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भारत में प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को जारी करना और उनका परिचालन करना - रियायतें

आरबीआई/2014-15/333
डीपीएसएस सीओ पीडी सं.980/02.14.006/2014-15

3 दिसंबर 2014

सभी प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता,
प्रणाली प्रदाता, प्रणाली प्रतिभागी
और सभी अन्य संभावित प्रीपेड भुगतान
लिखत जारीकर्ता

महोदय / महोदया

भारत में प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को जारी करना और उनका परिचालन करना - रियायतें

भारत में प्री-पेड भुगतान लिखतों को जारी करना और उनका परिचालन करना - पर नीतिगत दिशानिर्देश संबंधी दिनाक 01 जुलाई 2014 के मास्टर परिपत्र आरबीआई 2014-15/105 डीपीएसएस.सीओ.पीडी.पीपीआई.सं.3/02.14.006/2014-15 का संदर्भ लें।

2. एक व्यापक आंतरिक समीक्षा और वर्तमान प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करने के लिए अधिकृत संस्थाओं से प्राप्त फीडबैक के आधार पर यह आवश्यक माना गया है कि, प्रीपेड भुगतान उद्योग के विकास को सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया जाए/ अतिरिक्त दिशा निर्देशों को जारी किया जाए।

3. मौजूदा दिशानिर्देशों में संशोधन

3.1 पूर्ण केवाईसी के साथ जारी किए गए प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई) – बढ़े हुए मूल्य के साथ

कृपया उक्त दिशानिर्देशों के पैरा 7.1 पर ध्यान दें जहां यह कहा गया था कि, किसी भी प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई) (पैराग्राफ 10.2 के अंतर्गत अंतरित की गई राशि के सहित जहां विशिष्ट सीमा निर्धारित नहीं की गई है) का अधिकतम मूल्य 50,000 रुपये से अधिक नहीं होगा। दिशा-निर्देशों के पैरा 7.2 में यह निर्दिष्ट किया गया है कि, निम्नलिखित प्रकार के सेमी क्लोज्ड प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को नीचे दिये गए अनुसार ग्राहकों के उचित मूल्यांकन के पश्चात जारी किया जा सकता है:-

  1. 10,000 रुपये तक - ग्राहक के न्यूनतम विवरण को स्वीकार करते हुए बशर्ते किसी भी समय बकाया राशि 10,000 रुपये से अधिक न हो और किसी भी महीने में रीलोड्स का कुल मूल्य भी 10,000 रुपये से अधिक न हो। इन्हें केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किया जा सकता है;

  2. 10,001 रुपये से 50,000 रुपये तक - समय-समय पर यथा संशोधित पीएमएल नियमावली 2005 के नियम 2 (घ) के अंतर्गत परिभाषित किसी भी 'आधिकारिक वैध दस्तावेज' को स्वीकार करने के माध्यम से। इस प्रकार के प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही जारी किया जा सकता है और इन्हें नॉन-रीलोडेबल प्रकृति का होना चाहिए;

  3. 50,000 / तक - पूर्ण केवाईसी के साथ रीलोडेबल प्रकृति के हो सकते हैं। प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) में शेष, किसी भी समय 50,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।

पैरा 7.2 (iii) के अंतर्गत जारी किए जा सकने वाले प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) की सीमा को अब 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया गया है। प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) में शेष किसी भी समय 1,00,000 रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।

3.2 उपहार कार्ड

उपहार कार्ड की अधिकतम वैधता अवधि को एक साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया है। उपहार कार्ड के संबंध में प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) के दिशा-निर्देशों के अन्य प्रावधान लागू रहेंगे।

4. अतिरिक्त दिशानिर्देश - बैंकों द्वारा जारी किए गए प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) की नई श्रेणियों की शुरूआत

4.1 आश्रित / परिवार के सदस्यों के लिए पूर्ण केवाईसी वाले बैंक खातों से कई प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को जारी करना

निम्नलिखित शर्तों के अधीन ओपेन सिस्टम प्रीपेड भुगतान लिखतों की नई श्रेणी की शुरुआत करने का निर्णय लिया गया है:

क. इस प्रकार के प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को केवल खरीददार के पूरी तरह से केवाईसी का अनुपालन करने वाले बैंक खाते से धन आहरण (लोडिंग दी वैल्यू) के माध्यम से जारी किया जा सकता है। खरीददार के आश्रित/परिवार के सदस्य ही लाभार्थी हो सकते हैं।

ख. प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) का क्रय करने वाले खाता धारकों को भावी लाभार्थी/लाभार्थियों, जो कि उसके आश्रित और परिवार के सदस्य हैं के न्यूनतम विवरण (जैसे नाम, पता और संपर्क के विवरण) प्रदान करने होंगे।

ग. एक लाभार्थी को केवल एक कार्ड जारी किया जा सकता है।

घ. इस प्रकार के प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) पर समय-समय पर यथा संशोधित देशी धन अंतरण (डीएमटी) दिशानिर्देशों (वर्तमान में 25,000 रुपये की मासिक सीमा के साथ प्रति लेनदेन पर 10,000 रुपये) के अंतर्गत कैश पे - आउट व्यवस्था के लिए लागू लेनदेन और मासिक सीमाएं लागू होंगी।

ङ. बैंक इन प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) में संदिग्ध लेनदेन की निगरानी और इनकी रिपोर्ट भारतीय वित्तीय आसूचना इकाई (एफ़आईयू आईएनडी) को करने के लिए एक तंत्र की की स्थापना करेगा।

च. ओपेन सिस्टम प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) पर लागू अन्य दिशानिर्देश इन कार्डों पर भी लागू होंगे।

छ. इस तरह के प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई) केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किए जाएंगे।

4.2 भारत आने वाले विदेशी नागरिकों और अनिवासी भारतीयों के लिए बैंकों द्वारा जारी किए गए रुपये मूल्यवर्ग के प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई)

बैंकों को ओपेन सिस्टम रुपये मूल्य वर्ग के नॉन-रीलोडेबल पीपीआई (क) भारत की यात्रा पर आने वाले अनिवासी भारतीयों और विदेशी नागरिकों को प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई) और (ख) भारत की यात्रा पर आने वाले अनिवासी भारतीयों और विदेशी नागरिकों को विनिमय गृहों/ मुद्रा प्रेषकों (मनी ट्रांसमिटर्स) (आरबीआई द्वारा अनुमोदित) के साथ को-ब्रांडेड प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई) जारी करने की अनुमति है, जो निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगी:

क. भारत में स्थित बैंकों की विदेशी शाखाओं द्वारा सीधे तौर पर अथवा विनिमय गृहों/ मुद्रा प्रेषकों (मनी ट्रांसमिटर्स) के साथ को-ब्रांडिंग के माध्यम से केवाईसी का अनुपालन करने वाले बैंक खाते से अधिकतम 2 लाख रुपये की राशि लोड करके कार्ड जारी किए जा सकते हैं।

ख. इस प्रकार के प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई) बैंक द्वारा तभी सक्रिय किए जाने चाहिए जब यात्री भारत में आ जाता है।

ग. इस प्रकार के प्री-पेड भुगतान लिखत (पीपीआई) से प्रति माह नकदी आहरण की सीमा प्रति माह 50,000 रुपये की होगी।

घ. कार्डों को अनिवार्य रूप से भारत में उपयोग किए जाने और भारतीय रुपये में निपटाए जाने हेतु जारी किया जाना चाहिए।

ङ. बैंकों को समय-समय पर जारी किए गए संगत केवाईसी / एएमएल / सीएफटी अपेक्षाओं के अनुपालन को सुनिश्चित करना चाहिए।

च. एक व्यक्ति एक समय में केवल एक कार्ड ही रख सकता है और यह कार्ड अहस्तांतरणीय होना चाहिए। जारीकर्ता बैंक को यह सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक व्यवस्था करनी होगी।

छ. इन प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) का उपयोग केवल मौजूदा विदेशी मुद्रा विनियमों के अंतर्गत स्वीकृत लेनदेनों के लिए किया जा सकता है।

ज. लेन-देन संबंधी समस्त विवरण बैंकों को रखना होगा।

झ. भारत में प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) की राशि के अप्रयुक्त हिस्से की वापसी के लिए बैंकों द्वारा प्रयुक्त प्रक्रिया को मौजूदा विदेशी मुद्रा विनियमों का पालन करना होगा।

ञ. इस तरह के प्री-पेड भुगतान लिखतों (पीपीआई) को केवल इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किया जाएगा।

5. उपर्युक्त परिवर्तन, परिपत्र के जारी होने की तिथि से प्रभाव में आएंगे। दिनांक 1 जुलाई 2014 के मास्टर परिपत्र के अन्य प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे।

6. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10(2) के अंतर्गत जारी किया जा रहा है।

भवदीय

(विजय चुग)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

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