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वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान अल्पावधि फसल ऋणों के लिए ब्याज सबवेंशन योजना

आरबीआई/2018-19/137
विसविवि.केंका.एफएसडी.बीसी.सं.15/05.02.001/2018-19

7 मार्च 2019

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक

महोदया/महोदय,

वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान अल्पावधि फसल ऋणों के लिए ब्याज सबवेंशन योजना

कृपया दिनांक 7 जून 2018 के हमारे परिपत्र विसविवि.केंका.एफएसडी.बीसी.सं.21/05.04.001/2017-18 का संदर्भ ग्रहण करें, जिसमें ब्याज सबवेंशन योजना को अंतरिम आधार पर जारी रखने की सूचना दी गई थी। इस संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि भारत सरकार ने वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए 3 लाख तक के अल्पावधि फसल ऋण हेतु ब्याज सबवेंशन योजना, संशोधनों सहित, निम्नलिखित शर्तों के साथ लागू करने की मंजूरी दी है:

  1. वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान किसानों को रु.3 लाख तक के अल्पावधि फसल ऋण प्रति वर्ष 7% की ब्याज दर पर प्रदान करने हेतु यह निर्णय लिया गया है कि ऋणदात्री संस्थानों, जैसे सरकारी क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) और निजी क्षेत्र के वाणिज्यिक बैंक(केवल उनके ग्रामीण और अर्ध–शहरी शाखाओं द्वारा दिए जाने वाले ऋण के संबंध में), को प्रति वर्ष 2% का ब्याज सबवेंशन दिया जाए। फसल ऋण राशि पर इस 2% के ब्याज सबवेंशन की गणना, उसके संवितरण/आहरण की तारीख से किसान द्वारा ऋण चुकाने की वास्तविक तारीख अथवा बैंक द्वारा निर्धारित ऋण की नियत तारीख, इनमें से जो भी पहले हो, तक की जाएगी, जो अधिकतम एक वर्ष की अवधि के अधीन होगी|

  2. ऐसे किसानों को जो समय पर अर्थात फसल ऋण के संवितरण की तारीख से किसानों द्वारा वास्तविक भुगतान की तारीख तक या बैंक द्वारा फसल ऋण की चुकौती के लिए निर्धारित नियत तारीख तक, इनमें से जो भी पहले हो, संवितरण तारीख से अधिकतम एक वर्ष की अवधि के अधीन, अपने फसल ऋण को चुकाते हैं उन्हें प्रति वर्ष 3% का अतिरिक्त ब्याज सबवेंशन प्रदान किया जाएगा। इसका यह भी तात्पर्य है कि जो किसान उक्तानुसार अपने ऋण की चुकौती त्वरित रूप से करेंगे उन्हें वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान प्रति वर्ष 4% की दर से अल्पावधि फसल ऋण प्राप्त होगा। यह लाभ उन किसानों, जो इस प्रकार के ऋणों का लाभ उठाने के एक वर्ष बाद अपने फसल ऋण का भुगतान करते हैं, को नहीं मिलेगा।

  3. किसानों द्वारा मजबूरन बिक्री को हतोत्‍साहित करने और अपने उत्‍पाद गोदाम में रखने हेतु उन्‍हें प्रोत्‍साहित करने की दृष्टि से ब्‍याज सबवेंशन का लाभ ऐसे छोटे और सीमांत किसानों जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड हैं, को फसलोत्तर छ: महीनों की अतिरिक्त अवधि के लिए भण्डारण विकास और विनियामक प्राधिकरण (डब्‍ल्‍यूडीआरए) द्वारा अधिकृत गोदामों में अपने उत्‍पाद रखने पर जारी परक्राम्‍य (निगोशिएबल) गोदाम रसीदों की जमानत पर फसल ऋण के लिए उपलब्‍ध दर की समान दर पर उपलब्‍ध होगा।

  4. प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को सहायता उपलब्‍ध करने के लिए पुन: संरचित राशि पर बैंकों को पहले वर्ष के लिए 2% वार्षिक ब्‍याज सबवेंशन उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे पुन: संरचित ऋणों पर दूसरे वर्ष से सामान्‍य ब्याज दर लागू होगी।

  5. हालांकि, गंभीर प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने हेतु, पहले तीन वर्षों / संपूर्ण अवधि (अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि के अधीन) के लिए पुन: संरचित ऋण राशि पर बैंकों को प्रति वर्ष 2% का ब्याज सबवेंशन उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, ऐसे सभी मामलों में, प्रभावित किसानों को प्रति वर्ष 3% की दर से त्वरित चुकौती प्रोत्साहन का लाभ भी प्रदान किया जाएगा। हालांकि, गंभीर प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में, ऐसे लाभों की स्वीकृति अंतर-मंत्रालय केंद्रीय समूह (आईएमसीटी) और राष्ट्रीय कार्यपालक समिति (एससी-एनईसी) की उप-समिति की सिफ़ारिश के आधार पर उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) द्वारा तय की जाएगी।

  6. बहुविध ऋण दिए जाने से बचने और स्‍वर्ण ऋण प्रणाली के माध्‍यम से केवल प्रामाणिक किसानों को रियायती फसल ऋण का लाभ मिलने को सुनिश्चित करने के लिए ऋणदात्री संस्‍थाएं समुचित सावधानी बरतें और भूमि के विवरणों को दर्ज करने सहित यथोचित दस्‍तावेजीकरण, जब किसान द्वारा ऐसे प्रयोजनों के लिए स्‍वर्ण ऋण लिया जाता है तब भी, को सुनिश्चित करें।

  7. बैंकों को सूचित किया जाता है कि ब्‍याज सबवेंशन योजना के अंतर्गत किसानों को झंझट रहित लाभ प्राप्‍त होने को सुनिश्चित करने के लिए 2018-19 और 2019-20 में अल्‍पावधि फसल ऋण का लाभ लेने हेतु आधार लिंकेज को अनिवार्य किया जाए।

  8. इसके अलावा, वर्ष 2018-19 से ब्याज सबवेंशन योजना को 'इन काइंड/सर्विसेस' के आधार पर डीबीटी मोड पर रखा जा रहा है तथा वर्ष 2018-19 में प्रसंस्कृत सभी अल्पावधि फसल ऋणों को आईएसएस पोर्टल/डीबीटी प्लैटफ़ार्म पर लाया जाना आवश्यक है। बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के श्रेणीवार आंकड़े कैप्चर तथा प्रस्तुत करें एवं आईएसएस पोर्टल के शुरू होने पर व्यक्तिगत किसानवार डेटा को उसपर रखें ताकि वर्ष 2018-19 से उत्पन्न होने वाले दावों का निपटारा किया जा सके।

2. बैंक उक्‍त योजना का पर्याप्‍त प्रचार करें ताकि किसान इसका लाभ उठा सकें।

3. ऋण देने वाले सभी बैंकों से अनुरोध है कि वे वर्ष 2017-18 के पात्र लंबित लेखा-परीक्षित दावों को 30 अगस्त 2019 तक हमें भेजें। कृपया ध्यान दें कि इस संबंध में किसी भी परिस्थिति में और विस्तार नहीं दिया जाएगा।

4. निम्‍नानुसार यह भी सूचित किया जाता है कि:

i) 2 प्रतिशत ब्‍याज सबवेंशन और 3 प्रतिशत अतिरिक्‍त ब्‍याज सबवेंशन के संबंध में दावे क्रमश: फार्मेट I और II (इसके साथ संलग्न) में मुख्‍य महाप्रबंधक, वित्‍तीय समावेशन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट, मुंबई 400 001, को हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी (एक्सेल फॉर्मेट) में fsdco@rbi.org.in पर प्रेषित करें।

ii) 2 प्रतिशत ब्‍याज सबवेंशन के संबंध में बैंकों द्वारा वर्ष 2019 और 2020 हेतु अपने दावे 30 सितम्‍बर और 31 मार्च के आधार पर छमाही रूप में प्रस्‍तुत करने की आवश्यकता है, जिनमें से तदनुरूपी अवधि के 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष हेतु किए गए सबवेंशन दावों के साथ सांविधिक लेखा परीक्षक का प्रमाणपत्र होना जरूरी है जिसमें दावों को प्रमाणित किया गया हो। वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान किए गए संवितरणों से संबंधित किसी भी शेष दावे जिसे क्रमशः 31 मार्च 2019 और 31 मार्च 2020 के दावों में शामिल नहीं किया गया हो, को अलग से समेकित किया जाए और उसे 'अतिरिक्‍त दावा' के रूप में अंकित किया जाए तथा इस दावे को सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत लेखा परीक्षित करके प्रस्‍तुत करें ।

iii) 3 प्रतिशत के अतिरिक्‍त सबवेंशन के संबंध में, बैंक वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान किए गए संवितरणों से संबंधित एकबारगी समेकित दावे क्रमशः अधिकतम 30 अप्रैल 2020 और 30 अप्रैल 2021 तक प्रस्‍तुत करें तथा ऐसे दावों की परिशुद्धता सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा प्रमाणित की गई हो।

iv) परक्राम्य गोदाम रसीदों के बदले फसलोत्तर ऋण के लिए 2% आईएस दावों, प्राकृतिक आपदा के कारण पुनः संरचित ऋणों पर 2% के दावे और गंभीर प्राकृतिक आपदा के कारण 2% या 3% के दावे हेतु, बैंक वर्ष के दौरान किए गए संवितरण से संबंधित प्रत्येक शीर्ष हेतु अलग-अलग दावे, जिसकी शुद्धता सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा प्रमाणित की गई हो, को एकबारगी समेकित दावों के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं।

भवदीय,

(जी. पी. बोरा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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