भारिबैं / 2011-12/110 ग्राआऋवि.केका.प्लान.बीसी. 11/04.09.01/2011-12 13 जुलाई 2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक मुख्य कार्यपालक निदेशक (सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेग्राबैंकों को छोड़कर) महोदय / महोदया, प्राथमिकता क्षेत्र को उधार – प्राथमिकता क्षेत्र अग्रिम पर रिपोर्टिंग डाटा कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 3 सितंबर 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.सं.प्लान.बीसी. 21/ 04.09.01/2007-08 देखें। 2. अब यह निर्णय लिया गया है कि प्रारूप में कुछ आशोधन के साथ अर्धवार्षिक के स्थान पर त्रैमासिक आधार के तदर्थ डाटा के प्रस्तुतीकरण की बारंबारता को बढ़ाया जाए। 3. तदनुसार, कृपया आप प्राथमिकता क्षेत्र अग्रिमों का डाटा संशोधित प्रारुप में त्रैमासिक आधार पर किसी एक वर्ष के मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार को ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग, केंद्रीय कार्यालय, सांख्यिकीय प्रभाग, 10वीं मंज़िल, नया केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई 400 001 को संदर्भ तारीख से पन्द्रह दिनों के भीतर प्रस्तुत करें। 4. अतः बैंकों से अनुरोध है कि वे जून 2011 के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार से त्रैमासिक आधार पर संलग्न संशोधित प्रारूप में उपर्युक्तानुसार प्राथमिकता क्षेत्र अग्रिमों पर डाटा प्रस्तुत करें। भवदीय ( टी.वी.राव ) उप महाप्रबंधक
मार्च / जून / सितंबर / / दिसंबर के अंतिम रिपोर्टिंग शुक्रवार को सरकारी / निजी / विदेशी बैंकों द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र अग्रिमों पर त्रैमासिक डाटा (क) पिछले 31 मार्च को समायोजित निवल बैंक ऋण (एएनबीसी)* (ख) (अ) कुल तुलन-पत्र एक्सपोजर से इतर (ओबीई) * (आ) ओबीई राशि से समतुल्य ऋण
(खाते लाख में, राशि करोड़ रूपए में)
बैंक का नाम |
खातों की संख्या |
बकाया राशि |
जिसमें से अजा/अजजा को |
खातों की संख्या |
बकाया राशि |
I. प्राथमिकता क्षेत्र अग्रिम (1 से 6 देशी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के लिए) [(1 से6) + 7 (ख) विदेशी बैंकों के लिए] |
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1. कुल कृषि ऋण (क+ख) |
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(क) प्रत्यक्ष |
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(ख) अप्रत्यक्ष |
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कुल कृषि अग्रिम, वित्त में से निम्नलिखित को प्रदान : |
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(i) प्रत्येक किसान (एसएचजी या जेएलजी सहित अर्थात् प्रत्येक किसानों के समूह) |
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(ii) कोर्पोरेट, भागीदारी फर्म और संस्थान (प्रति उधारकर्ता एक करोड़ रुपए की समग्र राशि तक ऋण सीमा) |
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(iii) कोर्पोरेट, भागीदारी फर्म और संस्थान (प्रति उधारकर्ता एक करोड़ रुपए की समग्र राशि से अधिक ऋण सीमा) |
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(iv) कृषि उत्पाद को गिरवी / दृष्टिबंधक रखने के विरुद्ध किसान |
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(v) कोर्पोरेट, भागीदारी फर्म और संस्थानों द्वारा लिए गए खाद्य और कृषि-आधारित प्रसंस्करण इकाई (संयंत्र और मशीनरी में 10 करोड़ रूपए का निवेश) |
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2. माइक्रो और लघु उद्यम (एमएसई) क्षेत्र को कुल ऋण (क+ख) |
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(क) प्रत्यक्ष |
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(ख) अप्रत्यक्ष |
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एमएसई क्षेत्र को कुल अग्रिम में से निम्नलिखित को प्रदान वित्त (जिसमें दोनों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अग्रिम शामिल है): |
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(i) विनिर्माण उद्यम ( क+ख+ग ) |
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(क) उद्यम जिनका संयंत्र और मशीनरी में 5 लाख रूपए तक का निवेश हो |
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(ख) उद्यम जिनका संयंत्र और मशीनरी में 5 लाख रूपए से अधिक और 25 लाख रूपए तक का निवेश हो |
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(ग) उद्यम जिनका संयंत्र और मशीनरी में 25 लाख रूपए से अधिक और 5 करोड़ रूपए तक का निवेश हो |
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(ii) सेवा उद्यम (क+ख+ग) |
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(क) उद्यम जिनका उपस्कर में 2 लाख रूपए तक का निवेश हो |
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(ख) उद्यम जिनका उपस्कर में 2 लाख रूपए से अधिक और 10 लाख रूपए तक का निवेश हो |
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(ग) उद्यम जिनका उपस्कर में 10 लाख रूपए से अधिक और 2 करोड़ रूपए तक का निवेश हो |
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(iii) केवीआई को अग्रिम (कुल एमएसई में से) |
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(iv) कुल एमएसई (सेवा) उधार में से खुदरा व्यापार को अग्रिम ** |
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3. माइक्रो ऋण (कृषि और उससे संबद्ध् कार्यकलापों को प्रदत्त ऋण तथा माइक्रो और लघु उद्यम को ऋण के अतिरिक्त) |
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4. अजा / अजजा के लिए राज्य द्वारा प्रायोजित संगठन |
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5. शिक्षण |
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6. आवास |
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7. कुल निर्यात ऋण *** |
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क. माइक्रो और लघु उद्यम (एमएसई) क्षेत्र को निर्यात ऋण |
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ख. गैर-एमएसई को निर्यात ऋण |
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III. कुल कमज़ोर वर्ग |
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कमज़ोर वर्गों को प्रदत्त ऋणों में से निर्धारित अल्पसंख्यक समुदायों को प्रदत्त ऋण जो कमजोर वर्गों की परिभाषा में आते हो |
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IV. डीआरआई योजना के अंतर्गत अग्रिम |
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* प्राथमिकता क्षेत्र को उधार पर दिशा-निर्देशों में दी गई परिभाषा के अनुसार ** सेवा उद्यम में शामिल किया जाना चाहिए तथा अलग से भी प्रविष्टि की जाए *** केवल विदेशी बैंकों के लिए लागू |
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