अनिवासी भारतीय (एनआरआई) / भारतीय मूल के व्यक्तियों (पीआईओ) को अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड जारी करना
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.59 दिसंबर 9, 2002 सेवा में महोदया/महोदय, अनिवासी भारतीय (एनआरआई) / भारतीय मूल के व्यक्तियों प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से संबंधित 27 जून, 2002 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.53 और बाद में स्पष्टीकरण के लिए जारी नवंबर 5, 2002 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.40 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. मौजूदा अनुदेशों के अनुसार एनआरआई/पीआईओ से अपेक्षित है कि अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के उपयोग के व्यय की रकम का भुगतान केवल आवक प्रेषणों अथ्ंवा अनिवासी बाह्य (एनआरई) रुपए खाते/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) (एफसीएनआर) खाते में धारित रकम से टिया जाए। समीक्षा के पश्चात् निर्णय किया गया है कि क्रेडिट कार्डों की देयता का भुगतान अनिवासी (साधारण) रुपये खाते (एनआरओ ) में धारित रकम से भी किया जा सकताक है। तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी अपने अनिवासी एनआरआइ/पीआईओ ग्राहकों को बैंक द्वारा भारत में जारी क्रेडिट कार्ड की सीमा तक के इस्तेमाल की रकम को एनआरओ खातों में नामे डालने की अनुमति दें। वह नामे निवासियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल के लिए नियत अन्य शर्तों के भी अधीन होगा। 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें। 4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे है। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीय, (ग्रेस कोशी) |