दस मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए भारत - सुरीनाम का मार्च 17, 2003 कर ऋण करार - आरबीआई - Reserve Bank of India
दस मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए भारत - सुरीनाम का मार्च 17, 2003 कर ऋण करार
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 11 अगस्त 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, दस मिलियन अमरीकी डॉलर के लिए भारत - भारत सरकार ने सुरीनाम सरकार को, दोनों सरकार के बीच मार्च 17, 2003 को किए गए समझाते के अंतर्गत 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (केवल दस मिलियन अमरीकी डॉलर) का ऋधण स्वीकृत किसर है । सह ऋण सुरीनाम सरकार को भारत में विनिर्मित भारत से पूंजीगत माल के आयात के लिए उपलब्घ ााटगा । जिसमें मूल अतिरिक्त पुर्ज़ें और सहायक उपकरणों की खरीद शामिल होगी और उनके साथ संविदा में शामिल परामर्शी सेवाएं तथा उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, जो कि परिशिष्ट में उल्लिखित हैं, शामिल होंगे । परिशिष्ट की विषयवस्तु में संशोधन किया जा सकता है अर्थात् उसमें दोनों सराकारों की आपसी सहमति से वस्तुएं जोड़ी, घटाई या प्रतिस्थापित की जा सकती हैं । यह ऋण किसी अन्य देश से आयात के लिए उपलब्ध नहीं होगा । इसके अंतर्गत ऋण का उपयोग भारत से माल और स्टंवाओं का सुरीनाम में आयात के लिए होगा और ऋण का भुगतान सामान्य व्यापारिक मार्ग के माध्यम से किया जाएगा तथा वह दोनों देशों में प्रचलित कानून एवं विनियमों के अधीन होगा । इस ऋण के प्रमुख नियम और शर्तें इस प्रकार हैं :- i) सभी संविदसएं भारत सरकार और सुरीनाम सरकार के अनूमोदन के अधीन होंगी और इसमें उस आशय का खण्ड समाहित होगा । सभी संविदाएं वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के अनुमोदन के लिए भेजी जाएंगी । प्रत्येक संविदा के अनुमोदन के पश्चात् वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सुरीनाम सरकार और भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली को उसकी सूचना दी जाएगी । ii) यह ऋण भारत से निर्यात किए जाने वाले पात्र माल और सेवाओं के एफ़ओबी मूल्य के 90 प्रतिशत के लिए उपलब्ध होगा । एफ़ओबी मूल्य का शेष 10 प्रतिशत का भुगतान आयातक द्वारा मुक्त रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में साखपत्र खोलने के समय भुगतान करना होगा । तदनुसार, साखपत्र में विनिर्दिष्ट किया जाए कि एफ़ओबी मूल्य का 10 प्रतिशत सुरीनाम से प्राप्त प्रेषणों मेंसे पूरा केया जाएगा जबकि शेष 90 प्रतिशत पित्त पोषण प्राप्त होगा । संविदा का मूल्य अमरीकी डॉलर में व्यक्त किया जाएगा । iii) इस ऋण के अंतर्गत सभी संवितरण सुरीनाम में बैंक द्वारा खोले गए साखपत्र के अंतर्गत करना होगा । सभी साखपत्रसें की सूचना सुरीनाम में स्थित बैंक द्वारा भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली के पास या तो सीधे या निर्यातक द्वारा नामित ााारत में किसी बैंक के माध्यम से, अग्रेषण के लिए भेजी जाएगी । इस साखपत्र के अंतर्गत भुगतान की सूचना देने के बारे में सामान्य व्यापारिक प्रथा का अनुसरण किया जाए ताकि साखपत्र की शेष 10 प्रतिशत रकम का भुगतान अमरीकी डॉलर में प्राप्त हो । एफ़ओबी मूल्य का 90 प्रतिशत के भुगतान हेतु भारतीय स्टेट गैंक को प्रस्तुत किए जाने वाले सभी दावों के समर्थन में बेचान करने वालने बें का प्रमाणपत्र हो कि सीधे भुगतान की जाने वाली रकम प्राप्त हो चुकी है । प्रत्येक साखपत्र के समर्थन में संविदा की प्रतिलिपि की जाए और उसमें निम्नलिखित प्रतिपूर्ति खंड जोड़ा जाए :- ‘‘संविदा के एफ़ओबी मूल्य का 90 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति भारतीय स्टेट बैंक, नई दिल्ली द्वारा भारत गणराज्य सरकार से सुरीनाम सरकार को स्वीकृत 10 मिलियन अमरीकी डॉलर के ऋण में से उपलब्ध करवाया जाएगा । भारतीय स्टेट बैंक द्वारा उसके लागू होने की सूचना प्राप्त हो जाने पर ही साखपत्र बेचान योग्य होगा । साखपत्र भारतीय स्टेट बैंक द्वारा सत्यापित करने के बाद कि एफ़ओबी मूल्य का 90 प्रतिशत में से ही ऋण प्रतिपूर्ति के लिए मांग की गई है, लागू किया जाएगा और बेचान करने वाले बैंक की जिम्मेदारी होगी कि वह 10 प्रतिशत शेष राशि को अमरीकी डॉलर में प्राप्त होना सुनिश्चित करे । एफ़ओबी मूल्य का 90 प्रतिशत के भुगतान हेतु भारतीय स्टेट बैंक को प्रस्तुत किए जाने वाले सभी दावों के समर्थन में बेचान करने वाले बैंक का प्रमाणपत्र हो कि सीधे भुगतान की जाने वाली रकम प्राप्त हो चुकी है । ’’ 2. इस ऋण करार के अंतर्गत परिशिष्ट के पैराग्राफ़ 1 में विनिर्दिष्ट मदों के लिए त्ति पोषण की संविदा और संबंधित साखपत्र अप्रैल 1, 2006 मक हस्ताक्षरित और स्थापित हो जाने चाहिए और इस ऋण के अंतर्गत पूरी रकम का आहरण अप्रैल 1, 2006 तक कर लिया जाना चाहिए । इस ऋण करार के अंतर्गत परिशिष्ट के पैराग्राफ़ 2 में विनिर्दिष्ट मदों के लिए वित्त पोषण की संविदा हस्ताक्षरित हो जानी चाहिए और संबंधित साखपत्र अप्रैल 1, 2004 तक खोल दिया जाना चाहिए और इस ऋण के अंतर्गत पूरी रकम का आहरण कर लिया जाना चाहिए । यदि पूरी रकम उक्त तारीख तक नहीं आहरित की जाती है तो शेष रकम रद्द कर दी जाएगी और भारत सरकार द्वारा इसमे भिन्न सहमति न हो तो सुरीनाम सरकार द्वारा चुकाई जाने वाली अंतिम किस्त तदनुसार कम कर दी जाएगी । 3. इस ऋण करार के अंतर्गत आने वाले माल और परामर्शी सेवाओं के पोत लदान को जीआर/एसडीएफ़/साफ़टेक्स फार्म पर घोषित किया जाए और उसके ऊपर स्पष्ट रूप से लिख जाए कि ‘‘भारत सरकार और सुरीनाम सरकार के बीच मार्च 17, 2003 को हुए समझौते के अंतर्गत सुरीनाम सरकार को निर्यात ’’। जीआर/एसडीएफ़/साफ़टेक्स फार्म में उपलब्ध स्थान पर इस परिपत्र की संख्या और तारीख लिखी जाए । इस बिल का पूरा भुगतान उल्लिखित तरीके से प्राप्त हो जाने पर प्राधिकृत व्यापारी संबंधित जीआर/एसडीएफ़/साफ़टेक्स फार्म की अनुलिपियों पर प्रमाणित करें । 4. इस ऋण करार के अंतर्गत सामान्यतया किसी भी प्रकार का एजेंसी कमीशन नहीं देय होगा । तथापि, अनुरोध प्राप्त होने पर रिज़र्व बैंक गुण के आधार पर पूंजी माल के संबंध में जिन्हें विक्री के उपरांत सेवाओं की ज़रूरत होगी उनके लिए एफ़ओबी मूल्य के अधिकतम 5 प्रतिशत तक कमीशन की अनुमति देने पर विचार कर सकता है । ऐसे मामलों में कमीशन का भुगतान सुरीनाम में संगत पोत लदान के बीजक मूल्य में से काटकर करना होगा और एफ़ओबी मूल्य के 90 प्रतिशत की प्रतिशत की प्रतिपूर्ति में से, भुगतान किए गए कमीशन की रकम काटकर, किया जाएगा । कमीशन के भुगतान का अनुमोदन संगत पोत लदान से पहले प्राप्त किया जाना चाहिए । 5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु की जानकारी सुरीनाम को निर्यात से संबंधित अपने सभी ग्राहकों को दे दें । 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999(1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीय (ग्रेस कोशी) |