अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए) 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए) 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व
आरबीआई/2012-13/420 25 फरवरी 2013 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / प्रिय महोदय, अपने ग्राहक को जानिए (केवाइसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पी एम एल ए) 2002 के अंतर्गत बैंकों के दायित्व कृपया केवाईसी और नकद लेनदेन पर 18 सितंबर 2002 के हमारे परिपत्र शबैंवि.डीएस.पीसीबी परि.17/13.01.00/2002-03 द्वारा जारी दिशा निर्देश तथा उक्त विषय पर समय-समय पर जारी परिपत्र और 13 सितंबर 2012 का परिपत्र शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि. सं. 8/14.01.062/2012-13 देखें। भारतीय रिज़र्व बैंक ने निरीक्षण /संवीक्षा के दौरान यह देखा है कि शहरी सहकारी बैंकों को उपर्युक्त विषयक दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए सूचित करने के बावजूद, मुख्य रूप से केवाईसी / एएमएल दिशा निर्देशों का पालन न करने तथा ग्राहकों की जोखिम जानकारी और लेनदेनों की उचित निगरानी के अभाव के कारण धनशोधन / अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए शहरी सहकारी बैंकों का माध्यम के रुप में उपयोग किया जाना जारी रहा है। 2 बैंकिंग चैनलों का अवैध / गैरकानूनी गतिविधियों के लिए उपयोग नहीं किया जाए इस उद्देश्य से यह दोहराया जाता है कि सभी शहरी सहकारी बैंक केवाईसी/एएमएल/सीएफटी पर समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिशानिर्देशो का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण तथा ग्राहक पहचान जानकारी अद्यतन करने के लिए आवधिक समीक्षा करने की प्रणाली शुरू करें। 13 सितंबर 2012 के परिपत्र में पहले ही सूचित किए गए अनुसार, प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों को मार्च 2013 के अंत तक एक बार फिर जोखिम वर्गीकरण की प्रक्रिया पूरी करने तथा उनके सभी मौजूदा ग्राहकों के प्रोफाइल संकलित/ अद्यतन करने के लिए सूचित किया जाता है। भवदीय (ए.उदगाता) |