बैंकों द्वारा नामे (डेबिट) काड़ जारी करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों द्वारा नामे (डेबिट) काड़ जारी करना
बैंकों द्वारा नामे (डेबिट) काड़ जारी करना
संदर्भ : बैंपविवि. सं. एफएससी. बीसी. 32/24.01.19/2001-02
29 सितंबर 2001
07 आश्विन 1923 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
प्रिय महोदय,
बैंकों द्वारा नामे (डेबिट) काड़ जारी करना
हमारे 12 नवंबर 1999 के परिपत्र बैंपविवि. सं. एफएससी. बीसी. 123/24.04.019/99-2000 में निहित अनुदेशों के अनुसार बैंकों को सूचित किया गया था कि उन्हें नामे (डेबिट) काड़ जारी करने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन लेने की जरूरत नहीं है तथा उन्हें केवल बोड़ को प्रस्तुत एजेंडा नोट की प्रति और उस पर पारित संकल्प की प्रति उत्पाद के ब्यौरे देते हुए प्रस्तुत करनी है । 30 अक्तूबर 2000 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. एफएससी. बीसी. 41/24.01.011/2000-01 द्वारा बैंकों को यह भी सूचित किया गया था कि केवल 100 करोड़ रुपये की न्यूनतम मालियत वाले बैंकों द्वारा ही डेबिट काड़ जारी करने चाहिए ।
2. ऑन-लाइन डेबिट काड़ शुरू करने वाले बैंकों के लिए 100 करोड़ रुपये की न्यूनतम मालियत के मानदंड की हाल ही में हमने समीक्षा की है और बैंकों को सूचित किया जाता है कि
(i) ऑन-लाइन डेबिट काड़ अर्थात् जहां स्ट्रेट प्रोसेसिंग (एस टी पी) की जाती है, वहां बैंकों को उसको शुरू करने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन लेने की जरूरत नहीं है । बैंक अपने-अपने बोर्डों के अनुमोदन से डेबिट काड़ उत्पाद प्रारंभ कर सकते हैं तथा उन्हें अपने बोड़ को प्रस्तुत एजेंडा नोट तथा उस पर पारित संकल्प की प्रति हमें भेजनी चाहिए ।
(ii) डेबिट कार्डों के मामले में जहां प्राधिकरण और निपटान ऑफ-लाइन हैं या प्राधिकरण अथवा निपटान में से कोई एक ऑफ-लाइन है, वहां बैंकों को हमारे पास बोड़ नोट / संकल्प सहित प्राधिकरण और निपटान के तरीके, अधिप्रमाणन की पद्धति, प्रयुक्त टेक्नोलॉजी, अन्य एजेंसियों / सेवा प्रदान करने वाले के साथ तालमेल, यदि कोई हो, के ब्यौरे प्रस्तुत करने के बाद उसे प्रारंभ करने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए ।
(iii) ऑन-लाइन डेबिड कार्डों को प्रारंभ करने के लिए 100 करोड़ रुपये की न्यूनतम मालियत के निर्धारण को हटा दिया गया है । तथापि, डेबिट कार्डों के कार्यकलाप का ऑफ-लाइन तरीका प्रारंभ करने वाले बैंकों द्वारा 100 करोड़ रुपये का न्यूनतम मालियत मानदंड अपनाया जाना चाहिए ।
3. इसके फलस्वरूप, अनुदेश पुस्तिका, खंड I - भाग II के अध्याय 15 के पैरा 15.11(i) में संलग्न पर्ची के अनुसार संशोधन किया जाये ।
4. कृपया प्राप्ति-सूचना दें ।
भवदीय
(के. सीतारामू )
मुख्य महा प्रबंधक