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डेरिवेटिव संविदाओं के लिए मार्जिन

आरबीआई/2020-21/98
ए्.पी. (डीआईआर शृंखला) परिपत्र सं. 10

15 फरवरी 2021

सभी प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंक

महोदया / महोदय

डेरिवेटिव संविदाओं के लिए मार्जिन

प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंकों (एडी-I) का ध्यान भारत के राजपत्र में दिनांक 23 अक्‍तूबर 2020 की अधिसूचना सं.फेमा.399/आरबी.2020 के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (डेरिवेटिव संविदाओं हेतु मार्जिन) विनियमावली, 2020 (संलग्नक-I) की तरफ आकर्षित किया जाता है। तदनुसार, भारत के निवासी व्‍यक्ति और भारत से बाहर के किसी व्‍यक्ति के बीच अनुमत डेरिवेटिव संविदाओं के करारों हेतु मार्जिन की पोस्टिंग और संग्रह की अनुमति देने के लिए ये निदेश जारी किए जा रहे हैं।

2. सभी प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंक अपने खाते में या अपने ग्राहकों की तरफ से, भारत से बाहर के किसी व्‍यक्ति के साथ अनुमत डेरिवेटिव संविदाओं के लिए निम्नलिखित रूपों में हुए करारों के लिए भारत में मार्जिन को पोस्‍ट और संग्रह कर सकते हैं :

  1. भारतीय मुद्रा;

  2. मुक्‍त रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा;

  3. भारत की केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी की गई ऋण प्रतिभूतियां;

  4. भारत में निवासी व्यक्तियों द्वारा जारी रुपया बॉन्‍ड जो :

    1. भारत में मान्‍यता-प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेन्‍जों में सूचीबद्ध हों; और

    2. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड में पंजीकृत रेटिंग एजेन्‍सी द्वारा एएए क्रेडिट रेटिंग दी गई हो। यदि दो या अधिक क्रेडिट रेटिंग एजेन्सियों ने अलग-अलग रेटिंग दी हो तो न्यूनतम रेटिंग को स्वीकार्य किया जाएगा।

स्‍पष्‍टीकरण : अनुमत डेरिवेटिव संविदा का वही आशय रहेगा जो विदेशी मुद्रा प्रबंधन (डेरिवेटिव संविदाओं हेतु मार्जिन) विनियमावली, 2020 में निर्धारित किया गया है [अधिसूचना सं. फेमा.399/आरबी-2020 दिनांक 23 अक्‍तूबर 2020]

3. प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंक इस मार्जिन को भारत के बाहर निम्‍नलिखित रूप में पोस्‍ट और संग्रह कर सकते हैं:

  1. मुक्‍त रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुदा;

  2. विदेशी संप्रभु सरकारों द्वारा जारी ऋण प्रतिभूतियां जिन्‍हें एसएन्‍डपी ग्‍लोबल रेटिंग्‍स / फिच रेटिंग्‍स से एए- और इससे उच्‍च या मूडीज इन्‍वेस्‍टर्स सर्विस से एए3 और इससे उच्‍च क्रेडिट रेटिंग मिली हो। यदि दो या अधिक क्रेडिट रेटिंग एजेन्सियों ने अलग-अलग रेटिंग दी हो तो न्यूनतम रेटिंग को स्वीकार्य किया जाएगा।

4. प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंक भारत से बाहर के किसी व्‍यक्ति के साथ अनुमत डेरिवेटिव संविदा में किए गए करार हेतु अपने खाते में या अपने ग्राहकों की तरफ से पोस्‍ट और संग्रह किए गए मार्जिन पर ब्याज को प्राप्‍त और ब्याज का भुगतान कर सकते हैं।

5. प्राधिकृत डीलर श्रेणी-I बैंक भारत में नकद मार्जिन की पोस्टिंग और संग्रहण हेतु और इससे संबंधित लेनदेन हेतु भारत से बाहर रहने वाले व्यक्तियों के नाम से एक अलग खाता रखेंगे।

6. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और किसी अन्‍य कानून के तहत अपेक्षित अनुमतियों/अनुमोदनों, यदि कोई हों, पर इनसे प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

भवदीया,

(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबन्‍धक

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