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निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत प्रेषण योजना - निवेशकर्ता को संरक्षण - प्रकटीकरण अपेक्षाएं

भारिबैंक/2004/105
एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 80

18 मार्च 2004

सेवा में

विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय,

निवासी व्यक्तियों के लिए 25,000 अमरीकी डॉलर की उदारीकृत
प्रेषण योजना - निवेशकर्ता को संरक्षण - प्रकटीकरण अपेक्षाएं

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान फरवरी 4, 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं.64 में दिए गए अनुदेशों की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके द्वारा रिज़र्व बैंक ने अधिकतम 25,000 अमरीकी डॉलर प्रति कैलंडर वर्ष के विप्रेषण की निवासी व्यक्तियों को अनुमति देने के एक योजना की घोषणा की थी। यह सुविधा किसी चालू अथवा पूंजीगत खाता लेनदेनों अथवा इन दोनों के संयुक्त रूप के लिए प्रत्येक कैलंडर वर्ष में 25ए000 अमरीकी डॉलर तक के लिए उपलब्ध हैं।

2. बाद में भारत में कार्यरत कई एक विदेशी बैंक और भारतीय बैंक उपर्युक्त योजना के अंतर्गत निवासियों से विदेशी मुद्रा जमा राशि मांगते रहे हैं। यह देखा गया है कि विदेशी केंद्रों में रखने के लिए अथवा विदेशी म्यूचुअल फंड की ओर से एक निश्चित ब्याज दर पर विदेशी मुद्रा निधियों/ जमा राशियों की मांग विभिन्न पिज्ञापनों, समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रहे हैं। इन विज्ञापनों में संभाव्य जमाकर्ताओं के मार्गदर्शन के लिए उपयुक्त प्रकटीकरण नहीं होते हैं। भारत में कार्यरत बैंको के मामले में निवासी व्यक्तियों के हितों के संरक्षण की दृष्टि से पर्याप्त प्रकटीकरण के संबंध में चिंता पैदा होती है।इसके अलावे भारत में परिचालन न करने वाले विदेशी कंपनियों द्वारा विदेशी मुद्रा जमा राशियों की मांग की योजनाओं के भारत में विषणन (मार्केटिंग) सेभी पर्यवेक्षण चिंताएं पैदा होती हैं।

3. अत: सार्वजनिक हित में यह निर्णय लिया गया है कि भारत में परिचालन न करने वाले बैंकों सहित भारतीय और विदेशी सभी बैंक अपने विदेशी/ समुद्रपारीय शाखाओं के लिए विदेशी मुद्रा जमाराशियां मांगने अथवा अवदेशी म्यूचुअल फंड़ों अथवा किसी अन्य विदेशी वित्तीय सेवा कंपनियों के लिए एजेंट के रूप में काम करने हेतु भारत में उनके द्वारा निवासियों के बीच विपणन की जाने वाली योजनाओं के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करे। इस संबंध में आवेदन मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी अधिकारी, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, सेंटर-1, विश्व व्यापार केद्र, कफ परेड, मुंबई 400005 को संबोधित किया जाए।

4. उपर्युक्त अनुदेश इस योजना के अंतर्गत अनुमत पूंजी खाता लेनदेनों में निवेश के लिए निवासी व्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित नहीं करता है।

5. इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है जिसकी प्रति प्राधिकृत व्यापारियों के मार्गदर्शन के लिए संलग्न है।

6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को अवगत करा दें।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं।

भवदीय

ग्रेस कोशी
मुख्य महाप्रबंधक

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