अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों और विदेशी नागरिकों के लिए उदारीकृत प्रेषण सुविधाएं - आरबीआई - Reserve Bank of India
अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों और विदेशी नागरिकों के लिए उदारीकृत प्रेषण सुविधाएं
आर.बी.आइ/2004/36 31 जनवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय अनिवासी भारतीयों/भारतीय मूल के व्यक्तियों और
प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जनवरी 13, 2003 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं. 67 के पैराग्राफ 4 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार अनिवासी भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्ति/ विदेशी नागरिकों (सेवा निवृत्त कर्मचारी अथवा भारतीय नागरिकों की अनिवासी विधवाओं समेत) को अपने एनआओ खाते धारित जमा राशि/ परिसंपत्तियों की विक्री आय में से, निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने पर प्रति कैलेंडर वर्ष 1 मिलियन अमरीकी डॉलर भेजने का अनुमोदन देने की अनुमति दी गई थी : i. वचन पत्र ii. नवम्बर 26, 2002 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं. 56 के साथ पठित सितम्बर 28, 2002 का ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं. 27 में विहित प्रेषण करने वाले व्यक्ति का प्रमाणपत्र। 2. मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 13/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन दिनांक जुलाई 8, 2003 की अधिसूचना सं. फेमा.97/2003- आरबी द्वारा अधिसूचित किए गए है, जिसकी प्रतिलिपि संलग्न है। 3. सुविधा के विविध पहलुओं - पात्रता मानदण्डों, प्रयोजन और प्रत्यावर्तन की सीमा आदि से संबंधित स्पष्टीकरण परिशिष्ट में दिए गए हैं। 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय ग्रेस कोशी संलग्नक : यथोक्त परिशिष्ट [ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं. 62 अनिवासियों द्वारा भारत में धारित परिसंपत्तियों के प्रेषण की सुविधाएं (अ) पात्र कौन है? (I) विदेशी नागरिक डनेपाल अथवा भूटान के नागरिक अथवा भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) के सिवाय जो : (i) भारत में किसी सेवा से सेवानिवृत्त हो चुका हो, अथवा (ii) जिसे भारत में निवासी टिकसी व्यक्ति से विरासत में परिसंपत्ति प्राप्त हो, अथवा (iii) भारत से बाहर रहने वाली कोई विधवा जिसे भारत में निवासी भारतीय नागरिक अपने मृतक पति से विरासत में परिसंपत्ति प्राप्त हुई हो। (II) अनिवासी भारतीय/ भारतीय मूल के व्यक्ति जिसने अपने भारत निवास के दौरान अपने रुपए ॉााटत से अथवा भारत में निवासी किसी व्यक्ति से वसीयत अथवा विरासत द्वारा प्रश्थनाधीन परिसंपत्ति अभिगृहीत की हो। (आ) प्रत्यावर्तन की पात्र निधि / परिसंपत्ति (इ) प्रेषण का प्रयोजन उदारीकृत प्रेषण सुविधा सभी जायज़ प्रयोजनों के लिए उपलब्ध है। (ई) परिसंपत्तियों के प्रत्यावर्तन के लिए पूरी जाने वाली सामान्य शर्तें i. प्रेषण के लिए प्रस्तावित निधियों/ परिसंपत्तियों के अभिग्रहण के समर्थन में दस्तावेज़ी साक्ष्य। ii. कर संबंधी अनुपालन के बारे में वचन पत्र और प्रमाण पत्र। (उ) अचल संपत्ति की विक्री आय के प्रत्यावर्तन से संबंधित विनिर्दिष्ट शर्तें i. रुपया निधि से अभिगृहीत अचल संपत्ति की विक्री आय का प्रत्यावर्तन इस शर्त पर उपलब्ध है कि संपत्ति कम से कम 10 वर्ष तक रखी गई हो। यदि इस प्रकार अभिगृहीत संपत्ति की 10 वर्ष से कम अवधि तक रखकर बेचा जाता है तो प्रेषण तभी किया जा सकता है यदि विक्री आय अनिवासी भारतीय/ भारतीय मूल के व्यक्ति द्वारा अपने एनआरओ (बचत/ मीयादी जमा) खाते में अथवा किसी अन्य पात्र प्रतिभूति में शेष अवधि तक रखी गई हो, बशर्ते कि ऐसा निवेश यह प्रमाणित करे कि वह अचल संपत्ति में से किया गया है। ii. निम्नलिखित प्रकार से अभिहित अचल संपत्ति के संबंध में कोई समयबंदी नहीं है : (क) विरासत/ वसीयत (ऊ) प्रेषण प्रक्रिया i. यदि प्रेषण एक से ज़्यादा किश्तों में किया जाना है तो सभी किश्तें उसी प्राधिकृत व्यापारी के माध्यम से भेजी जाएं। ii. यह भी स्पष्ट किया जाता है कि प्रेषण सुविधा तभी उपलब्ध रहेगी यदि अनिवासी भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्ति/ विदेशी नागरिक का कोई एनआरओ खाता नहीं है। परंतु प्रेषण केवल सामान्य बैंकिंग मार्ग से, कर अनुपालन की शर्तों के अधीन, किया जाएगा। ******* |