RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79142202

मुद्रास्फीति निर्देशित राष्ट्रीय बचत प्रतिभूति – संचित, 2013

भारिबैं/2013-14/411
सबैंलेवि.केऋप्र.सं. 3688/13.01.999/2013-2014

19 दिसंबर, 2013

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
प्रधान कार्यालय (सरकारी लेखा विभाग)
भारतीय स्टेट बैंक एवं सहयोगी बैंक
सभी राष्ट्रीयकृत बैंक
आईसीआईसीआई बैंक लि., एचडीएफसी बैंक लि., एक्सिस बैंक लि. और
शेयर होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल)

महोदय/महोदया,

मुद्रास्फीति निर्देशित राष्ट्रीय बचत प्रतिभूति – संचित, 2013

दिनांक 19 दिसंबर 2013 के अपनी अधिसूचना सं. फा.- 4(16) डब्ल्यू एंड एम/2012 के अनुसार भारत सरकार, 23 दिसम्बर, 2013 से 31 दिसम्बर, 2013 के दौरान मुद्रास्फीति निर्देशित राष्ट्रीय बचत प्रतिभूति – संचित, 2013 का इश्यू (“बांड”) जारी करती है। सरकार को निर्गम को 31 दिसम्बर, 2013 से पूर्व बंद करने का अधिकार होगा। इन बांडों के निर्गम से संबंधित निबंधन और शर्तें इस प्रकार होंगीः

2. निवेश हेतु पात्रता

इन बांडों को धारित कर सकता है:-

i) एक व्यक्ति, जो अनिवासी भारतीय न हो,

(क) अपनी व्यक्तिगत क्षमता में; या
(ख) संयुक्त आधार पर अपनी व्यक्तिगत क्षमता में; या
(ग) किसी एक या उत्तरजीवी के आधार पर अपनी व्यक्तिगत क्षमता में; या
(घ) एक नाबालिग की ओर से पिता/माता/कानूनी संरक्षक के रूप में।

ii) एक हिंदू अविभक्त परिवार (एचयूएफ)।

iii) (क) 'पूर्त संस्था' जिसका आशय भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के तहत पंजीकृत एककंपनी है; या

(ख) संस्था जिसने कानून के तहत पूर्त संस्था के तौर पर पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त किया है।

(ग) संस्था जिसने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80(जी) के प्रयोजनों के लिए आयकर प्राधिकारी से प्रमाणपत्र प्राप्त किया है।

iv) "विश्वविद्यालय" जिसका आशय केंद्रीय, राज्य या प्रांतीय अधिनियम द्वारा स्थापित/निगमित विश्वविद्यालय है और जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम,1956 (1956 का 3) की धारा 3 के अंतर्गत घोषित संस्थाएं भी शामिल हैं, जो अधिनियम के प्रयोजनों के लिए विश्वविद्यालय है।

3. निवेश की सीमा

बांड में निवेश की न्यूनतम सीमा 5000/- है। प्रति आवेदक प्रतिवर्ष निवेश की अधिकतम सीमा 5,00,000/- है।

4. कर की गणना

आयकर: बांड पर ब्याज आयकर अधिनियम,1961 के तहत कर योग्य होगा जो बांड धारक के संगत कर की स्थिति के अनुसार लागू होगा।

5. निर्गम मूल्य

  1. बांड सममूल्य अर्थात 100.00 प्रतिशत पर जारी किया जाएगा।

  2. बांड कम से कम 5000/- (अंकित मूल्य) की न्यूनतम राशि और उसके गुणक में जारी किया जाएगा। तदनुसार, प्रत्येक 5000/- (नाममात्र) निर्गम मूल्य 5000/-होगा।

6. अभिदान

बांड के लिए अभिदान नकद/ड्राफ्ट/चेक के/ इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। चेक या ड्राफ्ट नीचे दिए गए पैराग्राफ 10 में निर्दिष्ट बैंक (प्राप्तकर्ता कार्यालय) के पक्ष में आहरित होना चाहिए और जहाँ आवेदन प्रस्तुत कर रहे हैं उस स्थान पर देय होना चाहिए।

7. निर्गम की तारीख

बांड की निर्गम तारीख निधियों की प्राप्ति/ड्राफ्ट/चेक की वसूली की तारीख को खोले गए बांड बही खाते के अनुसार होगी।

8. फॉर्म

  1. बांड को केवल बांड बही खाते (बीएलए) के प्ररूप में ही जारी किया जाएगा और इसे धारक के नाम से (क्रेडिट) बांड बही खाता (बीएलए) नामक एक खाते में धारित किया जाएगा।

  2. बांड बही खाते के रूप में बांड को जारी किया जाएगा और ये खाते भारतीय रिजर्व बैंक के पास होंगे। बांड के धारको को बांड बही खाते के रूप में रखे फार्म 1 (सलग्नक) के अनुसार धारिता प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।

9. आवेदन

  1. बांड के लिए आवेदन संलग्न आवेदन फॉर्म में या किसी भी अन्य रूप, जो की उसी के अनुरूप हो, में किया जा सकता है जिसमें आवेदक का पूरा नाम और पता और राशि का स्पष्ट उल्लेख हो ।

  2. आवेदनपत्र के साथ उपर्युक्त पैराग्राफ 6 में दिए गए अनुसार नकद/ड्राफ्ट/चेक/ इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन किए गए भुगतान संदाय का प्रमाण संलग्न होना चाहिए।

नोट: अधिकृत बैंकों को लागू केवाईसी मानदंडों की अनुपालना सुनिश्चित करनी होगी। अधिकृत बैंकों को आवेदन फार्म और आवश्यक दस्तावेजों को रिकॉर्ड और भविष्य में संदर्भ के लिए अपने पास रखना है।

10. प्राप्तकर्ता कार्यालय

बांड बही खाते के रूप में बांड के लिए आवेदन निम्नलिखित के पास भिजवाए जा सकते हैं:

i) भारतीय स्टेट बैंक, उसके सहयोगी बैंकों, राष्ट्रीयकृत बैंकों, तीन निजी क्षेत्र के बैंक (अर्थात एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड और एक्सिस बैंक लिमिटेड) और स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल) की शाखाओं पर।

ii) इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्दिष्ट किसी अन्य बैंक या बैंकों की शाखाओं या एसएचसीआईएल, जहां से आवेदन प्राप्त किया जा सकता है।

11. नामांकन

  1. बांड का एकमात्र धारक या एकमात्र जीवित धारक व्यक्तिगत तौर पर इस अधिसूचना के साथ संलग्न प्रारूप में या उसी के अनुरूप प्रारूप में एक या अधिक व्यक्तियों का नामांकन कर सकता है, जो उसकी मृत्यु के पश्चात बांड और उन पर मिलने वाले भुगतान के हकदार होंगे।

  2. जहां देय राशि दो या दो से अधिक नामितियों को देय है और भुगतान देय होने से पहले उनमें से किसी की मृत्यु हो जाती है तो जीवित नामिती/नामितियों का बांड पर स्वत्वाधिकार होगा और तदनुसार देय राशि का भुगतान किया जाएगा। नामिती या नामितियों की मृत्यु यदि धारक के पहले होती है तो धारक नया नामांकन कर सकता है।

  3. नाबालिग के नाम पर जारी बांडों में नामांकन नहीं किया जा सकता है।

  4. इस अधिसूचना के साथ संलग्न प्रारूप में प्राप्तकर्ता कार्यालय को लिखित सूचना देकर बांडधारक द्वारा किए गए नामांकन को नए नामांकन के माध्यम से वैध किया जा सकता है अथवा, मामले के अनुसार, नामांकन निरस्त किया जा सकता है।

  5. प्रत्येक नामांकन और प्रत्येक निरसन या परिवर्तन को प्राधिकृत बैंक के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक में पंजीकृत किया जाना चाहिए और यह पंजीकरण की तारीख से प्रभावी होगा।

  6. यदि नामिती नाबालिग है, नामिती के अवयस्क होने के दौरान, बांडधारक अपनी मृत्यु होने पर बांड/देय राशि प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति की नियुक्त कर सकता है।

12. अंतरणीयता

बांडधारक (केवल व्यक्तिय/व्यक्तियों) की मृत्यु पर बही खाते के रूप में यह बांड नामिति(यों) को अंतरणीय होगा।

13. ब्याज

बांड पर प्रतिवर्ष 1.5% (नियत दर) प्रति वर्ष के दर से + अंतिम संयुक्त उपभोक्ता मूल्य सूचकांक [(सीपीआई) के आधार पर गणना की गई मुद्रास्फीति की दर [(सीपीआई) आधार:2010=100] के अनुसार ब्याज दिया जाएगा। अंतिम संयुक्त सीपीआई को तीन महीने के अंतराल पर इस्तेमाल किया जाएगा। ब्याज अर्ध-वार्षिक आधार पर जोड़ा जाएगा (उदाहरण के लिए सितम्बर के लिए अंतिम संयुक्त सीपीआई को दिसंबर के सभी दिनों के लिए संदर्भ के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा) और मूलधन के साथ परिपक्वता पर संदेय होगा।

14. बांड पर अग्रिम/ व्यापारिक योग्यता

बांड का द्वितीयक बाजार में व्यापार नहीं किया जा सकता है। बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से ऋण लेने के लिए बांड संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में मान्य है। इस संबंध में प्राधिकृत बैंकों द्वारा निक्षेपगार (आरबीआई) में ग्रहणाधिकार (लियन) अंकित किया जाएगा।

15. परिपक्वता पर वापसी

i) बांड निर्गम की तारीख से 10 (दस) वर्ष की समाप्ति पर चुकौती योग्य होगा। प्राधिकृत बैंक द्वारा निवेशक को परिपक्वता से एक महीने पहले बांड की आगामी परिपक्वता के संबंध में जानकारी देने के साथ-साथ यह सूचित किया जाएगा कि वे प्राधिकृत बैंक को अपना परिचय संबंधी पत्र, खाते के एनईएफटी/एनईसीएस संबंधी ब्यौरे की पुष्टि इत्यादि उपलब्ध कराएं। यदि सब कुछ नियमानुसार है तो निवेशक को परिपक्वता के अधिकतम पांच दिनों के भीतर भुगतान किया जाएगा।

ii) वरिष्ठ नागरिकों अर्थात् 65 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के लिए जारी करने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के बाद तक धारित होने और अन्य सभी लोगों के लिए जारी करने की तारीख से तीन वर्ष की अवधि के बाद तक धारित होने के बाद परिपक्वता की तारीख से पूर्व, अंतिम देय कूपन के 50% की दर से दंड शुल्क के साथ, जल्दी चुकौती/मोचन की अनुमति होगी। केवल कूपन की तारीख पर ही जल्दी मोचन की अनुमति होगी।

16. रखरखाव प्रभार

निवेशकों से प्राप्त अंशदान पर प्राधिकृत बैंकों को प्रति 100.00 पर 1.00 (रुपया एक मात्र) की दर से रखरखाव प्रभार का भुगतान किया जाएगा।

भवदीया

(संगीता लालवानी)
महाप्रबंधक

संलग्नक: यथोक्त।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?