अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफ़टी) /धनशोधन निवारण अधिनियिम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के उत्तरदायित्व - स्वयं सहायता समूहों के लिए मानदंडों का सरलीकरण करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफ़टी) /धनशोधन निवारण अधिनियिम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के उत्तरदायित्व - स्वयं सहायता समूहों के लिए मानदंडों का सरलीकरण करना
आरबीआई/2012-13/459 दिनांक 28 मार्च 2013 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड /धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक /आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफ़टी) /धनशोधन निवारण अधिनियिम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के उत्तरदायित्व - स्वयं सहायता समूहों के लिए मानदंडों का सरलीकरण करना कृपया 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड / धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक / आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफ़टी)/धनशोधन निवारण अधिनियिम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत बैंकों के उत्तरदायित्व' के सरलीकरण पर 10 दिसंबर 2012 का हमारा परिपत्र बैं.प.वि.वि.एएमएल. बीसी सं. 65/14.01.001/2012-13 देखें। स्वयं सहायता समूहों केबचत खातों को खोलने और उन बचत खातों को ऋण सुविधा से जोड़ने के दौरान 'अपने ग्राहक को जानिए' मानदंडों के अनुपालन में स्वयं सहायता समूहों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों का निराकरण करने के लिए स्वयं सहायता समूहों के लिए कतिपय मानदंडों को सरलीकृत करने का निर्णय लिया गया है। 2. तदनुसार, स्वयं सहायता समूह का बचत खाता खोलते समय स्वयं सहायता समूह के सभी सदस्यों का केवाईसी सत्यापन करने की आवश्यकता नहीं होगी, तथा समस्त पदधारकों का केवाईसी सत्यापन पर्याप्त होगा। जहां तक स्वयं सहायता समूहों के बचत खाते को ऋण सुविधा से जोड़ने का संबंध है, यह स्पष्ट किया जाता है कि चूंकि बचत खाता खोलते समय पहले ही केवाईसी सत्यापन किया जा चुका होगा, और खाते का परिचालन जारी है और उसी खाते को ऋण सुविधा से जोड़ा जाएगा, अतः सदस्यों या पदधारकों का अलग से केवाईसी सत्यापन करने की आवश्यकता नहीं है। 3. उक्त अनुदेशों को ध्यान में रखते हुए बैंक अपनी केवाईसी नीति को संशोधित करें तथा उसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। (सुधा दामोदर) |