अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) / धनशोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफ़टी) - जोखिम संवर्गीकरण और ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) को अद्यतन करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) / धनशोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफ़टी) - जोखिम संवर्गीकरण और ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) को अद्यतन करना
भारिबै/2011-12/595 08 जून 2012 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) / धनशोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफ़टी) - जोखिम संवर्गीकरण और ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) को अद्यतन करना कृपया अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) / धनशोधन निवारण (एएमएल) / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफ़टी) पर दिनांक 18 फरवरी 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 63/ 14.01.001/2007-08 देखें। 2. केवाईसी/एएमएल/ सीएफ़टी उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए बैंकों को सूचित किया गया था कि वे ग्राहकों के जोखिम संवर्गीकरण और ग्राहक पहचान से संबंधित आंकड़ों को अद्यतन करने के लिए आवधिक समीक्षा की एक प्रणाली स्थापित करें। 3. इस संदर्भ में, कृपया 17 अप्रैल 2012 को घोषित मौद्रिक नीति वक्तव्य 2012-13 में केवाईसी / एएमएल दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन से संबंधित पैरा 98 और 99 (उद्धरण संलग्न) देखें। बैंकों को ज्ञात है कि ग्राहकों का जोखिम संवर्गीकरण तथा ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) का समेकन व आवधिक अद्यतन एवं खातों में अलर्ट्स की मॉनीटरिंग व समापन जैसे कार्य केवाईसी के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। तथापि, इस क्षेत्र में रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन में शिथिलता पायी गई है, जिससे बैंकों में परिचालनगत जोखिम की संभावना बढ़ जाती है। अत: बैंकों को केवाईसी/ एएमएल/सीएफ़टी पर विनियामक दिशानिर्देशों का अनुपालन शब्द एवं अर्थ दोनों दृष्टियों से सुनिश्चित करना चाहिए। 4. तदनुसार, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे अपने वर्तमान सभी ग्राहकों का जोखिम संवर्गीकरण, ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) का समेकन व अद्यतन करने की प्रक्रिया समयबद्ध रीति से, लेकिन किसी भी हालत में मार्च 2013 के अंत तक, पूरा कर लें। भवदीय, (सुधा दामोदर) केवाईसी/एएमएल दिशा-निर्देशों काकार्यान्वयन 98. ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण के साथ-साथ ग्राहक विवरणों (प्रोफाइल्स) का समेकन व आवधिक अद्यतनीकरण (अपडेशन) एवं खातों में अलर्ट्स की मॉनीटरिंग व समापन (क्लोज़र) जैसे कार्य बैंकों के कारोबार के विकास में सहायक होने के साथ-साथ केवाईसी के प्रभावी कार्यान्वयन व धन-शोधन निवारण (एएमएल) और आतंकवाद की फाइनैंसिंग से लड़ने के लिए भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। तथापि, केवाईसी/एएमएल पर रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन में ढिलाई देखी जा रही है। केवाईसी/एएमएल प्रक्रिया में किसी प्रकार की कमज़ोरी से बैंकों के लिए परिचालनात्मक जोखिम (ऑपरेशनल रिस्क) की संभावना बढ़ जाती है। अत: बैंकों को केवाईसी/एएमएल संबंधी विनियामक दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। तदनुसार, प्रस्ताव है कि :
99. इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे। |