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अपने ग्राहक को जानिए(केवाईसी) दिशानिर्देश- मालिकाना प्रतिष्ठान के खाते

भारिबैं/2011-12/579
गैबैंपवि(नीप्र)कंपरि.सं: 275 /03.10.42 /2011-12

29 मई 2012

सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां/
अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियां

महोदय,

अपने ग्राहक को जानिए(केवाईसी) दिशानिर्देश- मालिकाना प्रतिष्ठान के खाते

कृपया 1 जुलाई 2011 के मास्टर परिपत्र गैबैंपवि(नीप्र)कंपरि सं: 231/03.10.42/2011-12 के माध्यम से  अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) दिशानिर्देश- धन शोधन निवारण मानदंड (एएमएल)-धनशोधन निवारण अधिनियम 2002 पर जारी मास्टर परिपत्र के पैरा 1 तथा अनुबंध VI का अवलोकन करें।  गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को यह सूचित किया गया है कि वे विधिक संस्थाओं के लिए ग्राहक पहचान प्रक्रिया पर आंतरिक दिशानिर्देश बनाएं जो ऎसी संस्थाओं के साथ संपर्क से प्राप्त अनुभव, सामान्य ऋणदाता  के विवेक तथा स्थापित प्रथाओं के अनुसार विधिक अपेक्षाओं पर आधारित हों। यदि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां/ अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियां ग्राहक स्वीकार्यता नीति के अनुसार ऎसे खातों को स्वीकार करता है तो उसे स्वामी ( स्वामियों) की पहचान करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए और उसकी पहचान का इस प्रकार सत्यापन करना चाहिए कि गैर बैंकिंग वितीय कंपनी इस बात से संतुष्ट हो कि लाभांवित स्वामी कौन है।

2. स्पष्टता के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि मालिकाना प्रतिष्ठानों के खाते खोलने के लिए ग्राहक की पहचान –प्रक्रिया हेतु मानदंड निर्धारित किए जाएं। तदनुसार , स्वत्वधारी पर लागू ग्राहक पहचान प्रक्रिया संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों का अनुपालन करने के अलावा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां/ अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियां मालिकाना प्रतिष्ठान के नाम से खाते खोलने से पहले निम्नलिखित दस्तावेज की मांग करें तथा उनका सत्यापन करें:

i) नाम का प्रमाण, प्रतिष्ठान का पता तथा गतिविधियां जैसे पंजीकरण प्रमाण पत्र ( पंजीकृत प्रतिष्ठान के मामले में) , दुकान और स्थापना अधिनियम के अंतर्गत नगरपालिका  प्राधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण पत्र / लाइसेंस , बिक्री कर, आय कर रिटर्न, सीएसटी/वीएटी प्रमाणपत्र,  बिक्री कर / सेवा कर / व्यावसायिक कर प्राधिकारियों द्वारा जारी प्रमाणपत्र/ पंजीकरण दस्तावेज, पंजीकरण प्राधिकारी द्वारा जारी लाइसेंस जैसे भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान, इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट ऑफ इंडिया, भारतीय कंपनी  सचिव संस्थान, इंडियन मेडिकल कौंसिल, खाद्य और औषधि नियंत्रण प्राधिकारी आदि द्वारा जारी व्यवसाय  प्रमाण पत्र।

ii) मालिकाना प्रतिष्ठान के नाम से केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार के किसी प्राधिकारी / विभाग द्वारा जारी किया गया कोई पंजीकरण / लाइसेंस दस्तावेज़। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां/ अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियां मालिकाना प्रतिष्ठान के नाम से खाता खोलने के लिए उसे विदेशी व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी की गई आयातक-निर्यातक कूट (आईईसी) को भी पहचान दस्तावेज के रूप में स्वीकार कर सकते है।

iii) एकल स्वामी के नाम पर पूर्ण आयकर विवरणी (न कि सिर्फ पावती) , जिसमें फर्म की आय दर्शाई गई हो। विवरणी आय कर के प्राधिकारियों द्वारा विधिवत प्रमाणित/ स्वीकृत हो।  

iv) स्वामित्व प्रतिष्ठान के नाम से बिजली, पानी और लैंडलाइन टेलीफोन बिल जैसे उपयोगिता बिल।

v) उपर्युक्त में से कोई दो दस्तावेज पर्याप्त होंगे। दस्तावेज मालिकाना प्रतिष्ठान के नाम से होने चाहिए।

भवदीया,

(डॉ. तुली राय)
उप महाप्रबंधक

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