स्वर्ण आभूषण की जमानत पर ऋण - आरबीआई - Reserve Bank of India
स्वर्ण आभूषण की जमानत पर ऋण
आरबीआई/2013-14/453 20 जनवरी 2014 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय स्वर्ण आभूषण की जमानत पर ऋण कृपया 'चिकित्सा व्यय और अप्रत्याशित देयताओं को पूरा करने के लिए स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर अग्रिम' पर 22 नवंबर 1994 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.सं. बीसी.138/21.01.023/94 देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर अग्रिम प्रदान करते समय उन्हें आवश्यक और सामान्य सावधानी बरतनी चाहिए तथा उन्हें अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से इस संबंध में एक समुचित नीति भी बनानी चाहिए। 2. एक विवेकपूर्ण उपाय के रूप में यह निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है कि स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर बैंक ऋण के लिए (स्वर्ण आभूषणों की गिरवी पर बुलेट चुकौती ऋण समेत) मूल्य के प्रति ऋण अनुपात (एलटीवी) 75% से अधिक न हो। अतएव, भविष्य में बैंकों द्वारा मंजूर किया गया ऋण स्वर्ण आभूषणों के मूल्य के 75% से अधिक नहीं होना चाहिए। 3. मूल्य निर्धारण को मानकीकृत करने तथा उधारकर्ता के लिए इसे और पारदर्शी बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि जमानत/संपार्श्विक के रूप में स्वीकृत स्वर्ण आभूषण का मूल्य निर्धारण पूर्ववर्ती 30 दिनों के लिए 22 कैरेट सोने के उस बंद भाव के औसत पर किया जाएगा जो इंडिया बुलियन और ज्वेलर्स एसोसिएशन लि. [जिसे पहले बॉबे बुलियन एसोसिएशन लिमिटेड (बीबीए) के रूप में जाना जाता था] द्वारा उद्धृत किया गया हो। यदि स्वर्ण की शुद्धता 22 कैरेट से कम हो तो बैंकों को संपार्श्विक को 22 कैरेट में परिवर्तित कर संपार्शिवक के सटीक भार का मूल्यांकन करना चाहिए। दूसरे शब्दों में कम शुद्धता वाले स्वर्ण के आभूषणों का मूल्य निर्धारण आनुपातिक रूप से किया जाएगा। 4. यह दुहराया जाता है कि बैंकों को आवश्यक और सामान्य सावधानी बरतना जारी रखना चाहिए तथा अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से स्वर्ण आभूषण की जमानत पर ऋण देने के लिए उचित नीति भी बनानी चाहिए। भवदीय, (राजेश वर्मा) |