आरबीआई/2012-13/399 बैंपविवि.एएमएल.बीसी सं.78/14.01.001/2012-13 29 जनवरी 2013 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)/स्थानीय क्षेत्र बैंक/अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के उत्तरदायित्व कृपया अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के सरलीकरण पर 10 दिसंबर 2012 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 65/ 14.01.001/2012-13 देखें। आम जनता, विशेष रूप से वे ग्राहक जो नई नौकरी, स्थानांतरण आदि के कारण नए स्थान पर अंतरित होते हैं, के लिए केवाईसी प्रक्रिया को और भी आसान बनाने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि मौजूदा अनुदेशों में निम्नलिखित संशोधन किए जाएं: 2. बैंक खातों का अन्य केंद्र पर अंतरण - पते का प्रमाण – 27 अप्रैल 2012 के परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 97/14.01.001/2011-12 द्वारा बैंकों को सूचित किया गया था कि बैंक की किसी एक शाखा द्वारा एक बार केवाइसी किए जाने पर वह केवाइसी बैंक के भीतर खाते के अंतरण के लिए वैध होनी चाहिए यदि संबंधित खाते के लिए पूर्ण केवाइसी प्रक्रिया की गई हो। ग्राहक को अपने खाते को बिना किसी प्रतिबंध के एक शाखा से दूसरे शाखा में अंतरित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। किसी व्यक्ति का सही पता रखने की केवाइसी अपेक्षाओं का अनुपालन करने के लिए, इस तरह के अंतरण के बाद अंतरिती शाखा द्वारा ग्राहक से उसके नये पते को सत्यापित करने वाले दस्तावेज प्राप्त करने चाहिए। तथापि, स्थानांतरणीय नौकरी करने वाले अथवा नौकरी के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर रहने वाले बहु-संख्य ग्राहक, एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के तुरंत पश्चात् पते के प्रमाण के रूप में अपने नाम का उपभोक्ता सेवाओं का (यूटिलिटी) बिल अथवा कोई अन्य दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं। इस बात को ध्यान में लेते हुए यह निर्णय लिया गया है किः (क) बैंक अंतरणकर्ता शाखा के मौजूदा खातों को अंतरिती शाखा में पते के नए प्रमाण पर जोर दिए बिना तथा खाताधारक से उसके वर्तमान पते संबंधी स्व-घोषणा के आधार पर स्थानांतरित कर सकते हैं, लेकिन यह पते संबंधी प्रमाण/दस्तावेज को छः महीने की अवधि के भीतर प्रस्तुत करने की शर्त के अधीन होगा। (ख) बैंक केवाइसी/एएमएल/सीएफटी पर 2 जुलाई 2012 के हमारे मास्टर परिपत्र के अनुबंध-I में पते के प्रमाण के रूप में सूचीबद्ध अन्य दस्तावेजों के अतिरिक्त राज्य सरकार अथवा उस समान किसी पंजीकरण प्राधिकरण के साथ पंजीकृत किए गए ग्राहक के पते को दर्शाने वाला किराया नामा भी स्वीकार कर सकते हैं। 3. बैंकों को अपने ग्राहकों को सूचित करना चाहिए कि स्थान बदलने अथवा किसी अन्य कारणवश पते में परिवर्तन होने की स्थिति में उन्हें ऐसा परिवर्तन होने के दो सप्ताहों के भीतर बैंक को नए पते संबंधी सूचना देनी चाहिए। नए खाते खोलते समय अथवा मास्टर परिपत्र के पैरा 2.4 (छ) में अपेक्षित किए गए अनुसार केवाइसी संबंधी सूचना को आवधिक रूप से अद्यतन करते समय ग्राहकों से इस आशय का वचनपत्र प्राप्त किया जाना चाहिए। इन सभी मामलों में ग्राहकों को उपर्युक्त (क) तथा (ख) में उल्लेख किए गए अनुसार पते का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। 4. उपर्युक्त अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए बैंक ‘अपने ग्राहक को जानिए’ नीति की समीक्षा करें तथा उनका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। भवदीय (दीपक सिंघल) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |