व्युत्पन्न (डेरिवेटिव्स) खंड में लेनदेनों के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा जमानत (कोलेटेरल) का रखरखाव -क्लियरिडग कारपोरेशन्स और क्लियरिडग सदस्यों द्वारा डीमैट खाते खोलना - आरबीआई - Reserve Bank of India
व्युत्पन्न (डेरिवेटिव्स) खंड में लेनदेनों के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा जमानत (कोलेटेरल) का रखरखाव -क्लियरिडग कारपोरेशन्स और क्लियरिडग सदस्यों द्वारा डीमैट खाते खोलना
आरबीआइ / 2007-08/ 99
ए.पी(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.02 दिनांक
जुलाई 25, 2007
सेवा में
सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया / महोदय
व्युत्पन्न (डेरिवेटिव्स) खंड में लेनदेनों के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा जमानत (कोलेटेरल) का रखरखाव -क्लियरिडग कारपोरेशन्स और क्लियरिडग सदस्यों द्वारा डीमैट खाते खोलना
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशाधित जुलाई 4, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आर बी - 2004 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 और विदेशी संस्थागत निवेशकों को व्युत्पन्न खंड में उनके लेनदेनों के लिए, भारत स्थित मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज को, जमानत के रूप में एएए रेटिंगवाले विदेशी सर्वोत्तम प्रतिभूतियों का प्रस्ताव देने की अनुमति देनेवाला जुलाई 28, 2006 का ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.4 की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. प्रक्रिया को ओर उदार बनाने के लिए भारत सरकार और सेबी के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि सेबी द्वारा अनुमोदित स्टॉक एक्सचेंजों के क्लियरिडग कारपोरेशन्स और उनके क्लियरिडग सदस्यों को इस संबंध में सेबी द्वारा समय-समय पर जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों के अधीन निम्नलिखित लेनदेन करने की अनुमति दी जाए:
i) विदेशी जमाकर्ताओं के साथ डीमैट खाता खोलना और रखना तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा जमानत के रूप में प्रस्तावित विदेशी सर्वोत्तम प्रतिभूतियों का अधिग्रहण, धारण, गिरवी रखना और अंतरण करना;
ii) ऐसे विदेशी सर्वोत्तम प्रतिभूतियों पर कारपोरेट कार्रवाई से होने वाले प्राप्यों, यदि कोई हो, का प्रेषण करना; और
iii) आवश्यकता पड़ने पर ऐसे विदेशी सर्वोत्तम प्रतिभूतियों को बेचना.
3. क्लियरिडग कारपोरेशन उनके द्वारा उनके क्लियरिडग सदस्यों के गैर नकदी जमानत के रूप में धारित विदेशी सर्वोत्तम प्रतिभूतियों के शेष की सूचना मासिक आधार पर मुख्य महा प्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, विदेशी निवेश प्रभाग, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई को देंगे। रिपोर्ट संबंधित माह के अगले माह के 10 तारीख तक प्रस्तुत की जानी चाहिए।
4. जुलाई 4, 2007 की फेमा अधिसूचना सं.फेमा 120/आर बी-2004 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 में आवश्यक संशोअन अलग से जारी किए जाएंगें।
5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं ।
6. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10(4)और 11(1) के अंतर्गत जारी किए है और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महा प्रबंधक