अपने ग्राहक को जानें संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांत-ऐंटी मनी लांडरिंग स्टैंडर्ड्स (काले धन को वैध बनाने पर रोक संबंधी मानक) - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानें संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांत-ऐंटी मनी लांडरिंग स्टैंडर्ड्स (काले धन को वैध बनाने पर रोक संबंधी मानक)
भारिबैं/2005-06/317 7 मार्च 2006 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ, प्रिय महोदय/महोदया "अपने ग्राहक को जानें "संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांत-ऐंटी मनी लांडरिंग स्टैंडर्ड्स (काले धन को वैध बनाने पर रोक संबंधी मानक ) कृपया आप उपर्युक्त विषय पर 21 फरवरी 2005 का हमारा परिपत्र सं. गैबैंपवि.(नीति प्रभाग) कंपरि.48 / 10.42/ 2004-05 देखें। उल्लिखित परिपत्र में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सूचित किया गया था कि वे बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग द्वारा खाते खोलने के संबंध में बैंकों को जारी किये गये अनुदेशों के आधार पर अपने ग्राहकों के खाते खोलने के लिए ग्राहकों को स्वीकार करने की नीति और उनव ी पहचान करने की प्रक्रिया बनाएं। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को यह भी सूचित किया गया था कि वे ग्राहकों का वर्गीकरण जोखिम के आधार पर -कम जोखिम, मध्यम जोखिम, उच्च जोखिम की श्रेणियों में करें। अपने ग्राहकों को जानें संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांतों के अंतर्गत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से यह भी अपेक्षा थी कि वे अपने ग्राहकों की पहचान और उनके पताें का सत्यापन हमारे 21 फरवरी 2005 के उल्लिखित परिपत्र के अनुलग्नक बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग के परिपत्र के अनुबंध घ्घ् में सूचीबद्ध दस्तावेजों के आधार पर करें। 2. यद्यपि उल्लिखित परिपत्र में परिचय और पते के साक्ष्य संबंधी अपेक्षित दस्तावेजों में लचीलेपन का प्रावधान है फिर भी शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में, विशेषकर कम आय वर्ग वे , कुछ ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं जो अपने परिचय और पते के संबंध में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत करने में असमर्थ हों। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि सभी खातों में कुल मिलाकर रु.50,000/-(पचास हजार रुपये ) का जमाशेष और सभी खातोंगत कुल निक्षेप राशि एक वर्ष में रु.1,00,000/-(एक लाख रुपये) से अधिक न करने वाले व्यक्तियों के संबंध में(ग्राहकों के) खाते खोलने के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा अनुपालित किये जानेवाले अपने ग्राहकों को जानें संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांतों की प्रक्रिया को और सरल बनाया जाए । 3. तदनुसार अगर कोई व्यक्ति 21 फरवरी 2005 के हमारे उक्त परिपत्र के संलग्नक बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग के संदर्भित अनुबंध घ्घ् में वांछित दस्तावेज प्रस्तुत न कर सके तो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ पैराग्राफ 2 में उल्लिखित खाते निम्नलिखित शर्तों के तहत खोल सकती हैं:- क) किसी ऐसे खातेदार द्वारा परिचय जिसके संबंध में अपने ग्राहक को जानें संबंधी प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया गया हो/जांच की गई हो। परिचयकर्ता का खाता गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी में कम से कम छह माह पुराना हो और उसमें सतोषजनक लेन-देन हुए हों। खाता खोलने के इच्छुक व्यक्ति का फोटोग्राफ लिया जाए और उसे तथा उसके पते को परिचयकर्ता से प्रमाणित कराया जाए। या ख) इच्छुक ग्राहक और उसके पते के संबंध में अन्य कोई साक्ष्य जिससे गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी संतुष्ट हो सके। 4. उल्लिखित प्रकार से जिस व्यक्ति का खाता खोला जाए उसे अवगत करा दिया जाए कि यदि किसी समय निर्दिष्ट सीमा सभी खातों में कुल मिलाकर रु. 50,000/-(पचास हजार रुपये) के जमाशेष और सभी खातोंगत वर्ष में कुल निक्षेप रु.1,00,000/-(एक लाख रुपये) से अधिक हो जाएगा, उसव ा लेनदेन तब तक के लिए बंद कर दिया जाएगा जब तक अपने ग्राहक को जानें संबंधी मर्गदर्शी सिद्धांतों में सुझाई गई प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाएगी। ग्राहक को असुविधा से बचाने के लिए गैेर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जमा खाते में शेष राशि रु.40,000/-(चालीस हजार रुपये) और कुल निक्षेप रु.80,000/- (अस्सी हजार रुपये) के पहुंचते ही ग्राहक को उसकी जानकारी दें तथा सूचित करें कि वह अपने ग्राहक को जानें संबंधी मर्गदर्शी सिद्धांतों में दी गई पूरी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करे अन्यथा जमा खाते में कुल मिलाकर रु. 50,000/-(पचास हजार रुपये) के जमाशेष और सभी खातोंगत वर्ष में कुल निक्षेप रु.1,00,000/-(एक लाख रुपये) होने पर उसव ा लेनदेन बंद कर दिया जाएगा । 5. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सूचित किया जाता है कि वे इस संबंध में उक्त अनुपालन के लिए अपनी शाखाओं को समुचित अनुदेश जारी करें। भवदीय (पी. कृष्णमूर्ति) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |