अनिवासी भारतीयों/समुद्रपारीय निगतिम निकायों को अधिकार आधार पर शेयर जारी करना
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 10 अगस्त 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, अनिवासी भारतीयों/समुद्रपारीय निगतिम निकायों प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/आरबी-2000 के विनियम 6 के उपविनियम (2) बिकया जाता है जिसके अनुसार भारतीय कंपनियों को भारत से बाहर रहने वाले निवासी व्यक्ति को अधिकार आधार पर ईक्विटी अथवा अधिमानीय शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचर उनमें विहित शर्तों पर जारी करने की अनुमति हैं । 2. अनिवासी शेयर धारकों को अधिकार आधार पर अपनी हकदारी से अतिरिक्त, निवासी शेयर धारकों के समान, ईक्विटी अथवा अधिमानीय शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचर प्राप्त करने के लिए संविधा बढ़ाने के दृष्टिकोण से रिज़र्व बैंक ने मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/आरबी-2000 के विनियम 6 के संशोधन में 12 नवंबर 2002 की अधिसूचना सं. फेमा 76/2002-आरबी(प्रतिलिपि संलग्न) जारी की है । तद्नुसार, मौजूदा अनिवासी शेयर धारक अपनी हकदारी सं अधिक अतिरिक्त ईक्विटी अथवा अधिमानीय शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों के लिए आवेदन कर सकते हैं और निवेशदार कंपनी उसे आबंटित कर सकती है, बशर्तें कि अनिवासीयों को जारी समग्र शेयर कंपनी की कुल चुकतापूंजी की सेक्टोरल सीमा से अधिक न हो । 3. मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी की विनियम 6 म निर्धारित अय कनियम और र्श्तें, समय-समय पर यथासंशोधित, अपरिवर्तित रहेंगी । 4. प्राधिकृत व्यापारी उक्त परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित सहायकों को अवगत करा दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999(1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीय (ग्रेस कोशी) |
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