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अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) / धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व – ग्राहकों के प्रति समुचित सावधानी बतरने से संबंधित‍ उपाय

आरबीआई/2014-15/232
शबैंवि.बीपीडी. (पीसीबी) परि. सं. 15/14.01.062/2014-15

16 सितंबर 2014

मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदया / महोदय,

अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) / धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व – ग्राहकों के प्रति समुचित सावधानी बतरने से संबंधित‍ उपाय

कृपया 1 जुलाई 2014 के मास्‍टर परिपत्र शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी)एमसी.सं.16/12.05.001/2014-15 के पैरा 2 देखें, जिसके अनुसार बैंकों से निम्‍नलिखित अपेक्षित हैं :

  1. ग्राहकों के साथ खाता आधारित संबंध शुरू करते समय समुचित साव‍धानी के उपाय करें। इस प्रकार के उपायों के अंतर्गत विश्‍वसनीय और स्‍वतंत्र सूचना एवं डेटा या दस्‍तावेज़ीकरण के आधार पर ग्राहक और हिताधिकारी स्‍वामी को पहचानना तथा उनका सत्‍यापन शामिल है।

  2. उच्‍च/ मध्‍यम/ निम्‍न जोखिम वर्ग के मौजूदा ग्राहकों के मामलों में क्रमश: दो/ आठ/ दस वर्षों के अंतराल पर समुचित सावधानी संबंधी उपाय करें।

  3. मौजूदा ग्राहकों के लिए इस प्रकार की समुचित सावधानी बरतना जारी रखें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ग्राहक के ये लेन देन उनके कारोबार और जोखिम प्रो‍फाइल के अनुरूप हों और जहां ज़रूरी है, निधि स्रोतों से मेल खाते हों।  

  4. मध्‍यम और निम्‍न जोखिम वर्ग के ग्राहकों के संबंध में क्रमश: दो/तीन वर्षों के अंतराल पर 'सकारात्‍मक पुष्टिकरण' प्राप्‍त करें।

2. इस संबंध में प्राप्‍त सुझावों पर विचार करने के बाद और पीएमएल नियमों संबंधी प्रावधानों को ध्‍यान में रखते हुए इस मामले की समीक्षा की गई है। तदनुसार, यह सूचित किया जाता है कि जबकि खाता आधारित संबंध शुरू करते समय ग्राहक पर समुचित सावधानी के उपाय लागू करने की अपेक्षा और उपर्युक्‍त 1(i) से 1(iii) तक के अनुच्‍छेदों में सूचित किए अनुसार समुचित सावधानी के उपाय जारी रहेंगे उपर्युक्‍त पैरा 1(iv) में बताए अनुसार सकारात्‍मक पुष्टिकरण प्राप्‍त करने की अपेक्षा को समाप्‍त किए जाने का निर्णय लिया गया है।

3. साथ ही, पूर्व में मौजूदा ग्राहकों पर समुचित सावधानी के उपाय लागू किए गए थे या नहीं और कब किए गए थे तथा पर्याप्‍त डेटा प्राप्‍त किए गए या नहीं ; इन सबको ध्‍यान में रखते हुए उच्‍च/ मध्‍यम/ निम्‍न जोखिम वर्ग के मौजूदा ग्राहकों पर दो/आठ/ दस वर्षों के अंतराल में समुचित सावधानी के उपाय लागू करने संबंधी अपे‍क्षा जारी रहेगी।  इस प्रकार आवधिक रूप से अद्यतन के समय ग्राहकों से व्‍यक्तिगत रूप से आने के‍ लिए आग्रह न करें।

4. बैंक उपर्युक्‍त अनुदेशों के अनुसार अपनी केवाईसी नीति में संशोधन करें तथा उक्‍त संशोधित नीति का पालन करना सुनिश्चित करें।

भवदीया,

(सुमा वर्मा)
मुख्‍य महाप्रबंधक 

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