RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79029668

विदेशी बाजारों में निवेश और से उधार लेना

भारतीय रिज़र्व बैंक
(विदेशी मुद्रा विभाग)
केद्रीय कार्यालय
मुंबई - 400 001

ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 40

29 अप्रैल 2002

प्रति

विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी

प्रिय महोदय, /महोदया

विदेशी बाजारों में निवेश और से उधार लेना

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 24 जनवरी 2002 के ए पी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.19 के पैरा सी 4(ii) तथा सी 5(I) की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. भारत में बैंको के लिए निधियों के प्रबंधन में अत्याधिक लवचिकता प्रदान करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि बैंक अन्य उनके अनइम्पेयरर्ड टियर I कैपिटल (गैरअपसामान्य जोखिम स्तरीय पूंजी) के पच्चीस प्रतिशत (पंद्रह प्रतिशत की वर्तमान सीमा की तुलना में) तक अथवा 10 दशलक्ष अमेरीकी डालर तक, जो भी अधिकतम है, विदेशी मुद्रा आजार लिखतों और / अथवा ऋण लिखतों में कर सकते है।

3. इसके अलावा भारत में बैंक गैर अभिनियोजित विदेशी मुद्रा अनिवासी (एफसीएनआर) (बी) निधियों को विदेशी बाजारों में दीर्घवधि मीयादी आय प्रतिभूतियों में निम्नलिखित के अधीन निवेश करने के लिए भी मुक्त होंगे

i) लिखतों के पास 24 जनवरी 2002 के ए पी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.19 में विहित मुद्रा बाजार लिखतों / ऋण लिखतों के लिए तुलनीय दर्जा होना चाहिए।

ii) लिखतों के प्रकार और परिपक्वता साथ ही साथ लिखतों के मात्रा पर समग्र कैप बैंक के बोर्ड द्वारा अनुमोदित होनी चाहिए। तथापि ऐसे लिखतों की परिपक्वता पूर्वताप्राप्त विदेशी मुद्रा अनिवासी (एफसीएनआर)(बी) जमाराशियों की अधिकतम परिपक्वता से अधिक नहीं होनी चाहिए।

iii) सभी लिखतें गैप अनुशासन और जोखिम प्रबंधन /बैंपविवि द्वारा समय समय पर जारी एएलएम मार्गदर्शी सिद्धान्तो के अधीन होने चाहिए।

4. बैंक अब उनके प्रधान कार्यालय / विदेशी शाखाओं / संवाददाताओं से ऋण /ओवरड्राफट उनके गैरअपसामान्य जोखिम स्तरीय I पूँजी अथवा 10 दशलक्ष अमेरीकी डालर अथवा उसके समकक्षए जो भी उच्चतम है, का पच्चीस प्रतिशत तक (पंद्रह प्रतिशत की वर्तमान सीमा की तुलना में) ले सकते है।

5. 24 जनवरी 2002 के ए पी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.19 के पैरा सी 4(ii) तथा सी 5(I) में अन्तर्विष्ट सभी अन्य अनुदेश पूर्ववत अपरिवर्तित रहेंगे।

6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये।

7. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए है।

भवदीय

ग्रेस कोशी
मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?