अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों का दायित्व – धारा 13(2) में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों का दायित्व – धारा 13(2) में संशोधन
आरबीआई/2013-14/421 31 दिसंबर 2013 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों का दायित्व – धारा 13(2) में संशोधन कृपया अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/ पी एम एल ए, 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व पर 1 जुलाई 2013 का हमारा मास्टर परिपत्र बैंपविवि. एएमएल. बीसी. सं. 24/14.01.001/2013-14 देखें। 2. धनशोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम 2012 के लागू होने तथा अधिनियम की धारा 13 में "जुर्माना लगाने के लिए निदेशक के अधिकार" का प्रावधान करते हुए संशोधन करने के कारण धारा 13(2) का पाठ अब निम्नानुसार होगा: "किसी भी जांच के दौरान यदि निदेशक यह पाता है कि रिपोर्टिंग संस्था या बोर्डमें उसका नामित निदेशक या उसका कोई कर्मचारी इस अध्याय के अंतर्गत आने वाले दायित्वों का अनुपालन करने में असफल रहता है तब इस अधिनियम के किसी अन्य प्रावधान के अंतर्गत संभावित किसी अन्य कार्रवाई को प्रभावित किए बिना वह –
3. उपर्युक्त संशोधन को ध्यान में रखते हुए, बैंक, धनशोधन निवारण (पीएमएलए) अधिनियम 2012 के अंतर्गत अपने दायित्व का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अपने बोर्ड पर "नामित निदेशक" के रूप में एक निदेशक को नामित करें। भवदीय (प्रकाश चंद्र साहू) |