निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत प्रेषण योजना -रिर्पोटिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत प्रेषण योजना -रिर्पोटिंग
आरबीआइ/2007-08/277
ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.36
अप्रैल 04, 2008
सेवा में
सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत प्रेषण योजना -रिर्पोटिंग
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान दिसंबर 20, 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.24 के पैरा 6 की ओर आकर्षित किया जाता है ,जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को निर्धारित फार्मेट में, तिमाही आधार पर , उदारीकृत प्रेषण योजना (योजना) के तहत प्राप्त आवेदनों की संख्या और प्रेषित कुल राशि के संबंध में सूचना देनी पड़ती है।
2. अब यह निर्णय लिया गया है कि अप्रैल 2008 से योजना के संबंध में सूचना तिमाही आधार के बजाय मासिक आधार पर संकलित की जाए । तदनुसार,अप्रैल 2008 से प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को संलग्न फार्मेट में मासिक आधार पर सूचना प्रस्तुत करना है । विवरण प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक ,विदेशी मुद्रा विभाग (एफआइडी-ईपीडी),भारतीय रिज़र्व बैंक,केंद्रीय कार्यालय,11वीं मंज़िल, केंद्रीय कार्यालय भवन , मुंबई-400001के पास संबंधित माह के अगले माह की पांच तारीख अथवा उसके पहले पहुंच जाना चाहिए।
3. फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 64, दिसंबर 20, 2006 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 51 और सितंबर 26, 2007 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 9 में दी गई अन्य सभी शर्तें यथावत रहेंगी।
4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भ्ावदीय
(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक