वीकार किया जायेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि साख पत्र के शेष 10 प्रतिशत की राशि अमेरिकी डालर में प्राप्त की गयी हो । भारतीय स्टेट बैंक के सीधे अदा की जानेवाली 10 प्रतिशत तक की राशि प्राप्त की है ऐसे जहाज तक न:शुल्क मूल्य के 90 प्रतिशत तक भुगतान के लिए सभी दावे परक्रमाण बैंक के प्रमाणपत्र द्वारा समर्पित होने चाहिए । साख पत्र को संविदा की प्रति से समर्थित करनी होगी और उसमें निम्नलिखित प्रतिभूर्ति की शर्त अंतर्विष्ट होनी चाहिए । "संविदा की जहाज तक न:शुल्क मूल्य के 90 प्रतिशत के लिए प्रतिपूर्ति भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली द्वारा प्रजातंत्र भारत सरकार से रिपब्लिक ऑफ सेइश्एल्ज़ सरकार द्वारा 2 दशलक्ष अमेरिकी डालर फ्ण प्रदान को ऋण प्रदान किये जाने से उपलब्ध होगा । भारतीय स्टेट बैंक द्वारा उसके परिचालन के बारे में सूचना जारी करने के बाद ही साखपत्र परक्रामित होगी । साख पत्र को भारतीय स्टेट बैंक द्वारा ऋण में से सिफ्द जहाजतक न:शुल्क मूल्य के 90 प्रतिशत लिये गये प्रतिपूर्ति को सत्यापित करने के पश्चात परिचालित होगा और परक्रामित बैंक की यह उत्तरदायित्व होगा कि वे यह सुनिश्चित करें कि साख पत्र की शेष 10 प्रतिशत तक कीराशि अमेरिकी डालर में प्राप्त हो । जहाजतक न:शुल्क मूल्य के 90 प्रतिशत तक के भुगतान के लिए भारतीय स्टेट बैंक के सभी दावों के लिए परक्राम्य बैंक के प्रमाण पत्र द्वारा समर्थित करने की आवश्यकता होगी कि सीधे भुगतान किये जानेवाला 10 प्रतिशत पहले ही प्राप्त किया गया है ।" 2. ऋण करारनामा के अधीन वित्तपोषित किये जानेवाले पूँजीगत मालों के साथ खरीदे गये और मूल संविदा में अंतर्भूत मूल कलपुर्जे और उपकरणों को शामिल, संबंधित संविदाए हस्ताक्षरित की जानी चाहिए और संबंधित साख पत्र 28 फरवरी 2001 तक स्थापित होनी चाहिए और 28 फरवरी 2002 तक ऋण के अंतर्गत पूर्ण राशि आहरित की जाए। परामर्शी सेवाएं और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के संबंध में ऋण करार के अधीन वित्तपोषित की जानेवाली संविदाए हस्ताक्षरित की जानी चाहिए और संबंधित साख पत्र 28 फनवरी 2001 तक स्थापित होनी चाहिए और 28 फरवरी 2002 तक ऋण के अंतर्गत पूर्ण राशि आहरित की जाए । परामर्शी सेवाएं और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के संबंध में ऋण करार के अधीन वित्तपोषित की जानेवाली संविदाए हस्ताक्षरित होनी चाहिए, संबंधित साख पत्र स्थापित किये जाने चाहिए और 28 फरवरी 2001 तक पूरी राशि आहरित की जानी चाहिए ।यदि उपरोक्त तिथियों पर पूर्ण राशि आहरित न की गई हो तो शेष निरस्त हो जायेगी और सेइश्एल्ज़ सरकार द्वारा की जानेवाली चुकौती की अंतिम किश्त अन्यथा भारत सरकार द्वारा, जो कोई सहमति हो, को छोडकर तद्नुसार घटाई जायेंगी । 3. ऋण करारनामा में शामिल मालों के लदाई और परामर्श सेवाओं के निर्यात को जीआर/एसडीएफ /साफ्टेक्स फार्मों में इस सुस्पष्ट उल्लेख के साथ घोषित की जानी चाहिए । "भारत सरकार और सेइश्एल्ज़ सरकार के बीच 24 फरवरी 2000 के ऋण करार के अंतर्गत सेइश्एल्ज़ को निर्यात" इस परिपत्र की संख्या और तिथि को जीआर/एसडीएफ/सॉफ्टेक्स फार्मों में उसके लिए उपलब्ध किये स्थान पर रिकार्ड की जानी चाहिए । उक्त दर्शायी गयी भाँती के अनुसार बिलों के पूण भुगतान की प्राप्ति पर प्राधिकृत व्यापारी संबंधित जीआर/ एसडीएफ / सॉफ्टेक्स की डयुप्लिकेट प्रतियाँ प्रमाणित करें और उक्त को सामान्यत: रिज़र्व बैंक के संबंधित कार्यालय/यों को भेजें । 4. ऋण के अंतर्गत निर्यातों के संबंध में किसी एजेन्सी कमीशन की अनुमति नहीं दी जाएगी । 5. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराएं । 6. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम , 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गये है और इन निदेशों का किसी भी तरह से उल्लंघन किया जाना अथवा अनुपालन न किया जाना अधिनियम के अधीन निर्धारित जुर्माने से दंडनीय है । भवदीय ( कि.ज. उदेशी ) मुख्य महा प्रबंधक |